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कोई कंपनी नहीं, ओडिशा सरकार है हॉकी टीमों की स्पॉन्सर, सोशल मीडिया पर छाए नवीन पटनायक

भारतीय महिला हॉकी टीम की बीते सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल जीत के कुछ देर बाद 74 साल के नवीन पटनायक भुवनेश्वर में अपने आधिकारिक ‘नवीन निवास’ के बरामदे में एक बधाई संदेश रिकॉर्ड करने के लिए खड़े थे. काली टी-शर्ट और पायजामा पहने पटनायक ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमारी महिला हॉकी टीम का खेल कितना शानदार रहा. इससे एक दिन पहले, उन्हें मेंस हॉकी टीम के लिए खड़े होकर ताली बजाते देखा गया था. क्योंकि भारत ग्रेट ब्रिटेन को हराकर 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में जो पहुंचा था. इन दो तस्वीरों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नवीन पटनायक के लिए हॉकी के क्या मायने हैं.
नवीन पटनायक भले ही ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं. लेकिन वो आज भारत में हॉकी के असली ‘नायक’ बनकर उभरे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 2018 में सहारा भारतीय हॉकी टीमों को प्रायोजित करने से पीछे हट गया, तो ओडिशा सरकार ने ही हॉकी इंडिया के साथ अगले 5 साल हॉकी टीमों को प्रायोजित करने के लिए 100 करोड़ का समझौता किया था. तब उन्होंने इसे ओडिशा की तरफ से देश को एक तोहफा बताते हुए कहा था कि यह खेल राज्य के आदिवासी क्षेत्र, जहां “बच्चे हॉकी स्टिक के साथ चलना सीखते हैं” में जिंदगी जीने का एक तरीका है.
100 करोड़ का करार करने पर हुई थी पटनायक की आलोचना
भारतीय हॉकी को नए शिखर पर पहुंचाने की उनकी कोशिश को अक्सर सोशल मीडिया और इससे इतर सराहा गया है. हालांकि, ओडिशा जैसे गरीब राज्य के लिए 100 करोड़ रुपए हॉकी पर खर्च करने को लेकर उन्हें आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा है. जब उन्होंने हॉकी इंडिया से करार किया था, तब आलोचकों ने इसे लेकर हैरानी जताई थी कि बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाला यह गरीब राज्य, क्या इस खेल के लिये सरकारी खजाने पर 100 करोड़ रुपये का खर्च वहन कर पाएगा.
Well played!
Congratulate Indian Men’s #Hockey Team on registering a stunning victory in the quarter-final against Great Britain at #Tokyo2020. May the team continue its momentum & bring much awaited medal for the country. Wish the team all the best.#Cheer4India @thehockeyindia pic.twitter.com/9eBkrlyxY1
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) August 1, 2021
ठीक तीन साल बाद, ओडिशा सरकार ने सभी राष्ट्रीय और स्थानीय अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन देकर घोषणा की- इस उल्लेखनीय यात्रा में हॉकी इंडिया के साथ भागीदारी करके ओडिशा को गर्व है. गर्व होता भी क्यों न, मौका ही ऐसा था. पुरुष और महिला हॉकी टीमें टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जो पहुंचीं थीं.
स्पॉन्सरशिप की राशि 100 से बढ़ाकर 150 करोड़ की
मुख्यमंत्री पटनायक ने आलोचकों को माकूल जवाब देते हुए कहा कि खेल में निवेश युवाओं में निवेश है. उन्होंने कहा कि इस मंत्र ने ओडिशा का ध्यान हॉकी पर केंद्रित करवाया, जो एक तरह से जनजातीय आबादी के लिये जीवन जीने का तरीका है. उन्होंने 5 सालों में प्रायोजन राशि को भी बढ़ाकर 150 करोड़ कर दिया है. ओडिशा सरकार ने घोषणा की है कि 38 चैंपियनों ने हॉकी में इतिहास लिखा, 1.3 अरब भारतीय अब सीना तान कर चलते हैं.
Chief Minister Naveen Patnaik congratulates the Indian men's hockey team for storming into the Olympic Semi-finals after 41 years: Odisha CMO pic.twitter.com/G44PcGxB5l
— ANI (@ANI) August 1, 2021
ओडिशा आज देश में हॉकी का केंद्र
जैसे ही हॉकी में देश की दावेदारी बढ़ी, पटनायक खुश हो गए और टेलीविजन पर ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल मैच को देखते हुए भारतीय टीम का इस्तकबाल भी किया. भारतीय पुरुष हॉकी टीम को सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों 2-5 से मिली हार के बावजूद 74 साल के पटनायक आहत नहीं दिखे. पटनायक ने कांस्य पदक के लिये भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि अच्छा खेले. विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ टोक्यो 2020 के सेमीफाइनल में कड़ी टक्कर देने के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बधाई. उन्होंने जो हासिल किया है, वो खिलाड़ियों की एक पीढ़ी को प्रेरित करेगा.
