बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सुशांत सिंह के इस तरह दुनिया से जाने के पीछे कई लोग बॉलीवुड को ही जिम्मेदार मान रहे हैं, कहा जा रहा है कि सुशांत ने नेपोटिज्म के चलते अपनी जान ले ली। इस बीच फिल्म निर्माता निर्देशक करन जौहर, अभिनेता सलमान खान, अमिताभ बच्चन और निर्माता एकता कपूर के खिलाफ सुशांत सिंह राजपूत को अत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में लखनऊ के एसीजेएम की अदालत में परिवाद दायर किया गया है।
30 जून को दर्ज होंगे बयान
यह परिवाद पार्थ चतुर्वेदी ने दायर किया है। अर्जी में सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या मामले की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की गई है। बता दें, मामले में दाखिल अर्जी को एसीजेएम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने 30 जून को वादी को गवाही के लिए बुलाया है। दरअसल, अर्जी में पार्थ ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत उभरते सितारे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि छोटे शहरों और परिवारों से आने वाले कलाकारों को स्थापित निर्माता और अभिनेता अपने बच्चों को स्थापित करने के लिए इतना हतोत्साहित कर देते हैं। ऐसा सुशांत के साथ भी हुआ, जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में चले गए और यह कदम उठाया।
डिप्रेशन में थे सुशांत
सुशांत ने कई इंटरव्यू में इस बात का जिक्र भी किया था कि उनके साथ बॉलीवुड में सौतेला व्यवहार किया जाता था। साथ ही उन्हें बॉलीवुड की बड़ी हस्तियां अपनी पार्टी में नहीं बुलाती थीं। एक बड़े प्रोड्यूसर से उनका विवाद चल रहा था, जिस वजह से कई बड़े बैनर्स ने उन्हें बैन भी कर दिया। जिस वजह से वो डिप्रेशन में थे। सोशल मीडिया पर लोग नेपोटिज्म को उनकी मौत का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। साथ ही नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालों के बायकॉट की मुहिम भी चलाई जा रही है।
बिहार में 8 हस्तियों पर दर्ज हुई है FIR
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले में आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ये केस बिहार के मुजफ्फरपुर में वकील सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज कराया है। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है, उनमें फिल्मकार करण जौहर, संजय लीला भंसाली, सलमान खान और एकता कपूर का नाम शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306, 109, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
क्या होता है परिवाद?
एक्टर सुसाइड मामले में जिन 4 लोगों के खिलाफ अर्जी दी गई है उसे परिवाद या कंप्लेंट केस बोलते हैं। कंप्लेंट पोषणीय का मेन्टेनेबल है या नहीं कोर्ट में इस पर फैसला होगा। ऐसी अर्जी पर आरोपियों के जवाब आने के बाद ही मामला दर्ज होता है। कंप्लेंट लिखाने के लिए वाज़िब कारण या सबूत भी देने होते हैं।