बिहार में जल्द जलमार्ग, सड़कमार्ग और रेलमार्ग के साझा जंक्शन बनेंगे। यातायात के एक तरीके से दूसरे में बिना किसी परेशानी के शिफ्ट किए हो सकेंगे। जलमार्ग से जहाज पर लदकर आने वाले माल को भी वहीं से रेल या सड़क का कनेक्टेड रूट मिल जाएगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की एजेंसियां मिलकर इसकी संभावना तलाश रही हैं।

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पीएम गति शक्ति योजना के तहत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी का हब बनाने का प्रस्ताव मांगा गया है। इसके तहत भारत सरकार और राज्यों की परियोजनाओं को जमीनी और कागजी स्तर पर कनेक्ट करना है। इसका मकसद उत्पाद के साधनों को तेज गति से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाकर अर्थव्यवस्था में तेजी लाना है।

लोगों के आवागमन के समय को भी कम करना है। इसी तरह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को भी एक प्लेटफॉर्म पर लाकर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं की गति तेज करनी है।

इन शहरों मेंसंभव: बिहार में मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब को विकसित करना पटना, भागलपुर, हाजीपुर, कटिहार और बक्सर में संभव है। इन स्थानों पर संभावना तलाशी भी जा रही है। इन स्थानों पर जलमार्ग, सड़क मार्ग और रेलमार्ग को आसानी से एक स्थान पर जोड़ा जा सकता है। इनके इर्द-गिर्द लॉजिस्टिक हब विकसित करने से स्थानीय स्तर पर औद्योगिक विकास भी हो सकता है। बड़े शहरों के अलावा ऐसे छोटे-छोटे ठिकानों की भी इस मकसद से परख की जा रही है।

बिहार सरकार लॉजिस्टिक पॉलिसी के जरिए देगी अंजाम

पीएम गति शक्ति योजना के तहत प्रस्तावित मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब को अंजाम देने के लिए बिहार सरकार आने वाली लॉजिस्टिक पॉलिसी में कई प्रावधान करने जा रही है। उद्योग विभाग ने इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्दी इसे राज्य मंत्रिपरिषद की सहमति के लिए पेश करने की तैयारी है। रेलवे की ओर से ईस्टर्न फ्रेट ़कॉरिडोर समेत कई परियोजनाओं को राज्य की आधारभूत संरचना से कनेक्ट करना है। ताकि अर्थव्यवस्था को तेज करने वाले सभी कारक एक-दूसरे से जुड़कर गति पा सकें।

सात को छह राज्य योजनाओं को करेंगे साझा

आगामी सात जनवरी को मल्टी मोडल कनेक्टिविटी हब विकसित करने के लिए पटना में देश के छह राज्य अपनी योजनाओं को साझा करेंगे। इनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ तथा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे। बिहार सरकार के उद्योग विभाग और पूर्व मध्य रेलवे की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। कोरोना के कारण इस मंथन को वर्चुअल मोड में कर दिया गया है। यहां साझा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर बनी सहमति को पीएम गति शक्ति योजना के लिए बनाए जा रहे नेशनल मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। नेशनल मास्टर प्लान भारत सरकार के भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट ़फॉर स्पेस अप्लीकेशन एंड जियो इनफॉर्मेटिक्स की ओर से तैयार किया जा रहा है।

Source : Hindustan

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