कोरोना के प्रहार के बाद भी बिहार ने अपनी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को थमने नहीं दिया है। भारत सरकार की ओर से जारी 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण में इसमें उछाल के लक्षण साफ दिख रहे हैं। राज्य ने आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के बाद भी इसे गिरने से बचा लिया है। इस कारण जहां पड़ोसी राज्य झारखंड समेत देश के कई बड़े राज्यों की जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय घटी है, वहीं बिहार की जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है।
कोरोना काल में भी बिहार की अर्थव्यवस्था में उछाल के कारण बिहार के प्रति व्यक्ति औसत सालाना आमदनी 1221 रुपए बढ़ गई है। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के आर्थिक सर्वेक्षण के समय बिहार की प्रति व्यक्ति आय 45 हजार 071 रुपए थी। जो 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण के बाद बढ़कर 46,292 रुपए हो गई है। 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के वित्तीय वर्ष का आर्थिक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। इस अवधि में कोरोना का असर परवान पर रहा है। पहली लहर के बाद दूसरे प्रदेशों से वापस लौटे मजदूरों ने फिर से काम वाले ठिकानों पर जाकर बिहार की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से संरचनागत परियोजनाओं में किए गए खर्च ने भी राज्य की अर्थव्यस्था को गिरने से बचाने में महत्वपूर्ण पहल की है। इस कारण अर्थव्यवस्था का पूरा चक्र धीमी गति से ही सही लेकिन आगे की ओर बढ़ा।
Source : Hindustan