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चचरी पुल पर फिसलने लगे नेता, गोद में उठाया
यह तस्वीर भागलपुर के खरीक प्रखंड की लाेकमानपुर पंचायत जानेवाले रास्ते में काेसी नदी पर बने चचरी पुल की है। लाेकमानपुर मिडिल स्कूल में पांच दिन पहले सूबे के डिप्टी सीएम सुशील माेदी की सभा थी। इस दाैरान एनडीए से जदयू प्रत्याशी अजय मंडल सभा खत्म हाेने के बाद इसी चचरी पुल से वापस हुए। क्षतिग्रस्त चचरी पुल से लाैटते वक्त वह वहां गिरने-फिसलने लगे। इस पर उनके साथ चल रहे कार्यकर्ता ने उन्हें गाेद में उठाकर पार किया। उस पंचायत की 12 हजार की आबादी ताे राेज इसी पुल से गिरते-संभलते गुजरने काे विवश है। पहली बार, एनडीए से जदयू प्रत्याशी व नाथनगर के विधायक अजय मंडल काे इसका सामना करना पड़ा। ग्रामीण पुल की मांग वर्षाें से कर रहे हैं। करीब तीन साल पहले वहां पुल बनाने की याेजना भी सरकार ने बनाई। पुल निर्माण निगम के इंजीनियर स्थल निरीक्षण और जमीन मापी करने भी पहुंचे थे। लेकिन पुल निर्माण की याेजना स्थानीय राजनीति की भेंट चढ़ गई। जबकि इस गांव में बिहपुर की विधायक वर्षा रानी का ननिहाल और वर्तमान सांसद बुलाे मंडल की ममिया ससुराल है। वहां पुल बन जाने से यह पंचायत सीधा विजय घाट पुल से भी जुड़ जाएगी। इससे यहां के लाेगाें काे प्रखंड मुख्यालय से लेकर अन्य जगहाें पर अाने-जाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

जदयू प्रत्यशी अजय मंडल को चचरी पुल पार कराते समर्थक।
Input : Dainik Bhaskar
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बिहार : बेटी के अंतरजातीय विवाह से नाराज पूर्व विधायक ने दी थी हत्या की सुपारी

बेटी के अंतरजातीय विवाह से नाखुश सारण जिले के मढ़ौरा से पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली। बेटी को मौत के घाट उतारने की सुपारी (ठेका) पूर्व विधायक ने बिहटा के सिकंदरपुर के रहने वाले कांट्रैक्ट किलर अभिषेक सिंह उर्फ छोटे सरकार को दी थी। हालांकि छोटे सरकार इस वारदात को अंजाम देने में विफल रहा।
एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों की विशेष टीम ने कांट्रैक्ट किलर छोटे सरकार व उसके भाई राहुल को न्यू बाइपास से गिरफ्तार किया, जबकि पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा व उनके गुर्गे ज्ञानेश्वर शर्मा को सारण से पकड़ा है। अपराधियों के पास से एक पिस्टल, एक कट्टा, एक मैग्जीन, नौ गोलियां, एक बाइक और घटना के समय पहना गया कपड़ा बरामद किया है।
दोहरे हत्याकांड में शामिल था अभिषेक: एसएसपी ने बताया कि अभिषेक ने बीते 31 मई को पत्रकारनगर के काली मंदिर रोड में अरवल से भाजपा के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के दो भाइयों की गोली मारकर हत्या की थी। वह पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह का खासमखास था। अभिषेक ने संजय के इशारे पर पूर्व विधायक के सगे चाचा अभिराम शर्मा व भतीजे दिनेश शर्मा की जहानाबाद व मसौढ़ी में गोली मारकर हत्या की थी। उस पर दो दर्जन हत्या के मामले दर्ज हैं। वर्ष 2015 से जरायम की दुनिया में सक्रिय अभिषेक पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
जेपी-गंगा पथ से लौट रही थी, तभी शूटर आये : पूर्व विधायक की बेटी पति के साथ एक जुलाई की रात जेपी-गंगा पथ की सैर कर लौट रही थी। इसी बीच जैसे ही वह बोरिंग कैनाल रोड पहुंची, पीछे से बाइक सवार दो शूटरों ने ओवरटेक कर उसकी गाड़ी रोक दी।
पिस्टल में गोली फंस गयी: अपराधी ने पूर्व विधायक की बेटी पर गोली चलायी, पर वह पिस्टल में फंस गई। मिसफायर होता देख उसके पति सह मोबाइल दुकान के मालिक ने तेजी से गाड़ी आगे बढ़ा दी। रास्ते में गश्ती गाड़ी को दोनों ने इसकी सूचना दी।
‘तुम्हारे बाप ने तुम्हारे लिये खैरात भेजा है’
गाड़ी रोकने के बाद बाइक के पीछे बैठा शूटर महिला की गाड़ी के पास आया। उसने कहा – ‘नौबतपुर जाने का रास्ता किधर है’। पता पूछने की बात सुनकर जब महिला ने गाड़ी का शीशा खोला तो शूटर ने कहा- ‘तुम विधायक की बेटी हो न’। इस पर महिला ने कहा- हां। तुम्हें इससे क्या मतलब। इतना सुनने के बाद शूटर ने एकाएक पिस्टल निकाली और कहा- ‘तुम्हारे बाप ने तुम्हारे लिये खैरात भेजा है’। फिर शूटर ने महिला पर गोली चला दी।
पिता के खिलाफ दर्ज करवायी एफआईआर
पूर्व विधायक की बेटी एसके पुरी थाने पहुंची। जहां उसने पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया। पहले उसकी बात पर पुलिस को भरोसा नहीं हुआ लेकिन तहकीकात के दौरान आरोप सही पाये गये। इसके बाद पुलिस ने विधायक को गिरफ्तार किया, उसके बाद कांट्रैक्ट किलर दबोचे गए।
पुलिस अभिषेक सिंह उर्फ छोटे सरकार को पकड़ने के लिये पिछले एक महीने से प्रयास कर रही थी। हमारी टीम को सूचना थी कि वह किसी घटना को अंजाम देने वाला है। पत्रकारनगर में पूर्व विधायक के सहोदर भाइयों की हत्या मामले में पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। हमारी टीम पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह की तलाश में जुटी हुई है। वहीं बेटी की हत्या की सुपारी देने के मामले में पूर्व विधायक सुरेंद्र शर्मा, छोटे सरकार सहित चार को जेल भेजा जा रहा है। – डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों, एसएसपी पटना
Source : Hindustan
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बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन, पटना में ली अंतिम सांस

