पांच साल में बिहार के चार शहरों में एक भी स्मार्ट सिटी नहीं बन सका। ये शहर- भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना व बिहारशरीफ हैं। हर वर्ष 200 करोड़ के हिसाब से पांच वर्षों में हर स्मार्ट सिटी का एक हजार करोड़ का बजट था, लेकिन अब तक हर सिटी को सिर्फ दो-दो सौ करोड़ ही मिले हैं। इसमें केन्द्र व राज्य की भागीदारी 50 -50 प्रतिशत है। यानी हर साल सौ करोड़ केन्द्र देगा और सौ करोड़ राज्य सरकार को लगाना होगा। लेकिन यह राशि अब तक खर्च नहीं हो सकी। राज्य सरकार ने केन्द्र की राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं भेजा, इसलिए केन्द्र ने दूसरी किस्त ही नहीं दी। स्मार्ट सिटी की तय समय सीमा मार्च में समाप्त हो रही है।

SMART-CITY-MUZAFFARP
PIC BY SATYA PARKASH

दो शहरों के लिए एसपीवी के तहत भी नहीं हुई बहाली 

स्मार्ट सिटी योजना वित्तीय वर्ष 2015-16 में शुरू की गई थी। भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना एवं बिहारशरीफ के लिए स्पेशल परपस ह्वेकिल (एसपीवी) का गठन हो गया है। इसमें विभिन्न पदों -सीजीएम, जीएम, मैनेजर, मुख्य वित्त पदाधिकारी के साथ ही टेक्निकल व फाइनेंशियल टीम की बहाली करनी थी। पटना स्मार्ट सिटी के लिए बहाली हुई है। भागलपुर स्मार्ट सिटी के लिए भी कुछ बहाली हुई, लेकिन बिहारशरीफ व मुजफ्फरपुर  के लिए अब तक बहाली नहीं हुई है।

भागलपुर छोड़ किसी स्मार्ट सिटी में सीओ की बहाली नहीं 

चारों स्मार्ट सिटी के लिए कंट्रोलिंग अथॉरिटी के तौर पर सीओ की बहाली होनी थी। मगर, भागलपुर को छोड़कर किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए सीओ की बहाली नहीं की गई है। पटना में नगर निगम के अपर आयुक्त, मुजफ्फरपुर में नगर आयुक्त व बिहारशरीफ में नगर आयुक्त को ही सीओ का चार्ज दिया गया है। नतीजा यह है कि सीओ का पद नहीं रहने से स्मार्ट सिटी का काम तेजी से नहीं हो रहा है।

चारों स्मार्ट सिटी में इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर बनने थे। पटना व भागलपुर के लिए सेंटर का टेंडर हो गया है। पटना के लिए कंपनी को फंड भी मिल चुका था, लेकिन निविदा में गड़बड़ी की शिकायत पर नगर विकास विभाग ने जांच बैठा दी। जांच टीम ने निविदा में गड़बड़ी की शिकायत सही पाई। विभाग ने प्रमंडलीय आयुक्त से दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की, पर आजतककोई कार्रवाई नहीं हुई। कमांड सेंटर का काम लटका है। भागलपुर कमांड सेंटर को टेंडर निकाला गया था,  लेकिन प्रमंडलीय आयुक्त ने विभाग को टेंडर में अनियमितता की शिकायत की थी। जांच के बाद टेंडर निरस्त कर दिया गया। बिहारशरीफ व मुजफ्फरपुर इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमाण्ड सेन्टर का कोई अता-पता नहीं है।

कुछ तकनीकी कारणों एवं प्रक्रिया में विलंब के कारण चारों शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का काम समय पर पूरा नहीं हो सका। अगले पांच वर्षों में स्मार्ट सिटी का काम पूरा हो जाएगा।
-सुरेश कुमार शर्मा, मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग

स्मार्ट सिटी का टेंडर रद्द हो गया है। इस कारण काम रुका है। विभागीय स्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं। कार्यों की समीक्षा के लिए शीघ्र मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी। अगले छह माह में काम में तेजी आएगी।
– आनंद किशोर, सचिव, नगर विकास 

Input : Hindustan

 

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