BIHAR
गर्व : हाजीपुर के प्रमोद को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न व मुजफ्फरपुर के शरद को अर्जुन अवार्ड

राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में शरद कुमार को अर्जुन पुरस्कार-2021 से सम्मानित करते राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द। शरद मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर के कोदरकट्टा गांव के रहने वाले हैं।
राष्ट्रपति ने वैशाली के प्रमोद भगत को खेल रत्न और मुजफ्फरपुर के शरद कुमार को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया@sharad_kumar01 @PramodBhagat83 #Muzaffarpur #Vaishali #Bihar pic.twitter.com/A3VAf8pr7Y
— Muzaffarpur Now (@muzaffarpurlive) November 13, 2021
टोक्यो पैरालिंपिक में ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले मोतीपुर के शरद कुमार ने अजरुन पुरस्कार केंद्र सरकार और खेल मंत्रलय को समर्पित किया। शरद ने बताया कि केंद्र, खेल मंत्रलय व भारतीय खेल प्राधिकरण ने मुङो हमेशा प्रोत्साहित किया। मुङो अत्याधुनिक प्रशिक्षण के लिए यूक्रेन भेजा। परिणामस्वरूप मैं 2018 में एशियाड में स्वर्ण और इस साल टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य जीतने में सफल रहा। इसके बाद कई जगहों पर मुङो सम्मानित किया गया। दो दिन पूर्व यूपी सरकार ने एक करोड़ रुपये देकर सम्मानित किया। आज अजरुन पुरस्कार भी मिला। उम्मीद कर रहा था कि मुङो अपने राज्य में सम्मान मिलेगा, लेकिन अब तक इस तरह के कोई संकेत नहीं मिले हैं। मैं चाहता हूं कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी ऐसी खेल नीति बने, जिसमें खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के अनुरूप सम्मान दिया जाए। पदक जीतने पर उन्हें नौकरी मिले, जिससे वे केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सके। खिलाड़ियों को कहना चाहूंगा कि, वे किस्मत के भरोसे न रहें, बल्कि मेहनत करें। उन्हें सफलता जरूर मिलेगी।
गर्व की बात : शरद के पिता सुरेंद्र कुमार और बड़े भाई शलज ने कहा कि, यह गर्व का क्षण है। 18 माह की उम्र में जब शरद को पोलियो हुआ था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह इतनी कामयाबी हासिल करेगा। शरद आज केवल अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल कर सका है।
1 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश की सरकार ने शरद को सम्मान के रूप में दिया
15 लाख रुपये शरद कुमार को अजरुन पुरस्कार प्राप्त करने पर सम्मान के रूप में मिला
2014 और 2018 पैरा एशियाड में ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता
बेटे शरद को पैरा हाई जंप के लिए अर्जुन पुरस्कार मिलने पर मां कुमकुम कुमारी बहुत खुश हैं। छठ पूजा करने के कारण वह बेटे को पुरस्कार लेते प्रत्यक्ष रूप से नहीं देख पाईं। कांटी स्थित मायके में पूरे परिवार के साथ टीवी पर बेटे को पुरस्कार लेते जरूर देखा है। वह मोतीपुर स्थित अपने गांव में छठ पूजा करने आई थीं। पूजा करने के बाद बेटी के साथ मायके चली आई हैं। बेटे को पुरस्कार लेते देखने के बाद उन्होंने कहा कि भगवान ने मेरी प्रार्थना सुन ली। उनका सपना पूरा हो गया। जितनी खुशी बेटे के पदक जीतने से नहीं हुई उससे ज्यादा उसे राष्ट्रपति से पुरस्कार लेते हुए देखने से हुई है।
उन्होंने बताया कि शरद के उज्ज्वल भविष्य के लिए दो दशक पूर्व से लगातार छठ पूजा कर रही हैं। छठी मइया की उनपर और शरद पर भी कृपा हुई है। आज उनके लिए खुशी का सबसे बड़ा दिन है। शरद की बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ खुशियां बांटी हैं। आस-पड़ोस के लोगों ने भी उनको बधाई दी है। वहीं शरद को अजरुन पुरस्कार मिलने पर आक्सीजन गुरु अविनाश तिरंगा, जिला एथलेटिक्स संघ के संरक्षक अनिल कुमार सिंह, अध्यक्ष राम प्रमोद राम, सचिव मृत्युंजय कुमार सिंह, कुमार आदित्य ने बधाई दी है।
Source : Dainik Jagran
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BIHAR
दीदी के देवर से हुआ प्यार तो युवती ने रचाई शादी, अब 2 लाख रुपये और बाइक के लिए भाग गया पति

सारण. बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ फिल्म का एक गाना दीदी तेरा देवर दीवाना काफी मशहूर हुआ था. इस फिल्म में देवर को अपनी भाभी के बहन से इतना प्यार हो जाता है कि वह उसके साथ शादी करके पूरा जीवन बिताना चाहता था. लेकिन, रील लाइफ से अलग बिहार के छपरा जिले से एक ऐसी रियल लाइफ स्टोरी सामने आयी है जहां दीदी का देवर दीवाना नहीं बल्कि दगाबाज बन गया. दरअसल सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र में एक युवती को अपनी दीदी के देवर से प्यार हो गया. जिसके बाद घरवालों की सहमति से दोनों की मंदिर में शादी करा दी गई. लेकिन, शादी के ठीक एक दिन बाद पति अपनी पत्नी को चकमा देकर फरार हो गया.
