3 मई तक लॉकडाउन (Lockdown Part 2) बढ़ाए जाने के बाद केंद्र सरकार (Government of India) ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था (India Economy) को चालू रखने के सभी उपाय किए गए हैं. साथ ही, शहरों में फंसे मजदूरों के लिए भी राहत दी गई है. 20 अप्रैल के बाद शहरों के भीतर निर्माण कार्य को छूट मिलेगी. क्योंकि कंस्ट्रक्शन (Construction Activity) के काम के लिए शहर में मौजूद मजदूरों को ही रोज़गार दिया जाएगा. बाहर से मजदूर नहीं लाए जाएंगे. इस पहल से महानगरों में फंसे मजदूरों को बहुत फायदा होगा क्योंकि पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी.

आपको बता दें कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के लोगों को एक और रियायत दी गई है. 15 अप्रैल से कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने मंत्रियों की कमेटी और अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान तय किया गया कि कंस्ट्रक्शन साइट शुरू की जाएंगी. फिलहाल, इन साइट पर 40 फीसदी मजदूर मौजूद हैं.

खेती से जुड़े मज़दूरों को भी मिली छूट

खेती संबंधी किसी काम पर सरकार ने रोक नहीं लगाई है. मजदूर खेतों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम कर सकते हैं. मनरेगा के तहत काम जारी रहेगा. साथ ही शर्तों के साथ निर्माण कार्यों को भी अनुमति प्रदान की जाएगी.

कंस्ट्रक्शन कंपनियों की हालत हुई और खराब

इंडिया रेटिंग्स के अनुसार एक महीने तक लॉकडाउन की स्थिति से कंस्ट्रक्शन कंपनियों के तिमाही रेवेन्यू में 8 से 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है. कंस्ट्रक्शन कंपनियों का 30 से 35 फीसदी रेवन्यू फिस्कल ईयर की अंतिम तिमाही में ही आ जाता है. ऐसे में इनके रेवेन्यू पर कोरोना वायरस की वजह से होने वाले लॉकडाउन का बड़ा असर पड़ रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार राजधानी दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु सहित कई बड़े शहरों में मार्च महीने में कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी कमजोर हुई है. यह अप्रैल में भी जारी रहने की आशंका है. क्योंकि जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे लॉकडाउन आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इस वजह से कंस्ट्रक्शन कंपनियों के कारोबार पर बड़ा असर देखा जा रहा है.

कंस्ट्रक्शन कंपनियां अभी कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही हैं. ऐसे में कोरोना संकट गंभीर रूप से इन कंपनियों की आमदनी को प्रभावित करेगा और लगभग सभी को आने वाले महीनों में भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि मुंबई और शेष महाराष्ट्र में सभी साइट गतिविधियां पीस रही हैं क्योंकि सामग्री की आपूर्ति बंद हो गई हैं. वहीं सब कांट्रैक्टर निर्माण गतिविधियों के लिए संसाधनों की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं.

Input : News18

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