खेलों के जरिए विरासत छोड़ने की कोशिश
राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि नवीन पटनायक शायद खेलों के माध्यम से एक विरासत छोड़ना चाहते हैं और ओडिशा की छवि को एक ऐसे राज्य के रूप में मिटाना चाहते हैं, जो अपनी गरीबी या प्राकृतिक आपदाओं के लिए जाना जाता है. संयोग से, वह ओडिशा के पहले सीएम थे, जिसने हॉकी खिलाड़ी को राज्यसभा सांसद बनाया था.
दून स्कूल में गोलकीपिंग करते थे नवीन पटनायक
हॉकी से पटनायक का जुड़ाव उनके बचपन के दिनों से है जब वो दून स्कूल में थे और वहां टीम के गोलकीपर या ‘गोली’थे. 2017 में उनकी सरकार ने हॉकी इंडिया लीग का खिताब जीतने वाले कलिंगा लैंसर्स क्लब को भी स्पॉन्सर किया था. अगले साल ओडिशा में हॉकी वर्ल्ड लीग हुई. इसी साल ओडिशा ने एफआईएच मेंस सीरीज के फाइनल और ओलंपिक हॉकी क्वालिफायर की मेजबानी की. वहीं, 2020 में एफआईएच प्रो लीग भी हुई.
ओडिशा का हॉकी से जुड़ाव का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. राज्य में 2023 में एफआईएच मेंस हॉकी विश्व कप भी होगा. लगातार 5 बार से ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक को अंतत: अब राष्ट्रीय खेल के लिये योगदान करने की इच्छा पूरी करने का मौका मिला है, जो 1970 के दशक के अंत में क्रिकेट के लोकप्रिय होने के बाद से हाशिये पर जा रहा था.
Input : News18
SPORTS
दिग्गज अंपायर रुडी कोएर्टजन की कार दुर्घटना में मौत, क्रिकेट जगत में शोक की लहर

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व अंपायर रुडी कोएर्टजन का कार दुर्घटना में मौत गई. कोएर्टजन 73 वर्ष के थे. आईसीसी एलीट पैनल के इस महान अंपायर की कार सामने से आ रही दूसरे वाहन से टकरा गई. इस दुर्घटना में रुडी कोएर्टजन सहित तीन अन्य लोगों की भी मौत हो गई. इस पूर्व दक्षिण अफ्रीकी अंपायर ने दिसंबर 1992 से लेकर जुलाई 2019 तक इंटरनेशनल क्रिकेट में अंपायरिंग की.
Vale Rudi Koertzen ! Om Shanti. Condolences to his family.
Had a great relation with him. Whenever I used to play a rash shot, he used to scold me saying, “Play sensibly, I want to watch your batting”.
One he wanted to buy a particular brand of cricket pads for his son (cont) pic.twitter.com/CSxtjGmKE9
— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 9, 2022
And enquired about it from me. I gifted him and he was so grateful . A gentleman and a very wonderful person. Will miss you Rudi. Om Shanti pic.twitter.com/gdSHGOoYg8
— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 9, 2022
रुडी कोएर्टजन ने 108 टेस्ट और 209 वनडे इंटरनेशनल मैचों के साथ साथ 14 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अंपायरिंग की. उन्होंने इस दौरान एक महिला टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भी अंपायर की भूमिका निभाई. कोएर्टजन के बेटे ने बताया कि उनके पिता अपने दोस्तों के साथ गोल्फ टूर्नामेंट खेलने गए थे. वह सोमवार (9 अगस्त) को ही केप टाउन लौटने वाले थे.
टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा अंपायरिंग के मामले में कोएर्टजन तीसरे नंबर पर हैं. उनसे पहले इस लिस्ट में पाकिस्तान के अलीम डार और विंडीज के स्टीव बकनर हैं. रुडी कोएर्टजन के बेटे ने अलगोवा एफएम न्यूज से कहा, ‘ वह गोल्फ टूर्नामेंट के लिए अपने दोस्तों के साथ गए थे. वह सोमवार को ही लौटने वाले थे. लेकिन सभी ने अन्य राउंड में भी खेलने का फैसला लिया.’ कोएर्टजन के निधन की खबर से क्रिकेट जगत में शोक की लहर है.
रुडी कर्टजन ने 1992 में अंपारिंग की दुनिया में कदम रखा. तब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई थी. उस सीरीज में पहली बार किसी खिलाड़ी को टीवी रिप्ले के जरिए रन आउट दिया गया था. कोएर्टजन साल 1997 में आईसीसी के फुल टाइम अंपायर बने. इसके बाद उन्हें 2002 में एलीट पैनल में जगह मिली. वह साल 2006 में इंग्लैंड के डेविड शेफर्ड के बाद 150 वनडे में अंपायरिंग करने वाले अंपायर बने थे.