जब किसी तरह इस मामले में युवक से संपर्क किया गया तो उसने अपनी अपनी नई नवेली पत्नी को साथ रखने से भी इंकार कर दिया, जिसके बाद अब पीड़िता ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उसने दर्ज कराए मामले में बताया कि अब पति और ससुराल वाले दहेज में मांग रहे हैं. 2 लाख रुपए नगद और बाइक नहीं देने पर साथ रखने और पत्नी मानने से युवक ने इंकार कर दिया है. दरअसल यह पूरी घटना छपरा के तरैया थाना के डुमरी छपिया गांव की है.
पति-पत्नी तरह रहते थे युवक-युवती
इस संबंध में पीड़िता डुमरी छपिया निवासी पीड़िता ने अपने पिता के साथ थाना पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने बताया कि वह अपने जीजा के भाई गोपालगंज जिले के बरौली थाना के रतन सराय बलुआ टोला निवासी सोनू कुमार से डेढ़ वर्षो से प्यार करती है. दोनो एक दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह रहते थे. एक दिन 14 अप्रैल की रात्रि सोनू उसके घर मिलने आया. तब हम दोनो को आपत्तिजनक हालत में कुछ ग्रामीणों ने देख लिया तो गांव में हंगामा हो गया. फिर स्थानीय सरपंच एवम मुखिया की अध्यक्षता में गांव में लोगों ने निर्णय लिया कि हम दोनों की शादी करवा दी जाए. तब 15 अप्रैल को हम दोनों की सहमति से ग्रामीणों ने मढ़ौरा गढ़देवी मंदिर में हमारी शादी करवा दी. हम दोनों पति-पत्नी के रूप में घर आ गए. फिर मां बोली की आज रविवार है कल सोमवार को विदाई होगी. तब रविवार की रात्री हम दोनों एक साथ डुमरी छपिया में ही रह गए.
अब युवक और उसका परिवार मांग रहा दहेज
पीड़िता के अनुसार इसी बीच सोमवार की सुबह 16 अप्रैल को लड़का शौच के बहाने भाग गया. तब मेरे पिता लड़का के घर गए तो मेरे ससुराल वालो ने कहा कि थोड़ा इंतजार करिए अच्छे से बैंड बाजा और गाड़ी-घोड़ा के साथ विदाई होगा. तब 24 अप्रैल को दूल्हा सोनू कुमार, रघुनाथ साह, उसकी सास मंजू देवी, ननद सोनी देवी एवम विनय साह मेरे घर आए और पिता जी से बोले की हमलोगों को दहेज में नकद 2 लाख रुपए और एक बाईक चाहिए तब विदाई करवा कर ले जायेंगे नहीं तो नहीं ले जाएंगे. अब पीड़िता और उसके पिता दर दर भटक रहे हैं. इसी कड़ी में अब पीड़िता और उसके पिता ने थाने में न्याय की गुहार लगाई है.
