भारत सरकार ने मोबाइल सिम और मोबाइल नंबर को लेकर कई बड़े ऐलान किए हैं. पुराने कई नियमों को बदलते हुए नए नियम लाए गए हैं. नए नियमों से ग्राहकों को सुविधा होगी और घर बैठे कई काम हो जाएंगे. अब मोबाइल का नया कनेक्शन घर बैठे मिलेगा, वह भी आधार नंबर और एक ओटीपी के जरिये. मोबाइल नंबर को पोर्ट करना हो तो यह काम महज आधे घंटे में हो जाएगा.

The Complete Guide to Number Porting Between VoIP Providers

नए नियमों के मुताबिक कोई ग्राहक घर बैठे ऑनलाइन सिम के लिए अप्लाई कर सकेगा. यह सिम कार्ड ग्राहक को घर पर ही डिलीवर किया जाएगा. इसके लिए डिजिलॉकर का सहारा लिया जाएगा. मान लें किसी ग्राहक ने अगर डिजिलॉकर में अपना आधार कार्ड रखा है तो वहीं से सीधा वेरिफाई कर मोबाइल सिम का नया कनेक्शन मिल जाएगा. ग्राहक को इस काम के लिए मोबाइल की दुकान या टेलीकॉम आपरेटर के स्टोर पर जाने की कोई जरूरत नहीं होगी. इसके बारे में केंद्रीय कैबिनेट में 15 सितंबर को ऐलान किया.

इस कानून में हुआ बदलाव

आधार से ई-केवाईसी कराने के लिए ग्राहक को मात्र 1 रुपये खर्च करने होंगे. इसी आधार वेरिफिकेशन पर ग्राहक को नई सिम मिल जाएगी. सरकार ने इससे पहले जुलाई 2019 में इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 में बदलाव कर आधार ई-केवाईसी को अनुमति दे दी थी ताकि लोगों को आसानी से नया मोबाइल कनेक्शन मिल सके. आधार से ई-केवाईसी (e-KYC) का नया नियम भी चलेगा और उसके साथ मोबाइल कनेक्शन देने का पुराना नियम भी जारी रहेगा. लोकल या किसी दूसरे राज्य के ग्राहक इन दोनों नियमों से मोबाइल सिम ले सकेंगे.

ई-केवाईसी की शर्त

हालांकि मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार से ई-केवाईसी का नियम एक दिन में सिर्फ एक कनेक्शन के लिए लागू है. यानी कि अगर कोई व्यक्ति अपने आधार से ऑनलाइन वेरिफिकेशन कर मोबाइल सिम के लिए ऑर्डर करता है तो एक दिन में एक ही नंबर मिल पाएगा. ऐसा नहीं होगा कि एक दिन में कोई व्यक्ति अपने आधार से ऑनलाइन कई सिम कार्ड ले सकेगा या बांट सकेगा. इसके लिए ग्राहक को किसी ऐप या वेबसाइट का सहारा लेना होगा और इसमें अपने किसी घर वाले या रिश्तेदार के मोबाइल नंबर को दर्ज करना होगा. फोन नंबर का वेरिफिकेशन एक ओटीपी के जरिये होगा.

आधा घंटा में सिम पोर्ट

इसी तरह मोबाइल नंबर को पोर्ट कराने का भी खास नियम बनाया गया है. कोई ग्राहक प्रीपेड से पोस्ट पेड में जाना चाहता है या पोस्ट पेड से प्रीपेड में तो यह काम एक ओटीपी से हो जाएगा. पोर्ट कराने का काम ऐप या पोर्टल की ऑनलाइन सर्विस से होगा. इसके लिए ग्राहक को कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी और घर या ऑफिस में बैठे ऑनलाइन काम होगा. मोबाइल कनेक्शन के लिए कागजात का वेरिफिकेशन इनेक्ट्रॉनिक होगा और इसके लिए यूआईडीएआई (AADHAAR) या डिजिलॉकर की सहायता लेनी होगी. पोर्ट कराने के दौरान मोबाइल सर्विस में बाधा आ सकती है, लेकिन यह काम आधा घंटा में पूरा हो जाएगा. 90 दिन बाद वह ग्राहक चाहे तो फिर से सिम प्रोवाइडर कंपनी को बदल सकता है. हालांकि ओटीपी से मोबाइल पोर्ट का नियम अभी जम्मू-कश्मीर के लिए लागू नहीं है.

ओटीपी वेरिफिकेशन से काम

अभी मोबाइल पोर्ट कराने के लिए ग्राहक को केवाईसी प्रोसेस पूरा करना होता है और इसके लिए किसी मोबाइल की दुकान पर जाना होता है. ग्राहक को अपने साथ पहचान और एड्रेस प्रूफ के लिए ओरिजिनल डॉक्युमेंट लेकर जाना होता है. अब यह काम घर से होगा और वह भी आधार से वेरिफिकेशन कराने और एक ओटीपी पाने के बाद आसानी से पूरा हो जाएगा. ओटीपी वेरिफिकेशन आज के जमाने में सबसे कारगर हथियार बनकर उभरा है जिससे कई ऑनलाइन काम मिनटों और सेंकंडों में हो जाते हैं. इसे देखते हुए ही मोबाइल सिम की डिलिवरी नए कनेक्शन देने का काम शुरू किया गया है. इसके लिए आधार नंबर देना जरूरी होगा और आधार में दर्ज जानकारी के आधार पर वेरिफिकेशन हो जाएगा.

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