Source : News18
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कुश्ती में फिर बरसा सोना, भारत के नवीन ने पाकिस्तानी रेसलर को पटका, जीता गोल्ड

भारतीय पहलवान नवीन ने पाकिस्तान के रेसलर ताहिर को हराकर कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को 12वां गोल्ड दिलाया. 19 वर्षीय नवीन ने डेब्यू कॉमनवेल्थ गेम्स में सोना जीता. इसी के साथ राष्ट्रमंडल खेलों के इस बार भारत कुश्ती में 6 गोल्ड जीतने में सफल रहा. कॉमनवेल्थ गेम्स में यह भारत की कुश्ती में रिकॉर्ड है. इससे पहले भारत ने कभी इतने गोल्ड मेडल नहीं जीते थे. भारत की पदकों की संख्या अब 34 पहुंच गई है. भारत पदक तालिका में पांचवें स्थान पर है. इससे पहले शनिवार को विनेश फोगाट और रवि दहिया ने भी कुश्ती में गोल्ड जीता जबकि पूजा गेहलोत व पूजा सिहाग को ब्रॉन्ज मेडल मिला.
इससे पहले शनिवार को रवि कुमार दहिया ने गोल्ड जीता. टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया ने रेसलिंग में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाला. दहिया ने पुरुषों के 57 किग्रा फाइनल में नाइजीरिया के एबिकेवेनिमो वेल्सन को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 10-0 से हराया. इससे पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के सूरज सिंह और पाकिस्तान के असद अली को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया था.
महिलाओं के 50 किलो वर्ग में पूजा गेहलोत ने स्कॉटलैंड की क्रिस्टेले एल को ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 12-2 से हराया. पहले मैच में इसी प्रतिद्वंद्वी को हराने के बाद कैमरन की रेबेका एंडोलो मुआम्बो पर वाकओवर मिला था. सेमीफाइनल में हालांकि वह कनाडा की मेडिसन बियांका पार्क्स से हार गई थी.
वहीं, भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल लाया. टोक्यो ओलंपिक की नाकामी, अतीत के मानसिक और शारीरिक संघर्षों को पीछे छोड़कर विनेश ने महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में चंद सेकंड में ही श्रीलंका की चामोडिया केशानी मदुरावलागे डॉन को चित करके 4-0 से जीत दर्ज की. कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश का यह लगातार तीसरा गोल्ड मेडल है. इससे पहले विनेश ने साल 2014 और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पर कब्जा जमाया था.
Source : News18
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हरमनप्रीत कौर एंड कंपनी GOLD से एक जीत दूर, रोमांचक मुकाबले में इंग्लैंड को दी पटखनी

भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में महिला क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश कर लिया है. भारत ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 4 रन से हराया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 164 रन बनाए. जवाब में मेजबान इंग्लैंड की टीम 6 विकेट पर 160 रन ही बना सकी. कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार महिला क्रिकेट को शामिल किया गया है. ऐसे में टीम इंडिया गोल्ड मेडल से अब सिर्फ एक जीत दूर है.
स्मृति मंधाना ने जड़ा सबसे तेज अर्धशतक
स्मृति मंधाना के 32 गेंद में तीन छक्के और आठ चौके जड़ित 61 रन के अलावा जेमिमा रॉड्रिग्स की नाबाद 44 रन की उपयोगी पारी की बदौलत भारत ने 5 विकेट पर 164 रन का स्कोर खड़ा किया. मंधाना की पावरप्ले में खेली गई आक्रामक पारी ने इस स्कोर की नींव रखी जबकि रॉड्रिग्स (सात चौके) ने 31 गेंद की नाबाद पारी ने इसे बढ़ाने में मदद की. मंधाना ने इस दौरान महिला क्रिकेट में टी20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे तेज अर्धशतक भी जड़ दिया जिसके लिए उन्होंने केवल 23 गेंद खेली.
दीप्ति औ जेमिमा ने चौथे विकेट पर 53 रन जोड़े
दीप्ति शर्मा ने 20 गेंद में 22 रन का योगदान दिया. हालांकि भारत ने पावरप्ले के छह ओवर में 64 रन बना लिए थे जिसे देखकर लगता है कि उनके स्कोर में 15 रन कम रह गए. भारतीय पारी में पावरप्ले के बाद के 14 ओवरों में 100 रन जुड़े क्योंकि टीम ने मध्य ओवरों में लगातार तीन विकेट गंवाकर लय खो दी थी. रॉड्रिग्स और दीप्ति ने चौथे विकेट के लिए 53 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई.
मंधाना और शेफाली ने पहले विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी की
महिलाओं के क्रिकेट में मंधाना के ड्राइव शॉट देखने लायक होते हैं. उनके साथ शेफाली वर्मा (15 गेंद में 17 रन) जब बिना आक्रामकता के खेल रही हों तो आंखों पर विश्वास ही नहीं होता. इन दोनों ने 7.5 ओवर में 76 रन की साझेदारी निभाई. मंधाना ने कैथरीन ब्रंट पर कवर ड्राइव लगाए जबकि नैट स्किवर, इस्सी वोंग और स्पिनर सारा ग्लेन पर छक्के जमाए. इस तरह उन्हाोंने महज 23 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. स्किवर के मंधाना को आउट करते ही रन गति कम हो गई जिसमें कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक चौके और एक छक्के के बावजूद कई डॉट गेंद खेली जिससे उन्होंने 20 गेंद में इतने ही रन बनाए.
Source : News18
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