Source : News18
BIHAR
‘योगी राज’ में हुई सख्ती तो बिहार शिफ्ट कर गए उत्तर प्रदेश के गुंडे

छपरा. उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर बड़ी सख्ती के बाद वहां के अपराधी बिहार में आकर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमे उत्तर प्रदेश के अपराधियों ने बिहार में छपरा की घटनाओं को अंजाम दिया और फरार हो गए. हाल में छपरा में हुए लूट की दो बड़े वारदातों में उत्तर प्रदेश के अपराधियों का कनेक्शन सामने आया है. यहां पुलिस ने भगवान बाजार थाना क्षेत्र में हुए चर्चित पीएन ज्वेलर्स लूट कांड और लूट के दौरान मढौरा में हुए हत्याकांड का खुलासा करते हुए मामले में शामिल तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने इनके पास से लूटे गए आभूषण, हथियार के साथ मोबाइल भी बरामद किया है. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले अपराधियों ने छपरा शहर के भगवान बाजार थाना क्षेत्र स्थित आभूषण दुकान से डेढ़ करोड़ की लूट कर सनसनी फैला दी थी. पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान करते हुए इस गिरोह का पता लगाया था जिसके बाद घटना के मास्टरमाइंड राजू राम ने सीवान में सरेंडर कर दिया था. वहीं गिरफ्तार अपराधियों में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी शुभम सिंह उर्फ पहलवान, उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी अनुराग सिंह और गोपालगंज का विकास कुमार शामिल है.
एसपी संतोष कुमार ने बताया कि इस कांड में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभी भी जारी है और लूट में बचे अन्य सामान की बरामदगी जल्द कर ली जाएगी. 28 मार्च को भगवान बाजार थाना अंतर्गत पीएन ज्वेलर्स में अज्ञात आधा दर्जन अपराधियों ने गोलीबारी कर लूट की घटना का अंजाम दिया था. इसके पूर्व 9 मार्च को मढ़ौरा थाना क्षेत्र के मढ़ौरा बाजार स्थित आर के ज्वेलर्स एंड संस में भी लूट के इरादे से गोलीबारी हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. सारण पुलिस कप्तान के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया जिसके बाद मास्टरमाइंड समेत 3 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.
Source : News18
MUZAFFARPUR
STF के हत्थे चढ़ी हार्डकोर नक्सली ‘मंसूरी दीदी’, आधा दर्जन केस में तलाश, मिनट भर में बनाती थी बम

STF मुजफ्फरपुर की टीम ने हार्डकोर महिला नक्सली मंसूरी देवी उर्फ मंसूरी दीदी को उसके सरैया थाना के जैतपुर ओपी के रामकृष्ण दुबियाही स्थित आवास से गिरफ्तार किया है. STF ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद मंसूरी दीदी को कुढ़नी थाने के हवाले कर दिया, जिसके बाद सोमवार को उसे विशेष कोर्ट में पेश किया गया. उसके खिलाफ मुजफ्फरपुर में कुढ़नी, सकरा, करजा, सरैया और बगहा के लौकरिया थाने में आधा दर्जन नक्सली केस दर्ज हैं.
मंसूरी दीदी वर्ष 2013 के अप्रैल में कुढ़नी स्थित तुर्की रेलवे स्टेशन के समीप हरि कंस्ट्रक्शन कंपनी के बेस कैंप को उड़ाने के मामले में कुढ़नी थाने में नामजद थी. इसके बाद से वह फरार चल रही थी. इस बीच SSP ने पुराने मामलों की समीक्षा की, जिसके बाद उन्होंने मंसूरी दीदी की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया. STF मुजफ्फरपुर की टीम को जानकारी मिली की वह अपने घर पर आयी हुई है, इसके बाद टीम ने शनिवार की देर रात जैतपुर ओपी के रामकृष्ण दोबियाही गांव में छापेमारी की. जहां मंसूरी दीदी पकड़ी गई. टीम ने पूछताछ की और फिर उसे कुढ़नी थाने के हवाले कर दिया.
पुलिस सूत्रों की मंसूरी दीदी वैशाली सब जोनल कमेटी की सदस्य है. इसके अलावा विस्फोटक दस्ते की सक्रिय मेंबर भी है. वो बम बनाना भी जानती है. इसके अलावा जिले में घुम-घूमकर नक्सली संगठन से जुड़ने, पिछड़ों के हक की लड़ाई आदि के मुद्दे पर महिलाओं को प्रेरित करने का काम करती है. फिलहाल वो कई महीने से गायब थी. मंसूरी पिछले कुछ दिनों से पश्चिम चंपारण के बगहा और बाल्मीकि नगर में सक्रिय थी. दो-तीन दिन पहले रामकृष्ण दोबियाही गांव आयी थी, जहां से उसकी गिरफ्तारी हुई.
बताया जाता है कि वैशाली के थाथन बुजुर्ग के हार्डकोर नक्सली मुसाफिर सहनी की करीबी थी. हार्डकोर नक्सली रोहित और भारती की करीबी हो गयी और उनके निर्देशन पर नक्सली संगठन के लिए काम करती थी. मंसूरी वर्ष 2011 से नक्सली संगठन से जुड़ी और 2019 तक सक्रिय रही थी.
Source : News18
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