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क्या पीएम के हेलिकॉप्टर की जांच कर सकते हैं चुनाव अधिकारी?
भारत के निर्वाचन आयोग ने ओडिशा में सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनात कर्नाटक काडर के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है.
अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा है कि मोहसिन ने ‘एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों’ से जुड़े प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और अपने ‘कर्तव्य की अवहेलना’ की.
मोहसिन पर ये कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने के बाद की गई है. हालांकि चुनाव आयोग ने अपने पत्र में 16 अप्रैल को हुई इस घटना का कोई ज़िक्र नहीं किया है.
बीबीसी ने जब चुनाव आयोग की प्रवक्ता शैफाली शरण से पूछा कि चुनाव आयोग के अधिकारी एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के वाहनों की जांच कर सकते हैं या नहीं तो इस पर उन्होंने कोई स्पष्ट जबाव नहीं दिया.
शैफ़ाली शरण ने बीबीसी से कहा, “इस बारे में दिशा निर्देश चुनाव आयोग की वेबसाइट पर हैं. फ़िलहाल इससे अधिक कुछ नहीं कहना है.”
उन्होंने कहा, “ओडिशा गए डिप्टी चुनाव आयुक्त कि इस विषय में विस्तृत रिपोर्ट अभी नहीं मिली है. उनकी रिपोर्ट पेश करने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.”
मोहसिन को निलंबित करने के अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा है कि मोहसिन ने 2019 के दिशानिर्देश संख्या 76 और 2014 के चुनाव निर्देशों के दिशानिर्देश संख्या 464 की अवहेलना की.
ये दिशानिर्देश चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों के वाहनों के इस्तेमाल से संबंधित हैं. इन्हीं के तहत किसी भी प्रत्याशी के अपने चुनाव अभियान में सरकारी वाहनों के प्रयोग पर रोक है.
हालांकि प्रधानमंत्री और एसपीजी सुरक्षा प्राप्त अन्य व्यक्तियों को इसमें छूट प्राप्त है और वो चुनाव प्रचार के दौरान भी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये छूट सिर्फ़ एसपीजी सुरक्षा प्राप्त नेताओं को मिलती है.
लेकिन क्या कोई चुनाव अधिकारी प्रधानमंत्री या एसपीजी सुरक्षा प्राप्त किसी अन्य व्यक्ति के वाहन की जांच कर सकता है. इस बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. चुनाव आयोग ने भी इस सवाल का सीधा जबाव नहीं दिया है.
जिन दिशानिर्देशों का उल्लेख चुनाव आयोग ने अपने आदेश में किया है उनमें भी इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.
दस अप्रैल 2010 को जारी दिशानिर्देश संख्या 464/INST/2014/EPS में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी वाहन का इस्तेमाल अपने चुनावी अभियान में नहीं कर सकता है.
इनमें कहा गया है, “इन प्रतिबंधों से छूट सिर्फ़ प्रधानमंत्री और उन अन्य राजनीतिक लोगों को मिलेगी जिन्हें चरमपंथी या आतंकवादी गतिविधियों या जान को ख़तरे की वजह से उच्च स्तरीय सुरक्षा की ज़रूरत हो और जिनकी सुरक्षा ज़रूरतें संवैधानिक प्रावदानों या संसद या विधानसभाओं के क़ानूनों से निर्धारित होती हैं.”
चुनाव आयोग ने मौका गंवाया
भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी का कहना है कि प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच के मामले में चुनाव आयोग ने अपनी छवि सुधारने का मौक़ा गंवा दिया है.
PM’s chopper raid incident is a great opportunity missed ! Please see my views. pic.twitter.com/VqOjSVwfmK
— Dr. S.Y. Quraishi (@DrSYQuraishi) April 18, 2019
ट्विटर पर क़ुरैशी ने कहा है, “प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जाचं करने पर ओडिशा में तैनात आईएएस अधिकारी को निलंबित करना न सिर्फ़ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि न सिर्फ़ चुनाव आयोग बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री की छवि सुधारने के एक अच्छे मौक़े को गंवाना भी है. इन दोनों ही संस्थानों पर जन निगरानी बढ़ रही है- प्रधानमंत्री पर बार-बार आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और चुनाव आयोग पर इसे नज़रअंदाज़ करने के आरोप हैं. प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर पर रेड से ये दिखाया जाना चाहिए था कि क़ानून की नज़र में सब बराबर हैं. एक ही झटके में दोनों की आलोचनाओं का जबाव दिया जा सकता था.”
विपक्ष ने की आलोचना
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस क़दम की आलोचना करते हुए कहा है, “वाहन जांच करने का अपना काम कर रहे एक अधिकारी को चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया है. जिस नियम का उल्लेख किया गया है वो प्रधानमंत्री को कोई छूट नहीं देता है.”
An official was suspended by ECI for doing his job of inspecting vehicles.
The rule cited governs the use of official vehicles for campaigning. It ???? ??? exempt PM's vehicle from being searched.What is Modi carrying in the helicopter that he doesn't want India to see? pic.twitter.com/apDdhgSMJB
— Congress (@INCIndia) April 18, 2019
कांग्रेस ने सवाल किया है, “मोदी हेलिकॉप्टर में ऐसा क्या ले जा रहे थे जो वो नहीं चाहते कि भारत जानें.”
I condemn @narendramodi for suspending Karnataka cadre IAS officer Mohammed Mohsin just because the officer was brave enough to check the chopper of self made Chowkidar.
Mr. #ElectionChowkidar,
Why such insecurity when there is nothing to hide?#ModiMosahttps://t.co/soJqn3FDX4— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 18, 2019
वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “स्वघोषित चौकीदार के हेलिकॉप्टर की जांच करने वाले कर्नाटक काडर के आईएएस अधिकारी के निलंबन की मैं आलोचना करता हूं. मिस्टर चुनावी चौकीदार, जब छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो इतना डर क्यों हैं?”
सोशल मीडिया पर भी सवाल
चुनाव आयोग के क़दम पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता ऋषिकेश यादव ने ट्विटर पर सवाल किया, “चुनाव आयोग को ये भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि किसकी शिकायत पर मोहम्मद मोहसिन पर कार्रवाई की. 16 अप्रैल की शाम क्या हुआ जिसकी वजह से मोहसिन को निलंबित किया गया.”
ECI should also clarify on whose complaint they acted against Mohammed Mohsin !
What transpired in the evening of April 16 that led to the suspension of Mohsin ?PS: Odisha CEO has distanced himself from this issue saying “Everything done by ECI”.
— RishiKesh Yadav (@rishikeshlaw) April 18, 2019
Input : BBC Hindi
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नीतीश का उद्घाटन गया बेकार: PMCH में 122 दिन पहले जिस इमरजेंसी का उद्घाटन कर गए CM, अस्पताल ने उसे नहीं किया शुरू, मरीज जमीन पर

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज PMCH से बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल रही है। इलाज फर्श पर हो रहा है और इमरजेंसी का नया भवन उद्घाटन के 122 दिन बाद भी मरीजों का नहीं हो सका है। सीएम नीतीश कुमार ने 22 सितंबर 2020 को भवन का उदघाटन करते हुए PMCH में बेहतर स्वास्थ्य सेवा का दावा किया था, लेकिन आज तक इस सुविधा का लाभ मरीजों को नहीं मिल सका है।
उद्घाटन के दो शिलापट और मरीज एक भी नहीं
PMCH की सर्जिकल इमरजेंसी भवन के आधा हिस्से का विस्तार करते हुए इसे हाईटेक बनाया गया है। इमरजेंसी के बाहर दो शिलापट लगे हैं। एक कार्यारंभ का है, जिसे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 11 फरवरी 2020 को किया है और दूसरा इमरजेंसी भवन के विस्तार पटल के उन्नयन कार्य के उद्घाटन का, जिसे खुद सीएम नीतीश कुमार ने किया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की आचार संहिता लागू होने से पहले आनन फानन में किए गए इस उद्घाटन से लग रहा था कि मरीजों की सुविधा के लिए किया जा रहा है। लेकिन 122 दिन बाद भी मरीजों को इमरजेंसी में एक बेड के लिए तरसना पड़ रहा है। दो-दो उद्घाटन के शिलापट यह गवाही दे रहे हैं कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कितनी गंभीर है। लेकिन PMCH प्रशासन की मनमानी भारी पड़ रही है।
मरीजों की समस्या को किया जा रहा नजर अंदाज
PMCH में मरीजों की समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है। जिस भवन को मरीजों के लिए हाईटेक बनाया गया उसे अब वैक्सीनेशन के इस्तेमाल में लिया जा रहा है। 16 जनवरी से इमरजेंसी भवन में वैक्सीनेशन का काम किया जा रहा है। ऐसे में अब मरीजों को लंबे समय तक इस भवन में इलाज की उम्मीद भी नहीं है। PMCH में वैक्सीनेशन के लिए किसी अन्य भवन का इस्तेमाल कर मरीजों को भी राहत दी जा सकती थी। लेकिन PMCH प्रशासन मरीजों के दर्द को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है।
एक ही छत के नीचे इलाज के साथ हो जाती जांच
जिस इमरजेंसी भवन का सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन 122 दिन पहले किया था। उसमें मरीजों को एक ही छत के नीचे जांच और इलाज की सुविधा का दावा किया गया था। इमरजेंसी भवन के ग्राउंड फ्लाेर पर 30 बेड बनाए गए हैं। इसमें 15 पुरुषाें और 15 महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। इस सर्जिकल इमरजेंसी में एक ही छत के नीचे इलाज के साथ जांच के लिए सिटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे, अल्ट्रा सोनोग्राफी सहित रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी की सभी सुविधाएं देने का दावा किया गया था। इसमें चार मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं। इसमें एक ऑपरेशन थिएटर को HIV संक्रमितों के लिए रिजर्व किया गया है।
इमरजेंसी में बेड का हमेशा रहता है संकट
पटना मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हमेशा मरीजों की भीड़ होती है। यहां प्रदेश के कोने-कोने से मरीज आते हैं। मरीजों का भरोसा भी PMCH पर है, इस कारण से वह इमरजेंसी में बेड नहीं मिलने के बाद भी फर्श पर इलाज करा लेते हैं। गरीब मरीजों के पास इतना पैसा भी नहीं होता है कि वह पटना में किसी निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाएं। ऐसी स्थिति में वह बेड मिले न मिले, लेकिन इलाज के लिए कतार में लगे रहते हैं। पटना मेडिकल कॉलेज में अगर जीर्णोद्धार किए गए इमरजेंसी के हाईटेक भवन को मरीजों की सुविधा के लिए खोल दिया गया होता तो शायद इस ठंड में फर्श पर लेटकर इलाज कराने की मजबूरी नहीं होती।
Input: Dainik Bhaskar
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शेन वॉर्न ने टी नटराजन पर जताया स्पॉट फिक्सिंग का शक, दिया विवादित बयान

नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न (Shane Warne) ने ब्रिसबेन टेस्ट के चौथे दिन ऐसी बात कह दी जिसे सुनकर कोई भी भारतीय फैन उन्हें माफ नहीं कर पाएगा. शेन वॉर्न ने इशारों ही इशारों में टीम इंडिया की गेंदबाजी के दौरान टी नटराजन (T Natrajan) पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगा दिये. शेन वॉर्न ने ऑस्ट्रेलियाई चैनल पर कमेंट्री के दौरान टी नटराजन की ओर से फेंकी गई नो बॉल्स पर शक जताया. बता दें टी नटराजन ने ब्रिसबेन टेस्ट के दौरान 7 नो बॉल फेंकी और इन्हीं गेंदों पर शेन वॉर्न ने बेहद विवादित बात कही. दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजी के दौरान कमेंट्री कर रहे शेन वॉर्न ने एलेन बॉर्डर से कहा कि टी नटराजन ने जो 7 नो बॉल फेंकी हैं, उनमें से 7 पहली गेंद पर हुई हैं.
शेन वॉर्न बोले, ‘मुझे टी नटराजन की गेंदबाजी के दौरान कुछ अलग चीज दिखाई दी है. नटराजन ने 7 नो बॉल फेंकी हैं और ये सभी काफी बड़ी नो बॉल हैं. इनमें से पांच नो बॉल पहली गेंद पर आई और उनका पैर क्रीज से काफी बाहर दिखा. हम सभी ने नो बॉल फेंकी हैं लेकिन 5 नो बॉल पहली गेंद पर फेंका जाना काफी दिलचस्प है.’
Shane Warne "Something that’s caught my eye when Natarajan was bowling. He’s bowled 7 no-balls & they’ve all been big ones. 5 of them have been off the first ball & they’re miles over. We’ve all bowled no-balls, but 5 of them off the 1st ball of an over is interesting" #AUSvIND pic.twitter.com/DdBxp4jW1K
— Saj Sadiq (@Saj_PakPassion) January 18, 2021
बता दें शेन वॉर्न यहां इशारों ही इशारों में टी नटराजन की तुलना पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर से कर रहे हैं, जिन्होंने साल 2010 में लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान बहुत बड़ी नो बॉल फेंकी थी. मोहम्मद आमिर इसके बाद स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे.
नटराजन ने किया है टेस्ट डेब्यू
बता दें टी नटराजन ने ब्रिसबेन टेस्ट में अपना टेस्ट डेब्यू किया है. नटराजन ने पहली पारी में 3 विकेट अपने नाम किये. नटराजन ने ब्रिसबेन टेस्ट में बतौर ओपनिंग गेंदबाज डेब्यू किया और सबसे पहले मैथ्यू वेड का शिकार किया. इसके बाद उन्होंने पहली पारी में शतक लगाने वाले मार्नस लाबुशेन का भी विकेट झटका. नटराजन ने इसी दौरे पर वनडे और टी20 डेब्यू भी किया था. एक वनडे में उन्होंने दो विकेट लिये थए और टी20 सीरीज के तीन मैचों में उन्हें तीन विकेट मिले थे.
Source : News18
BIHAR
बिहार बोर्ड ने जारी किया इंटर परीक्षा का एडमिट कार्ड, इस लिंक से करें डाउनलोड

बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2021 की परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है। स्कूलों के प्रमुख बोर्ड वेबसाइट seniorsecondary.biharboardonline.com पर जाकर यूजर आईडी और पासवर्ड से अपने अपने स्कूलों के बच्चों के एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। शिक्षण संस्थानों के प्रमुख हस्ताक्षर और मुहर लगाने के बाद ही ये एडमिट कार्ड स्टूडेंट्स को देंगे।
बोर्ड वेबसाइट पर 31 जनवरी तक प्रवेश पत्र अपलोड रहेगा।
बोर्ड की मानें तो जो छात्र सेंटअप परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हुए हैं, उनका प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जायेगा। इसका निर्देश सभी स्कूल ओर कॉलेजों को बोर्ड द्वारा भेज दिया गया है।
हेल्पलाइन नंबर भी हुआ जारी:
प्रवेश पत्र डाउनलोड करने में किसी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर 612-2230039 और 2235161 जारी किया है।
यहां देखें बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा 2021 की डेटशीट ( Bihar Board Inter Exam Datesheet 2021 )
छात्रों को 15 मिनट मिलेगा प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए
परीक्षा के दौरान 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए परीक्षार्थियों को दिया जाएगा। वहीं दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग परीक्षार्थी जो स्वयं लिख नहीं सकते उनके लिए लेखक रखने की अनुमति बोर्ड द्वारा दी जाएगी। ऐसे परीक्षार्थियों को परीक्षा के निर्धारित समय से 20 मिनट प्रति घंटा अतिरिक्त समय दिया जाएगा। दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए पूर्व की भांति विज्ञान के स्थान पर संगीत और गणित के स्थान पर गृह विज्ञान विषय की परीक्षा पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर ली जाएगी।
Input: Live Hindustan
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