कोरोना वायरस के कारण देश और दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन होने के बाद लाखों लोग घर से काम कर रहे हैं। घर से काम के दौरान मीटिंग स्काइप या फिर जूम जैसे वीडियो कॉलिंग एप के जरिए हो रही है। वर्क फ्रॉम होम के दौरान जूम वीडियो कॉलिंग एप का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई भी इसी एप से हो रही है, लेकिन सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और राष्ट्रीय साइबर-सुरक्षा एजेंसी ने कुछ दिन पहले जूम की सिक्योरिटी को लेकर लोगों को आगाह किया था और कहा था कि जूम एप साइबर हमलों का जरिया बन सकता है। इस एप के जरिए साइबर अपराधी सरकारी और निजी कार्यालयों से डाटा चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। सीईआरटी ने कहा है कि जूम एप के साथ डाटा लीक का खतरा है।
सुझाव के तौर पर एजेंसी ने कहा है कि जूम एप के इस्तेमाल से पहले एप को अप-टू-डेट रखें और मजबूत पासवर्ड रखें। इसके अलावा एप में वेटिंग फीचर को ऑन रखें ताकि मीटिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों पर कंट्रोल बना रहे। वहीं अब गृह मंत्रालय ने भी जूम एप को इस्तेमाल करने से मना किया है। सरकार ने कहा है कि जूम एप के जरिए अनाधिकृत लोग कॉन्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं। जूम एप की कमजोर सिक्योरिटी का फायदा उठाकर हैकर्स आपके कंप्यूटर में वायरस डाल सकते हैं।
जूम के सीईओ एरिक एस युआन ने अपने एक ब्लॉग में बताया है कि दिसंबर 2019 में जूम के डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 10 मिलियन एक करोड़ थी जो मार्च 2020 में 200 मिलियन यानी 20 करोड़ हो गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के 20 देशों के 90,000 से अधिक स्कूल भी जूम एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। सीईओ एरिक एस युआन ने सिक्योरिटी को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा है कि कंपनी मामले की जांच कर रही है और अगले 90 दिनों में सिक्योरिटी के मसले को हल किया जाएगा। सिक्योरिटी पैच के लिए अपडेट जारी किया जाएगा।
Zoom एप के पांच लाख अकाउंट्स हुए हैक
हाल ही में जूम एप के पांच लाख अकाउंट्स के हैक होने की खबर आई है। ब्लीपिंग कंप्यूटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जूम के पांच लाख अकाउंट को हैक कर लिया गया है और डार्क वेब पर मामूली कीमत में लोगों का निजी डाटा बेचा जा रहा है। जूम एप यूजर्स का डाटा हैकर्स फोरम पर बिक रहा है। इसके बारे में सबसे पहले एक अप्रैल को साइबर सिक्योरिटी फर्म Cyble ने जानकारी दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक डार्क वेब पर जूम एप यूजर्स का डाटा मामूली कीमत $0.0020 यानी करीब 0.15 प्रति अकाउंट बिक रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हैकिंग बकायदा पासवर्ड और आईडी के जरिए हुई है यानी कि हैकर्स को इसके बारे में पहले से जानकारी थी।