बिहार में गाड़ियों के मनचाहे नंबर के लिए मारामारी है. राज्य के तीन-चार जिलों में सबसे अधिक मारामारी है. राजधानी पटना में मनचाहे नंबर की डिमांड सबसे ज्यादा है. वहीं इस फेहरिस्त में पटना के बाद गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर का नंबर है. लेकिन अगर इन चार जिलों को छोड़ दें तो बाकी जिलों में फैंसी नंबर बेस प्राइस पर ही उपलब्ध हो जा रहे हैं. कुछ जिलों में तो कई नंबर खाली रह जा रहे हैं. दरअसल, गाड़ियों का नंबर लेने के लिए कई लोग अपने जन्म तिथि, शादी की सालगिरह, ज्योतिष, न्यूमरोलॉजी, ऑड नंबर और धार्मिक आधार पर नंबर लेना पसंद करते हैं. वहीं कोई किसी खास अंक के नंबर को शुभ व अशुभ मानते हुए गाड़ियों के नंबर को लेते हैं.
दरअसल, अब परिवहन विभाग ने इस तरह के नंबर को च्वॉइस या फैंसी नंबर की कैटेगरी में डाल दिया है. इन नंबरों को आसानी से घर बैठे ही ऑनलाइन बुकिंग कराया जा सकता है. परिवहन विभाग ने फैंसी नंबर और लकी नंबर की डिमांड के मद्देनजर ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की है. विभाग के नियम के अनुसार कार, बाइक या अन्य गाड़ियों के लिए फैंसी नंबर या मनपसंद का नंबर पाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
गौरतलब है कि फैंसी नंबर में एक से अधिक दावेदार होने की स्थिति में बोली लगती है. अधिकतम बोली लगाने वाले को वह नंबर दिया जाता है. पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और आवेदक बोली व निष्कर्ष को स्वंय बाग लेकर देखते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में पटना के लोग सबसे अधिक शामिल हो रहे हैं. आलम यह है कि पटना में फैंसी नंबर के लिए 2 लाख तक की बोली लग जा रही है. इस फेहरिस्त में पटना के बाद गया और मुजफ्फरपुर का नंबर है.
Source : Hindustan
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