MUZAFFARPUR
कुढ़नी में दिग्गजों को मिली शिकस्त, नए चेहरों को कमान

पांचवें चरण में कुढ़नी में हुए पंचायत चुनाव की मतगणना मंगलवार को शुरू हुई। देर रात तक मुखिया, जिला परिषद व पंसस का परिणाम जारी कर दिया। सरपंच, पंच व वार्ड सदस्य की गिनती जारी थी। मतदान की तरह चुनाव परिणाम में भी आधी आबादी का दबदबा रहा। 37 में 15 पंचायतों की कमान महिलाओं के हाथ आयी। प्रखंड में केवल चार मुखिया ही अपनी कुर्सी बचा सके। 33 पंचायतों में नये चेहरों को मौका मिला है। इसी तरह अधिकांश पदों पर महिलाओं व युवाओं ने बाजी मारी है। इसमें अधिकांश लोग पहली बार चुनकर आए हैं।
इधर सुबह करीब आठ बजे से काफी गहमा गहमी के बीच अहियापुर स्थित बाजार समिति में मतगणना शुरू हुई। मतगणना स्थल पर मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, जिला परिषद, पंसस पद के उम्मीदवारों के साथ उनके अभिकर्ताओं व समर्थक भी पहुंचे। इससे बाहर सड़क पर काफी भीड़ जुट गई। पुलिस ने कई बार लाठी चटकाकर भीड़ को खदेड़ा।
सबसे पहले खरौनाडीह पंचायत से मुखिया सुनीता देवी की जीत की घोषण हुई। इसके बाद बाहर शांत समर्थकों खुशी से उछल गए और रंग-गुलाल उड़ने लगे। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। चंद्रहट्टी पंचायत में मुखिया पद पर अनीश कुमार सिंह रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। यहां पूर्व मुखिया सुरेंद्र कुमार दूसरे नंबर पर रहे। चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों व उनके समर्थकों के चेहरे खिले थे। हारने हुए उम्मीदवारों के कदम लड़खड़ाते दिखे। अपने समर्थकों को बनावटी मुस्कान के साथ अपनी हार की बात बता रहे थे। देर रात तक जीत का जश्न मना।
जिला परिषद सदस्य
क्षेत्र संख्या – विजेता – उप विजेता
23 संगीता देवी कृष्णा देवी 24 राधा देवी इंदु देवी
25 प्रियंका कुमारी तबसूम अजीज
26 आशा चौधरी अंगूरी खातून
27 रीना कुमारी कमला देवी
मुखिया
पंचायत विजेता – उपविजेता
खरौना डीह सुनीता देवी प्रियंका कुमारी
सुमेरा गुड़िया कुमारी आलिया प्रवीण
लदौड़ा जुलेखा खातून श्यामबाबू मंडल
चकिया ब्रजेश कु. सिंह दीपमाला
दरियापुर कफेन अनिता देवी रेणु देवी
छाजन हरिशंकर प. मंतोष कुमार पंकज कुमार
सकरी सरैया बेबी कुमारी समीना खातुन
चढुआ मनोज राम अकेत कुमार
गोरैया दुबियाही अशोक कुमार राजेन्द्र कुमार यादव
किशुनपुर मोहनी अरुण सिंह रत्नेश कुमार
छाजन हरिशंकर पूर्वी सुमंगल सहनी ऋतुराज
बलौर डीह नाजमा खातून नबुजवी देवी
किशुनपुर बलौर अरविंद कुमार रामसागर राय
चंद्रहट्टी अनीश कु. सिंह सुरेंद्र सिंह
कुढ़नी नंद किशोर यादव रामसीताज सहनी
रजला नूतन देवी सुंदर देवी
फकुली सुनील मंगलम रंजीत कुमार
बंगरा वंशीधर कनकलतादेवी सुनीता देवी
जगन्नाथपुर मीरा देवी अंजू कुमारी
पंचायत विजेता उपविजेता
किशुनपुर मधुबन सुचिता देवी मीना देवी
केरमा डीह कुसमी देवी रेखा देवी
बसौली अवसाना खातून मंजू देवी
जमहरुआ अजय कु. निराला चंद्रदेश्वर राय
मोहम्मदपुर मुबारक प्रमोद साह मो.सलाउद्दीन
चैनपुर बाजिद मो. अजहरुल हक आरीफुर रहमान
अमरख लखी देवी माला देवी
महंत मनियारी अवधेश सहनी नसरीन
रघुनाथपुर मधुबन साधना झा रंजू कुमारी
हरिशंकर मनियारी देवेंद्र सहनी अजय कुमार
