जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार द्वारा उनके कार्यालय कक्ष में आज बाढ़ की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन एवं प्रभारी पदाधिकारी,आपदा प्रशाखा के साथ सहायक समाहर्ता ,उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता राजस्व, दोनों अनुमंडल पदाधिकारी सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में जिलाधिकारी ने प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि सभी अपने अपने प्रखंडों में बाढ़ की अद्यतन स्थिति पर सतत नजर बनाए रखें ।प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ राहत कार्य एवं बचाव से संबंधित किये जा रहे कार्यों का सतत अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने निर्देश दिया कि आपदा की स्थिति में किसी भी स्तर पर कोताही पर जिम्मेदारी फिक्स की जाएगी। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रखंडों में चल रहे सामुदायिक रसोई का समय-समय पर निरीक्षण करना सुनिश्चित करें एवं निरीक्षण प्रतिवेदन भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रसोई में समय पर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो।साथ ही भोजन की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की शिकायत पर संबंधित पर करवाई सुनिश्चित की जाएगी।

बैठक में इसके अतिरिक्त प्रभावित क्षेत्रों में नावों का परिचालन, पॉलीथिन सीट्स की उपलब्धता एवं वितरण, मेडिकल कैंप, पशु कैम्प, सूखा राशन पैकेट वितरण, मुख्य बांधों की अद्धतन स्थिति इत्यादि की समीक्षा की गई। निर्देश दिया गया कि वरीय पदाधिकारी के साथ जिला स्तरीय और प्रखंड स्तरीय अधिकारी वर्तमान स्थिति में अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी गंभीरता के साथ करें।

बैठक में आपदा प्रशाखा द्वारा बताया गया कि जिले के 10 प्रखंड के 83 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं जिसमें 11 पंचायत पूर्ण रूप से एवं 72 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं। जिले की 267559 जनसंख्या प्रभावित है। राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। बताया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी और निजी नावे मिलाकर कुल 249 नावे चलाई जा रही हैं जबकि अभी तक 20513 पॉलीथिन सीट्स का वितरण कर दिया गया है वही 1600 पैकेट्स सूखा राशन का वितरण हुआ ये। कुल 117 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं। 8 स्वास्थ्य केंद्र तथा 39 पशु कैंप चल रहे हैं।

बैठक में आपदा प्रशाखा द्वारा बताया गया कि गंडक नदी और बागमती नदी के जलस्तर में कमी आई है जो खतरे के निशान से नीचे बह रही है, पानी धीरे -धीरे कम हो रहा है जबकि बूढ़ी गंडक का जलस्तर 53.52 मीटर के साथ खतरे के निशान से ऊपर है परन्तु constant है।

आपदा प्रबंधन प्रशाखा द्वारा बताया गया कि हालात नियंत्रण में है। वहीं जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर ने कहा कि प्रशासन सजग है सतर्क है और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

उन्होंने जिले वासियों से अपील की कि अपने बच्चों को नदियों के किनारे नहीं भेजे। नदियों में स्नान करने के लिए नहीं भेजें। इससे दुर्घटना हो सकती है। कहा कि लोग सतर्क रहें, सावधान रहें और साथ ही अफवाहों से बचें।

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