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जिम ट्रेनर गोलीकांड: सिर्फ विक्रम से नहीं था खुशबू सिंह का याराना, मिहिर पर भी आया था दिल, पटना SSP का खुलासा

जिम ट्रेनर विक्रम सिंह पर हुई गोलीबारी मामले में डॉक्टर दंपत्ति और तीन कॉन्ट्रैक्ट किलर के बाद एक और शख्स की एंट्री हो गई है. ये शख्स है खुशबू सिंह का एक्स बॉयफ्रेंड मिहिर. मिहिर ने ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए अपने कजन सूरज के माध्यम से दो लोगों को सेट किया था. वारदात की प्लानिंग अगस्त से पहले की गई थी. विक्रम को मारने के लिए डील ढाई से तीन लाख रुपए में तय हुई थी. पटना SSP उपेंद्र कुमार शर्मा ने इस मामले का खुलासा किया है और बताया है कि डॉक्टर की पत्नी खुशबू सिंह ही विक्रम को खत्म करने की साजिश की मास्टर माइंड थी. उसने इस प्लानिंग में अपने एक्स बॉयफ्रेंड का सहारा लिया है.
खुशबू और उसके एक्स बॉयफ्रेंड रहे मिहिर की दोस्ती 6 साल पुरानी है. खुशबू ने मिहिर से साफ कहा था कि उसे विक्रम को रास्ते से हटाना है. उसने मुझे बहुत परेशान किया है. जिसके बाद खुशबू ने मिहिर को तय रकम में से 1 लाख 85 हजार रुपए दिए. खुशबू ने ये पैसे फिजियोथेरेपिस्ट पति से लेकर मिहिर को दिए थे. सावन के आस-पास ये पैसे देने वो अपनी एक महिला मित्र के साथ सेंट माइकल स्कूल के पास कार से गई थी.
इस झंझट से निकलना चाहता था मिहिर
मिहिर सिंह ने विक्रम को मारने का ठेका कॉन्ट्रैक्ट किलर को दिया था. वारदात के बाद ही मिहिर दिल्ली फरार हो गया था. उसके परिवार पर जब दबाव पड़ा तो वो गुरुवार को वापस पटना लौटा. वह शाम 5 बजकर 20 मिनट की फ्लाइट से आया था. पुलिस ने मिहिर को भी गिरफ्तार कर लिया है. इसने भी वही कहानी बताई जो अपराधियों ने बताई थी. अपराधियों को मिहिर ने दो महीने पहले रुपए दिए थे. जब एक बार काम नहीं हुआ तो मिहिर रुपए खुशबू को वापस कर इस झंझट से निकलना चाहता था. मगर, ऐसा हुआ नहीं. दबाव पड़ा और कांड हो गया.
पति के साथ खुशबू के दो बॉयफ्रेंड भी
1 सितंबर 2020 से मई 2021 तक दो मोबाइल नंबरों से खुशबू सिंह और विक्रम के बीच कुल 1875 कॉल हुए हैं. करीब 5.50 लाख सेकेंड बात की गई है. इसी दौरान डॉक्टर राजीव कुमार सिंह और विक्रम के बीच 13 बार बात की गई है. जिस वक्त विक्रम से खुशबू की बात बंद होती है, उसी के अगले दिन खुशबू दोबारा से मिहिर के कॉन्टैक्ट में आती है. उससे बात करती है. मिहिर और खुशबू के बीच कुल 900 कॉल हैं और इनके बीच 4 लाख सेकेंड बात हुई है.
पकडे़ गए अपराधियों के पास से एक पिस्टल, एक देसी पिस्टल, एक मैगजीन और गोली बरामद हुई है. वारदात को अंजाम देने के लिए चोरी की बाइक का इस्तेमाल हुआ. इस मामले में अब दो अपराधियों की गिरफ्तारी बाकी है.
पहले दी थी क्लीन चिट
SSP ने कहा कि इस वारदात के शुरुआती दौर की जांच में हमने डॉक्टर और उनकी पत्नी को क्लीन चिट दी थी. पुलिस ने पहले ये माना था कि ये दोनों पति-पत्नी निर्दोष हो सकते हैं. बाद में इतने सारे सबूत सामने आए कि इन्हें गिरफ्तार किया गया. अब इन दोनों को जेल भेज रहे हैं. पूछताछ में सारी बात को मानते हैं, लेकिन, वारदात में शामिल होने की बात से इनकार करते हैं. जिन सबूतों के अभाव में 18 सितंबर को इन्हें छोड़ा था, गुरुवार को उसी सबूत के आधार पर राजीव कुमार सिंह और खुशबू सिंह को गिरफ्तार किया गया.
Source : TV9
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बेहतरीन इंवेस्टिगेशन के लिए बिहार के दो आईपीएस सहित 7 अफसरों को गृहमंत्री मेडल

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के द्वारा अपराधिक अनुसंधान में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाले बिहार के दो आईपीएस अधिकारियों समेत सात पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा. वर्ष 2022 के केंद्रीय गृह मंत्री जांच उत्कृष्टता पदक के लिए चयनित पुलिस कर्मियों की सूची में आईपीएस सायली धूरत सावलाराम और आईपीएस विनय तिवारी के नाम शामिल हैं. इसके अलावा इंस्पेक्टर राम शंकर सिंह, इंस्पेक्टर विनय प्रकाश, सब-इंस्पेक्टर मनोज कुमार राय, सब-इंस्पेक्टर मो. चांद परवीन और सब-इंस्पेक्टर मो. गुलाम मुस्तफा के नाम भी शामिल हैं.
पटना में जनवरी 2021 में इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इसकी जांच पटना के तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक (मध्य) विनय तिवारी के नेतृत्व में हुई थी. विनय तिवारी ने पूरे मामले का उद्भेदन (खुलासा) करते हुए रुपेश की हत्यारों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया था. बताया जा रहा है कि इसी मामले में उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए विनय तिवारी को पुरस्कृत किया गया है.
तफ्तीश में पता चला था कि दिसंबर 2020 में रोडरेज के मामले में रुपेश सिंह का कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था. इसमें उनकी हाथापाई भी हुई थी. इसको लेकर ही उनकी हत्या कर दी गई थी. इस हाई प्रोफाइल मर्डर के बाद पटना पुलिस के लिए यह गुत्थी सुलझाना बेहद पेचीदा हो गया था. हालांकि विनय तिवारी के नेतृत्व में पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल की और हत्या के कारणों का खुलासा किया. पुलिस ने ऋतुराज नामक युवक को गिरफ्तार किया था जिससे रुपेश का रोडरेज हुआ था. बाद में इसी मामले में सौरभ नाम के शख्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि हर वर्ष भारत सरकार की ओर से आपराधिक मामलों के बेहतर अनुसंधान करने वाले देश के सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को पुरस्कृत किया जाता है. इसको केंद्रीय गृह मंत्री जांच उत्कृष्टता पुरस्कार कहा जाता है. इस वर्ष बिहार पुलिस के सात कर्मियों को पुरस्कृत करने के लिए चयन किया गया है, वहींं इस पुरस्कार के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़े कुल 151 पुलिसकर्मियों का नाम शामिल है.
Source : News18
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राजीवनगर के भूमाफियाओं पर ईडी करेगी मनी लॉड्रिंग का केस

राजीव नगर और दीघा में आवास बोर्ड की जमीन को अवैध तरीके से बेच अकूत संपत्ति बनाने वाले भूमि माफियाओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। रडार पर एक दर्जन से अधिक भूमि माफिया हैं जिनमें से फिलवक्त आधा दर्जन की कुंडली तैयार हो रही है। इनमें ज्यादातर गृह निर्माण समितियां और उनसे जुड़े लोग हैं। ईडी जल्द ही इनके खिलाफ इंफोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर अपनी कार्रवाई तेज करेगी। इनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लौंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज होगा। राजीव नगर और दीघा में भूमि माफियाओं के खिलाफ ईडी की यह पहली कार्रवाई होगी। जिन भूमि माफियाओं के नाम सामने आ रहे हैं उनपर पर आवास बोर्ड की काफी जमीन बेचने का आरोप है। इनमें से कई ऐसे हैं जिनके पास कभी साइकिल तक नहीं थी और अब वे महंगी गाड़ियों की सवारी करते हैं। फर्जीवाड़ा कर दीघा की जमीन बेचकर रिसॉर्ट और होटल तक बना रखा है। पटना से लेकर झारखंड तक कई मकान और फ्लैट खरीदे हैं। इन माफियाओं के खिलाफ जमीन हथियाने-बेचने से लेकर इलाके में गोलीबारी तक करने के आरोप हैं।
ईओयू भी कर रही है जांच
