इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों और हिंदू मंदिरों पर हमला होना लगातार जारी है और एक बार फिर से एक मुस्लिम कट्टरपंथी ने हिंदू मंदिर पर हमला किया है। पिछले 22 महीने में पाकिस्तान में मंदिर पर हमले की ये नौवीं घटना है, फिर भी इमरान खान ऐसे सिरफिरे कट्टरपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इसी महीने पाकिस्तान में श्रीलंका के एक नागरिक को ईशनिंदा के आरोप में जाहिल कट्टरपंथियों ने जिंदा जला दिया था और अब मंदिर पर हमला किया गया है।

कराची में दुर्गा मंदिर पर हमला

पाकिस्तान की समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची में एक हिंदू मंदिर में घुसकर मूर्ति पर हथौड़े से हमला करने का मामला सामने आया है। कट्टरपंथी के हमले में दुर्गा मां की मूर्ति टूट गई है। मूर्ति पर हमला करते वक्त आरोपी मुस्लिम कट्टरपंथी मजहबी नारे लगा रहा था। हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तानी उर्दू भाषा के समाचार टेलीविजन नेटवर्क समा टीवी ने बताया कि आरोपी शख्स कराची के रणछोर लाइन इलाके में स्थिति एक हिंदू मंदिर में घुस गया था और हिंदू देवी जोग माया की मूर्ति को हथौड़े से क्षतिग्रस्त कर दिया। समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी शख्स को बाद में स्थानीय लोगों ने पकड़कर स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, आरोपी के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है।

umanag-utsav-banquet-hall-in-muzaffarpur-bihar

22 महीने में 9वीं बार हमला

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मूर्ति पर हथौड़े से बार बार हमला किया गया, जिससे मां दुर्गा की प्रतिमा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, उन्मादी आरोपी ने पूरे मंदिर को तहस-नहस कर दिया। वहीं, पाकिस्तान की पत्रकार वीनगास ने कहा है कि, पिछले 22 महीनों के दरम्यां पाकिस्तान के अंदर हिंदू मंदिर पर 9वां बड़ा हमला किया गया है। सिरफिरे कट्टरपंथी के खिलाफ इमरान सरकार बुरी तरह से नाकाम है, इसीलिए मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर हमले नहीं रूक रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान के सांप्रदायिक प्रधानमंत्री इमरान खान, जिन्होंने सत्ता में आने से पहले नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था, वो ऐसे कट्टरपंथियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट जारी करता है नोटिस

पाकिस्तान में एक तरफ मंदिरों पर हमले किए जाते हैं, उन्हें तोड़ा जाता है और पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट बार बार नोटिस जारी करता रहता है और मंदिरों के पुनर्निर्माण के आदेश देता रहता है। जबकि, आरोपियों को कोर्ट के बाहर ही इमरान सरकार समझौते के जरिए बरी कर देती है। इसी साल पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दिवाली के मौके पर खैबर पख्तूनख्वा स्थिति उस मंदिर में आरती जलाने गये थे, जिसे पिछले साल कट्टरपंथियों की भीड़ ने तोड़ दिया था। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा था, कि वो पाकिस्तान के उदारवादी छवि को पेश करने के लिए मंदिर जा रहे हैं, लेकिन लगता नहीं है कि, चीफ जस्टिस के मंदिर यात्रा से कट्टरपंथियों पर कोई फर्क पड़ा है।

श्रीलंकन नागरिक की हत्या

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी महीने 3 दिसंबर को सियालकोट में जिहादियों की भीड़ ने एक श्रीलंकन नागरिक को बुरी तरह से पीटने के बाद जिंदा जला दिया था। पाकिस्तान के अंदर कट्टरपंथियों ने यह बर्बरता सियालकोट के वजीराबाद रोड पर की थी और एक कारखाने पर इस्लामिक भीड़ ने हमला कर कंपनी के एक्सपोर्ट मैनेजर को पकड़ लिया था और जमकर पिटाई करने के बाद उसके शरीर में आग लगा दिया था। सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने कहा कि पीड़ित का नाम प्रियंता कुमारा था और वो श्रीलंका का रहने वाला था, जिसकी हत्या कर दी गई।

कट्टरपंथियों का देश बना पाकिस्तान

अब यह पूरी तरह से तय हो चुका है कि, पाकिस्तान कट्टरपंथियों का मुल्क बन चुका है, जहां अल्पसंख्यक एक पल के लिए भी सुरक्षित नहीं हैं और इमरान खान इन कट्टरपंथियों के सरदार हैं। कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथिों की भीड़ ने हमला कर एक गणेश मंदिर को तोड़ डाला था, जिसके बाद पूरी दुनिया में सांप्रदायिक प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना की गई थी, जिसके बाद इमरान खान ने गाल बजाते हुए वादा किया था, कि मंदिर का पुनर्निमाण किया जाएगा और ऐसे तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी एक भी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया गया। इससे पहले ही इमरान खान ने राजधानी इस्लामाबाद में एक मंदिर के पुननिर्माण का वादा किया था, लेकिन मजहबी कट्टरपंथियों के विरोध के कारण उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया था।

भारतीय जनता पार्टी ने की निंदा

वहीं, पाकिस्तान के मंदिर में हुए हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य समर्थित आतंक” बताया है। सिरसा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “रांचौर लाइन में एक और हिंदू मंदिर को अपवित्र किया गया, पाकिस्तान के हमलावरों ने बर्बरता को यह कहते हुए उचित ठहराया कि ‘मंदिर पूजा स्थल होने के योग्य नहीं है’। यह पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य समर्थित आतंक है।” वहीं, पाकिस्तान मूल के कनाडाई लेखक तारिख फतेह ने भी मंदिर हमले को लेकर पाकिस्तान की जमकर आलोचना की है।

(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *