लखनऊ में शुरू हुए डिफेंस एक्सपो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिकतम ह’थियारों का जायजा लिया. पीएम मोदी ने यहां ह’थियारों को देखा और वर्चुअल शू’टिंग रेंज में नि’शाना भी लगाया. एक्सपो में मौजूद एक्सपर्ट्स ने पीएम मोदी को ह’थियारों के बारे में जानकारी दी फिर यहां पर नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल शू’टिंग रेंज में गो’लियां भी चलाई.
दरअसल वर्चुअल शूटिंग रेंज विज्ञान की वो करामात है जहां आप बिना गोलियां बर्बाद किए निशाना लगा सकते हैं और अपनी क्षमता भी जांच सकते हैं. सैनिकों के लिए ये ट्रेनिंग बेहद जरूरी है.
पीएम के हाथ में राइफल
विशेषज्ञों ने बताया कि पीएम जहां मौजूद थे वो वर्चुअल शूटिंग रेंज था. वर्चुअल शूटिंग रेंज में निशानेबाज या सैनिक बिना युद्ध में गए युद्ध जैसा रोमांच महसूस कर सकते हैं और अपने युद्ध कौशल का आकलन कर सकते हैं. एक रोमांचक अनुभव में पीएम मोदी ने यहां पर अपने हाथ में राइफल थामी और खुद निशाना लगाया.
#WATCH Lucknow: Prime Minister Narendra Modi at a stall showcasing a virtual shooting range. #DefExpo2020 pic.twitter.com/KQTlfoUWG9
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 5, 2020
रक्षा क्षेत्र में इंडिया की उड़ान
इससे पहले डिफेंस एक्सपो को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि रक्षा क्षेत्र में भारत ने स्वदेशी तकनीक का विकास कर रहा है. पीएम ने कहा कि आज ISRO भारत के लिए, पूरी दुनिया के लिए, Outer Space के रहस्यों को ढूंढ़ रहा है, तो भारत का DRDO इन संपत्तियों को गलत ताकतों से बचाने के लिए रक्षा की दीवार खड़ी कर रहा है.
Prime Minister Narendra Modi at the #DefExpo2020 in Lucknow. pic.twitter.com/4Q25MbDO2b
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 5, 2020
भारत शांति का भरोसेमंद पार्टनर
पीएम ने कहा कि भारत आज से नहीं बल्कि हमेशा से विश्व शांति का भरोसेमंद पार्टनर रहा है. उन्होंने कहा कि दो विश्व युद्ध के दौरान हमारा डायरेक्ट स्टेक ना होते हुए भी भारत के लाखों जवान शहीद हुए थे. उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में 6 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिक संयु्क्त राष्ट्र शांति सैनिक का हिस्सा हैं.
भारत की रक्षा जरूरतों और चुनौतियों की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि टेक्नॉलॉजी का गलत इस्तेमाल हो और टेररिज्म हो या फिर साइबर खतरा, ये पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. उन्होंने कहा कि नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई टेक्नॉलॉजी को इवॉल्व कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं- रक्षा और अनुसंधान की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन. बीते 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है.