20 जुलाई को सावन महीने का तीसरा सोमवार है। सावन के महीने में सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है। तीसरे सावन सोमवार पर सोमवती अमावस्या भी है जिस कारण से इस सावन सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन सोमवार के दिन शिव मंदिरों में बढ़ी भीड़ रहती है लेकिन इस वर्ष कोरोना संकटकाल के कारण ज्यादातर मंदिरों में बहुत ही कम लोग जलाभिषेक करेंगे।हालांकि इस दौरान लोग अपने-अपने घरों में रहकर विधिवत रूप से सावन सोमवार पर भोलेनाथ की पूजा-आराधना जरूर करते हैं। मान्यता है सावन के महीने में शिव आराधना करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।
तीसरा सावन सोमवार पूजा विधि
20 जुलाई को तीसरा सावन सोमवार है। इस दिन सोमवती अमावस्या होने के कारण पूजा विशेष रूप का जाती है। भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इनकी पूजा बहुत ही आसान होती है। भोलेनाथ एक लोटा जल और एक पत्ती को अर्पित करने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इस दिन व्रती सुबह जल्दी उठें। इसके बाद शिव पूजन में प्रयोग की जानी वाली सामग्री को एकत्रकर घर के पास के शिव मंदिर में जाकर पूजा करें। सभी पूजन सामग्री को भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करने के बाद शिवजी को प्रणाम करें। ध्यान रहे इस दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय शिव के मंत्रों का लगातार जाप करते रहें।
रुद्राभिषेक
रूद्र का अभिषेक करने से सभी देवों का भी अभिषेक करने का फल उसी क्षण मिल जाता है। रुद्राभिषेक में सृष्टि की समस्त मनोकामनायें पूर्ण करने की शक्ति है अतः अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग पदार्थों से अभिषेक करके प्राणी इच्छित फल प्राप्त कर सकता है। इनमें दूध से पुत्र प्राप्ति, गन्ने के रस से यश उत्तम पति/पत्नी की प्राप्ति, शहद से कर्ज मुक्ति, कुश एवं जल से रोग मुक्ति, पंचामृत से अष्टलक्ष्मी तथा तीर्थों के जल से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिव मंत्र
सावन सोमवार पर शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इन शिव मंत्रों का जाप जरूर करें।
ॐ नमः शिवाय॥
नम: शिवाय॥
ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय॥
ॐ पार्वतीपतये नम:॥
ॐ पशुपतये नम:॥
ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