कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से कठघरे में है. इस बार मौत के आंकड़ों को छुपाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, सरकार की ओर से जारी होने वाले कोरोना मौत के आंकड़ों में एक दिन के अंतराल में तीन हजार से ज्यादा का अंतर होने के कारण स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है.

इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि आंकड़ों में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. विभाग की ओर ज्यादा से ज्यादा पीडित परिवारों को मदद करने की कोशिश की जा रही है. जिन लोगों का नाम किसी वजह से छूट गया है, उनका नाम भी इकट्ठा किया जा रहा है.

गौरतलब है कि 7 जून को सरकार की ओर से जो मौत के आंकड़े जारी किये गए थे. जिसमें 5424 लोगों की मौत दर्ज की गई थी. जबकि आठ जून को जो मौत के आंकड़े जारी किये गये थे,वो बढ़कर 9375 हो गये थे. यानी एक दिन में मौत के आंकड़ों में 72.84 फीसदी का उछाल आ गया था. मौत के आंकड़ों पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है और सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रहा है. बिहार सरकार पर मौत घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है.

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इन आरोपों को गलत बताया है. मंगल पांडे ने कहा है कि जिस बढे हुए आंकड़ों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वो सही आंकड़े हैं. विभाग की तरफ से सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर ज्यादा से ज्यादा मौत के आंकड़े जुटाने के निर्देश दिये गए थे. इसके बाद सही आंकड़े आएं हैं.

कोविड से मौत के आंकड़े में बदलाव पर स्वास्थ्य मंत्री की सफाई, कहा-अधिक लोगों को मदद देने की कोशिश

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा पीडित लोगों को चार-चार लाख रुपये सहायता राशि दिये जाएं. जो लोग सवाल उठा रहे हैं उन्होंने कभी कोई काम नहीं किया है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने गुरुवार को पांच नये कोरोना आरटीपीसीआर टेस्टिंग मोबाइल वैन को रवाना किया. उन्होंने आगे कहा कि इस वैन के जरिये सुदुर इलाकों में रहनेवाले लोगों की कोरोना जांच आसानी हो सकेगी और 24 घंटे में जांच रिपोर्ट जांच कराने वाले इंसान के पास पहुंच जाएगी. एक वैन तकरीबन एक दिन में एक हजार सैपल की जांच कर सकती है. बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से ये वैन बिहार सरकार को दिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने गुरुवार को पांच नये कोरोना आरटीपीसीआर टेस्टिंग मोबाइल वैन को रवाना किया. उन्होंने आगे कहा कि इस वैन के जरिये सुदुर इलाकों में रहनेवाले लोगों की कोरोना जांच आसानी हो सकेगी और 24 घंटे में जांच रिपोर्ट जांच कराने वाले इंसान के पास पहुंच जाएगी. एक वैन तकरीबन एक दिन में एक हजार सैपल की जांच कर सकती है. बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से ये वैन बिहार सरकार को दिया गया है.

Source : Zee Bihar

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