रतनौली अर्चना देवी सीमा कुमारी
छितरौली किरण देवी अंजुम सिद्दीकी
सोनबरसा गुलाम रसूल अंसारी शिवशंकर साह
किनारू दिलीप कुमार सिंह जगदीश मांझी
शाहपुर मरीचा अमरजीत पासवान हरिनंदन कुमार
अख्तियारपुर परैया उदय कुमार प्रेमचंद सहनी
हरपुर बलरा सोनी कुमारी विमल सिंह
पकाही विमला देवी फूलकुमारी
छह बजे से ही उमड़ने लगी भीड़
अहियापुर बाजार समिति स्थित मतगणना केन्द्र पर सुबह छह बजे से ही प्रत्याशियों व उनके समर्थकों की भीड़ जुटने लगी थी। मतगणना केंद्र पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था थी। सीसीटीवी कैमरे व मेटल रिटेक्टर से जांच के बाद सभी को प्रवेश दिया जा रहा था। इसके लिए लंबी-लंबी कतार लगी थीं। मतगणना स्थल पर डीडीसी, एसडीएम पूर्वी, एसडीएम पश्चिमी, बीडीओ सह प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी संजीव कुमार आदि मौजूद थे। गिनती शुरू होने से पूर्व ही उस पंचायत के प्रत्याशियों को बुलाया जा रहा था।
Input : Hindustan
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STF के हत्थे चढ़ी हार्डकोर नक्सली ‘मंसूरी दीदी’, आधा दर्जन केस में तलाश, मिनट भर में बनाती थी बम

STF मुजफ्फरपुर की टीम ने हार्डकोर महिला नक्सली मंसूरी देवी उर्फ मंसूरी दीदी को उसके सरैया थाना के जैतपुर ओपी के रामकृष्ण दुबियाही स्थित आवास से गिरफ्तार किया है. STF ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद मंसूरी दीदी को कुढ़नी थाने के हवाले कर दिया, जिसके बाद सोमवार को उसे विशेष कोर्ट में पेश किया गया. उसके खिलाफ मुजफ्फरपुर में कुढ़नी, सकरा, करजा, सरैया और बगहा के लौकरिया थाने में आधा दर्जन नक्सली केस दर्ज हैं.
मंसूरी दीदी वर्ष 2013 के अप्रैल में कुढ़नी स्थित तुर्की रेलवे स्टेशन के समीप हरि कंस्ट्रक्शन कंपनी के बेस कैंप को उड़ाने के मामले में कुढ़नी थाने में नामजद थी. इसके बाद से वह फरार चल रही थी. इस बीच SSP ने पुराने मामलों की समीक्षा की, जिसके बाद उन्होंने मंसूरी दीदी की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया. STF मुजफ्फरपुर की टीम को जानकारी मिली की वह अपने घर पर आयी हुई है, इसके बाद टीम ने शनिवार की देर रात जैतपुर ओपी के रामकृष्ण दोबियाही गांव में छापेमारी की. जहां मंसूरी दीदी पकड़ी गई. टीम ने पूछताछ की और फिर उसे कुढ़नी थाने के हवाले कर दिया.
पुलिस सूत्रों की मंसूरी दीदी वैशाली सब जोनल कमेटी की सदस्य है. इसके अलावा विस्फोटक दस्ते की सक्रिय मेंबर भी है. वो बम बनाना भी जानती है. इसके अलावा जिले में घुम-घूमकर नक्सली संगठन से जुड़ने, पिछड़ों के हक की लड़ाई आदि के मुद्दे पर महिलाओं को प्रेरित करने का काम करती है. फिलहाल वो कई महीने से गायब थी. मंसूरी पिछले कुछ दिनों से पश्चिम चंपारण के बगहा और बाल्मीकि नगर में सक्रिय थी. दो-तीन दिन पहले रामकृष्ण दोबियाही गांव आयी थी, जहां से उसकी गिरफ्तारी हुई.
बताया जाता है कि वैशाली के थाथन बुजुर्ग के हार्डकोर नक्सली मुसाफिर सहनी की करीबी थी. हार्डकोर नक्सली रोहित और भारती की करीबी हो गयी और उनके निर्देशन पर नक्सली संगठन के लिए काम करती थी. मंसूरी वर्ष 2011 से नक्सली संगठन से जुड़ी और 2019 तक सक्रिय रही थी.
