पूर्व मंत्री वीणा शाही के पेट्रोल पंप के 41.41 लाख रुपये की लूट की साजिश उनके वर्क मैनेजर संजीव और चालक चंदन कुमार ने रची थी। बीते 15 नवंबर को अटल पथ पर हुई इस घटना का खुलासा करते हुए पटना पुलिस ने कुल छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। लूटी गयी रकम में से 18 लाख 60 हजार रुपये, एक मोबाइल, एक कट्टा, पांच गोलियां घटना में इस्तेमाल किये गये कपड़े और बाइक भी बरामद कर ली गयी है।
पुलिस ने वर्क मैनेजर संजीव कुमार (मुजफ्फरपुर), चालक चंदन कुमार (वैशाली), सुजीत कुमार (गेट नंबर 65, दीघा), रवि कुमार (सदाकत आश्रम, पाटलिपुत्र), तन्नु पाल उर्फ बंशी (मनेर) और दिलीप कुमार (रामकृष्णानगर) को गिरफ्तार किया है। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि संजीव, चंदन और मैनेजर अनुनय एक ही फ्लैट में रहते थे। चंदन और संजीव उसी के कमरे में रूममेट थे। संजीव ने ही चंदन को लूट करने की योजना बतायी। इसके बाद उसने जीरो माइल पर अपने दोस्त व एक अपराधी से मुलाकात की। उसने दोनों को दिलीप और सुजीत से मिलवाया। घटना के दिन संजीव और चंदन तय साजिश के तहत कार में थे। तनु पूर्व मंत्री के आवास से ही कार की रेकी कर रहा था। जबकि दिलीप, रवि, सुजीत व एक अन्य अपराधी ने अटल पथ स्थित उदय चौक पर लूट की और भाग निकले। पकड़े गये सुजीत राय पर बिहार के बाहर तमिलनाडू सहित अन्य राज्यों में भी लूट के मामले दर्ज हैं। इस मामले में एक और अपराधी फरार है। पुलिस के मुताबिक बाकी रुपये उसी के पास है।
ट्रैवल एजेंसी खोलने के लिए रची लूट की साजिश
लूटकांड के मास्टरमाइंड संजीव कुमार ने ट्रैवल एजेंसी खोलने के लिए पूर्व सांसद के रुपये को लूटने की साजिश रची। संजीव की शादी ठीक हो चुकी है। शादी से पहले ही वह पूर्व मंत्री की तरह ट्रैवल एजेंसी खोलना चाहता था। इसके लिए पैसे चाहिये थे। संजीव ने पुलिस को बताया कि पूर्व मंत्री के यहां काम करते हुए उसे ट्रैवल एजेंसी चलाने की जानकारी हो गयी थी। इस कारण वह जल्द से जल्द अपना काम शुरू करना चाहता था। वर्ष 2018 में आर्म्स एक्ट मामले में जेल जाने पर कई अपराधियों से उसकी जान-पहचान हुई थी जिसका फायदा उसने उठाया।
टॉप 10 लुटेरों में एक है पकड़ा गया सुजीत: जिस सुजीत को पटना पुलिस ने लूट मामले में पकड़ा है वह राजधानी के टॉप 10 लुटेरों में एक है। वर्ष 2019 में एक जेवरात व्यवसायी के करोड़ों रुपये लूटने से पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ा था। सुजीत उसी सिप्पू के गिरोह का सदस्य है जिसने धनरुआ में कैशवैन से 45 लाख की लूट की थी। दिखावे के लिए सुजीत एम्बुलेंस चालक बन गया था। वहीं पकड़ गया अपराधी तन्नु हलुवाई का काम कर रहा था। पुलिस गिरफ्त में आये दिलीप पर भी कई मामले दर्ज हैं।
संजीव ने किया एसएमएस- हम लोग कार पर बैठ गये हैं
वारदात के दिन पूर्व मंत्री के घर से निकलने के पहले ही संजीव ने अपने साथी व लुटेरे को एसएमएस कर दिया। उसने लिखा- हमलोग कार पर बैठ चुके हैं। हमारे पास 41 लाख रुपये हैं…। इसके बाद तन्नु कार की रेकी करने लगा। एक बाइक पर सवार सुजीत और रवि पहले से ही अटल पथ पर थे। जबकि बाइक सवार बाकी के दो अपराधी कार का पीछा करने लगे। जैसे ही गाड़ी अटल पथ पर पहुंची, अपराधियों की बाइक उसे छूते ही आगे बढ़ी। फिर ओवरटेक कर लूटपाट की गयी।
गाड़ी को अंदर से बंद किया
जिस गाड़ी में संजीव, चंदन और अनुनय सवार थे वह चलते वक्त ऑटोमेटिक लॉक हो जाती है। फिर वह बाहर से नहीं खुलती। लिहाजा संजीव ने पहले से अपराधियों को बता रखा था कि वह कार को खुद से ही अंदर से लॉक कर लेगा ताकि वह बाहर से खुल जाये।
लूट के पैसों का हुआ बंटवारा
अपराधियों ने लूट के पैसों में 50 हजार रुपये रेकी करने वाले तन्नु को दिये। जबकि सुजीत, रवि, दिलीप व एक अन्य में सभी को साढ़े छह लाख रुपये दिये गये। इस मामले में फरार एक अपराधी जिसके साथ मिलकर संजीव ने लूट की योजना बनायी थी, वह फरार है।
Source : Hindustan
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