मुजफ्फरपुर : राज्य में नई सरकार के गठन के बाद विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की आस जग गई है। इस कड़ी में शहर के आसपास से गुजरने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) को जोड़ने की योजना भी शामिल है। आरसीडी-वन ने पथ निर्माण विभाग को इस रिंग रोड का प्रस्ताव फिर से भेजा है। स्वीकृति के बाद इस योजना पर काम शुरू होगा। इस योजना को स्वीकृति मिलने की आस इसलिए भी अधिक है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी शहरों में बाइपास बनवाने की बात कही है।

विभाग को भेजे गए प्रस्ताव के बारे में आरसीडी-वन के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार कहते हैं कि रिंग रोड के बन जाने से शहर पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। दूसरे जिले व शहर के बाहर के लोगों को गंतव्य तक जाने में कम समय लगेगा। वहीं उनके सफर की दूरी भी कम हो जाएगी। प्रस्ताव के अनुसार एनएच-20, एनएच-77, एनएच-57 व एनएच-102 को यह रिंग रोड जोड़ेगा। इसमें एनएच-77 में मधौल से निकला रिंग रोड एनएच-28 में काजीइंडा के पास मिलेगा। यह बुधनगरा-रजवाड़ा पथ में मणिका के पास बूढ़ी गंडक क्रास करते हुए एनएच-57 में मझौली के पास मिलेगा। इससे तीनों एनएच आपस में जुड़ जाएंगे। प्रस्ताव में कहा गया है कि पटना व बेगूसराय से आने वाले वाहन शहर के प्रमुख चौक कच्ची-पक्की, रामदयालु, गोबरसही, भगवानपुर, चांदनी चौक, जीरोमाइल, बखरी होते हुए एनएच-57 की ओर जाते हैं। इससे सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी की ओर जाने वाले वाहन से शहर में जाम की स्थिति बन जाती है। इस पथ के निर्माण से वाहनों को बायपास से शहर के बाहर होकर गुजारा जा सकता है। इसके अलावा एनएच-102 से निकला रिंग रोड लदौरा होते हुए एनएच-77 में मिलेगा। इस योजना में भू-अर्जन समेत करीब 344 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए करीब 43.615 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होगी।

Source : Dainik Jagran

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