Source : News18
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मतलुपुर स्थित बाबा खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर को दिया जाएगा पशुपतिनाथ मंदिर का स्वरूप

नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज और स्वरूप पर बंदरा प्रखंड की मतलुपुर स्थित बाबा खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार होगा। मंदिर के साथ ही पूरे परिसर का भी स्वरूप बदल जाएगा। यहां पूजा के साथ श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी। सोमवार को अभियंताओं की टीम ने मंदिर व परिसर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया।
मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला सभागार में भारत-नेपाल भ्रातृ मंच, नेपाल व मंदिर न्यास समिति की एक संयुक्त बैठक हुई। अध्यक्षता मन्दिर न्यास समिति के अध्यक्ष व पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी व संचालन सचिव बैद्यनाथ पाठक ने किया। इसमें मंदिर के स्वरूप, डिजाइन, निर्माण कार्य इत्यादि चीजों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सर्वसम्मति से मंदिर निर्माण को जल्द शुरू करने पर सहमति जतायी गई।
इंजीनियर भगवान झा ने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर के स्वरूप में खगेश्वरनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। साल 2024 में तैयार कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके डीपीआर का काम भी अंतिम चरण में है। शोभा कांत झा ने कहा कि इस मंदिर का नया स्वरूप ऐतिहासिक होगा। इससे भारत-नेपाल मैत्री संबंध और प्रगाढ़ होगा।
पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर के डिजाइन व जीर्णोद्धार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो प्रारूप आया है, उस पर मंथन चल रहा है। पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही बाबा खगेश्वरनाथ मंदिर के स्वरूप पर सर्व सहमति बनी है। बैठक में मुरली मनोहर मिश्र, बंदना पांडेय, शोभा कांत ठाकुर, वीरेंद्र कुमार पांडे, डॉ नवल किशोर सिंह, दीपक कुमार, अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह, रामसकल कुमार, श्यामनन्दन प्रसाद ठाकुर आदि थे।
चार वर्ष पहले रखी गई थी आधारशिला
खगेश्वरनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण कार्य का 22 अप्रैल 2018 को शिलान्यास हुआ था। पुराने मंदिर की जगह पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए डीपीआर भी बना था। तत्कालीन नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा, महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव डॉ. किशोर कुणाल आदि ने आधारशिला रखी थी। लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो सका था। सचिव बैद्यनाथ पाठक ने बताया कि पुराने डिजाइन में परिवर्तन व कोरोना के कारण निर्माण रूक गया था। जो डीपीआर तैयार हुआ है उसके अनुसार डेढ़ करोड़ से अधिक खर्च होंगे।
Source : Hindustan
MUZAFFARPUR
सिकंदरपुर मन की जमीन बिक्री पर कोर्ट सख्त, कार्रवाई के आदेश

सिकंदरपुर मन की जमीन पर अतिक्रमण व अवैध खरीद-बिक्री पर अब हाईकोर्ट ने रिपोर्ट तलब की है। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को कार्रवाई करने व इस संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
अब जिला निबंधन कार्यालय में मन की जमीन की अबतक हुई खरीद-बिक्री का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में जमीन माफिया पर मन की चार बीघा दो कट्ठा आठ धूर जमीन अवैध रूप से रजिस्ट्री व जमाबंदी कराने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि सिकंदरपुर मन की जमीन की लगातार अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की जा रही है। इससे सरकारी जमीन व संपत्ति का नुकसान हो रहा है।
हाईकोर्ट ने इसपर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की है। कार्यालय में जो रिकार्ड अबतक खंगाले गए हैं, उनके अनुसार मन की जमीन की खरीद-बिक्री 2018 से पहले ही हुई है। 2018 में मन की सारी जमीन की मापी व पहचान के बाद इसे रोक सूची में डाल दिया गया था। इस अवधि के बाद मन की जमीन की खरीद-बिक्री रुक गई, लेकिन जनहित याचिका में जिस निबंधन का जिक्र किया गया है, वह 2018 के पहले का है। जब मन की जमीन रोक सूची में शामिल नहीं थी।
इसके साथ ही 2018 से पहले कैडेस्ट्रल व रिविजनल सर्वे में मन व बिहार सरकार की जमीन के रूप में चिह्नित जमीन की खरीद-बिक्री के रिकार्ड खोजे जा रहे हैं।
कैडेस्ट्रल सर्वे, रिविजनल सर्वे व उपलब्ध खतियानों के अध्ययन के मुताबिक मन का रकबा 120.84 एकड़ है, रैयती रकबा 10.70 एकड़ है व बिहार सरकार के नाम से रकबा 17.75 एकड़ है। यानी मन का कुल रकबा 149.29 एकड़ है, जबकि मापी के बाद मन के पास लगभग 63 एकड़ जमीन बताई जाती है।
Source : Hindustan
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