इस वक्त की बड़ी खबर बिहार की राजधानी पटना से आ रही है जहां बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और प्रदेश के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह का निधन हो गया है. नरेंद्र सिंह का निधन इलाज के दौरान पटना के एक निजी नर्सिंग होम में हुआ है. वो बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे.
नरेंद्र सिंह के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमीत कुमार सिंह बिहार सरकार में मंत्री हैं. उनके निधन की खबर से पैतृक जिले जमुई में भी शोक की लहर दौड़ गई. नरेंद्र सिंह लीवर की बीमारी से पीड़ित थे और काफी दिनों से पटना के एक निजी अस्पताल में इलाजरत थे.
उनके निधन से कुछ दिन पहले ही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अस्पताल जाकर मुलाकात की थी और कुशलक्षेम जाना था. नरेंद्र सिंह बिहार में कई विभागों में मंत्री पद संभाल चुके थे और प्रदेश सहित राजपूत बिरादरी की राजनीति में उनका विशेष प्रभाव था.
Source: News18
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आधी रात को दिव्यांग के घर पहुंचे DM, दरवाजा खटखटा कर पूछा- पेंशन मिलता है या नहीं

बिहार के रोहतास जिले के डीएम धर्मेंद्र कुमार इन दिनों अपने काम को लेकर लगातार चर्चा में हैं. बात चाहे नल जल योजना की हकीकत जानने के लिए टंकी पर चढ़ने की या फिर रात्रि दौरे की डीएम साहब लगातार चर्चा में हैं. डीएम सप्ताह में एक दिन में किसी न किसी गांव में रात बिता रहे हैं. ऐसे में वो देर रात तक गांव में घूमते रहते हैं. गांव के चौपाल पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं और सबसे बड़ी बात है कि इस दौरान उनके साथ जिला के तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं, जिस कारण विभिन्न समस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो जाता है.
इसी क्रम में धर्मेंद्र कुमार कोचस के चिलबिला गांव में रात्रि दौरा के क्रम में पहुंचे और देर रात एक घर का दरवाजा खटखटाया. गृह स्वामी ने जब पूछा कि आप कौन हैं ? तो उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि मेरा नाम धर्मेंद्र कुमार है. मैं आपके जिले का सबसे बड़ा सेवक हूं अर्थात जिले का डीएम हूं और आपकी समस्याएं जानने आपके घर आया हूं. घर के अंदर चौकी पर लेटे दिव्यांग प्रभु सिंह को देखकर डीएम ने पूछा कि क्या इन्हें सामाजिक सुरक्षा के तहत दिव्यांगता के लिए नियमित पेंशन मिल रहा है? जब ग्रामीण से पेंशन मिलने की बात बताई गई, तब डीएम संतुष्ट हुए. जिले में यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
पिछले 3 हफ्तों से रोहतास के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार सप्ताह में एक दिन पूरे लाव लश्कर के साथ किसी न किसी गांव में पहुंच जाते हैं और पूरी रात गांव में ही बिताते हैं. यह कहे कि लगभग 20 घंटे वे किसी एक गांव में रुकते हैं. इस दौरान घर-घर जाकर लोगों की समस्याओं से रूबरू होते हैं. खासकर पेयजल, स्वास्थ्य और खाद्यान्न से संबंधित शिकायतों को लेकर वे काफी गंभीर दिख रहे हैं. बड़ी बात है कि इस दौरान विभिन्न योजनाओं से वंचित लाभुकों को त्वरित लाभ भी दिया जा रहा है. जिससे ग्रामीण भी उत्साहित होते हैं और विभिन्न समस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो जा रहा है.
Source: News18
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