पटना. राजधानी पटना के बाढ़ में एक युवक को अपने अपहरण का झूठा नाटक करना महंगा पड़ गया. खुद के अपहरण के चक्कर में युवक को जेल तक जाने की नौबत आ गयी. दरअसल पूरा मामला बाढ़ थाना के गुलाब बाग का है, जहा नमामि गंगे प्रोजेक्ट ठेकेदारी कर रहे राजकुमार नामक ठेकेदार के भांजे नीतीश कुमार ने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली. मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार ने पैसे के लालच में अपने मामा ठेकेदार राजकुमार को मोबाइल पर खुद के अपहरण का मैसेज भेज कर 20 लाख की फिरौती की डिमांड भी खुद ही की. अपहरण का मैसेज आते ही परिजनों ने पूरे मामले की जानकारी बाढ़ थाना को दी और पुलिस ने महज आठ घंटे में ही इस पूरे मामले का उद्भेदन कर दिया.
मामला की गंभीरता को देखते हुये एएसपी अरविंद प्रताप सिंह और बाढ़ थाना अध्यक्ष संजीत सिंह ने जांच शुरू की और पूरे मामला का खुलासा किया. पुलिस की टीम ने फिरौती के मैसेज को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि नीतीश ने खुद ही अपने अपहरण साजिश रची है.
छोटे मामा के साथ रची साजिश
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुये नीतीश ने बताया कि वह किसान परिवार से है. आर्थिक हालात ठीक नहीं रहने से उसने अपने छोटे मामा प्रमोद कुमार के साथ अपहरण का खेल खेला. बाढ़ से बड़ा टेप खरीद कर मामा के घर के बाहर जमीन पर हाथ पैर बांध कर अपने बड़े ठेकेदार मामा राजकुमार के मोबाइल पर अहले सुबह 6 जनवरी को तस्वीर के साथ अपहरण का मैसेज भेजा. मैसेज मिलते ही घर वाले परेशान होकर बाढ़ थाना पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी. वहीं अपहरण और 20 लाख की फिरौती की मांग सुनकर पुलिस ने भी पूरे मामले को गंभीरता से ली और त्वरित कार्रवाई शुरू की.
जानिए कैसे हुआ खुलासा
पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि मामा का जहां काम चल रहा था, वहीं नीतीश भी गार्ड का काम करता था. पुलिस ने नीतीश के हर नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया. एएसपी अरविंद प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि नीतीश फिरौती के इस पैसे से दुकान खोलना चाहता था. खुद के अपहरण के दौरान ही उसने लैला नामक एक लड़की को फोन किया. फोन लागते ही पुलिस को नीतीश का लोकेशन मिल गया और फिर पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंच गयी. इस दौरान पुलिस ने देखा कि नीतीश अपना हाथ-पैर बांध कर बैठा हुआ था. बता दें, इस पूरे मामले में दो लोगों को जेल भेजा गया है. वहीं नीतीश की इस हरकत से पूरा परिवार दुखी है.
Source : News18