आवास बोर्ड की जमीन बेचने वाले माफियाओं के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने भी जांच शुरू कर दी है। आवास बोर्ड द्वारा दर्ज कराई गई अब तक करीब 400 एफआईआर की स्क्रूटनी कर माफियाओं की कुंडली खंगाली जा रही है। गौरतलब है कि राजीव नगर मामले की सुनवाई के क्रम में हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी… जिन्होंने 400 करोड़ की प्रॉपर्टी बना ली है, उनके खिलाफ तो ईडी का केस बनता है।
इनपर हाल में केस दर्ज हुआ
दीपक दुबे, सत्यनारायण, शैलेश सिंह, सुनील सिंह, कौशलेंद्र सिन्हा, विमल कुमार,राजेश झा, अश्विनी सिंह, सर्वेश सिंह, रामदयाल सिंह,राजा सिंह, विकास, मनोज राय, मनीष।
इनपर दर्ज है केस नीरज सिंह, नाकट गोप, प्रमोद, अखिलेश, श्रीनाथ सिंह, शिवजी सिंह
इन समितियों केस दर्ज निराला सहकारी गृह निर्माण समिति, कपूरचंद सहकारी गृह निर्माण समिति, जयप्रकाश गृह निर्माण समिति, बजरंग समिति, ललित फेडरेशन और त्रिमूर्ति समिति
Source : Dainik Bhaskar
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‘जंगलराज-2’ लाने जा रहे हैं नीतीश कुमार, बिहार सीएम पर BJP के आरोपों की बौछार

बिहार में नीतीश कुमार और महागठबंधन के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. बेगूसराय में सांसद गिरिराज सिंह ने तेजस्वी और नीतीश कुमार पर हमला बोला. गिरिराज सिंह ने राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि अति महत्वाकांक्षा की वजह से कुछ लोगों के कहने पर नीतीश कुमार को लगा कि वह आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री बन सकते हैं. इतिहास गवाह है कि भाजपा की बदौलत ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ताजा सर्वेक्षण में नरेंद्र मोदी के पक्ष में 56% लोगों ने सहमति जताई है. वहीं नीतीश का नाम भी नहीं है. वहीं छपरा में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने नीतीश कुमार से कई सवाल पूछते हुए कहा कि उन्होंने पूरे बिहार के साथ विश्वासघात किया है. रूडी ने नीतीश से पूछा कि ऐसी क्या महत्वाकांक्षा थी जिसने उन्हें जनादेश का अपमान करने पर मजबूर किया.
वहीं औरंगाबाद में नीतीश के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सांसद सुशील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार को पलटीमार चरित्र बताया और कहा कि सत्ता के लिये ‘पलटूराम’ नीतीश कुमार कुछ भी कर सकते हैं. वहीं शेखपुरा में राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार महत्वाकांक्षी हो गए और ‘जंगलराज-2’ लाने जा रहे हैं.
बीजेपी उनके नाम पर धोखेबाज दिवस मना रही है. उधर, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि शराबबंदी एक सामाजिक अभियान है. छपरा में जहरीली शराब से मौत हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री संवेदनहीन हैं. वहीं मुंगेर में पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं, जो शराब पीएगा वो मरेगा. लेकिन नीतीश को लोगों की मौत से कुछ लेना देना नहीं है.
उधर, नीतीश कुमार के केंद्र सरकार द्वारा ईडी और सीबीआई के गलत उपयोग पर दिए बयान का जवाब देते हुए कहा कि जब तक साथ थे तब तक इस बात की जानकारी नहीं हुई, आज हटते ही सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग याद आने लगा है. आज सीबीआई ओर ईडी सही तरीके से निष्पक्ष होकर अपना काम कर रही है.
वहीं सासाराम में सांसद छेदी पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने जनमत के साथ खिलवाड़ किया है. लोकतंत्र में यह विश्वासघात है. एक साथ चुनाव लड़ने के बावजूद जिस तरह से नीतीश कुमार ने जनता दल का दामन थाम लिया. जो दर्शाता है कि नीतीश कुमार कितने विश्वासघाती हैं. ज्यादा दिन नहीं चलेगी. उधर, आरा में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि नीतीश कुमार ने साल 2020 में मिले मैंडेट के खिलाफ जाकर महागठबंधन के साथ मिलकर जनता के साथ धोखेबाजी की है. उन्होने कहा की इस नए गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है.
Source : Aaj Tak
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