मुंबई. कोरोन वायरस का एक नया उत्परिवर्तित रूप (म्यूटेंट) AY.4.2 यूरोप में दहशत पैदा करने के बाद अब भारत में भी दस्तक दे चुका है. हालांकि इसकी ‘संख्या अभी बेहद कम’ है. वायरस के इस रूप को संभवतः डेल्टा वेरिएंट से अधिक घातक माना जाता है क्योंकि यह उसकी तुलना में तेजी से फैलता है.

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सार्स-सीओवी-2 में INSACOG नेटवर्क निगरानी विविधताओं के वैज्ञानिकों ने शनिवार को यह जानकारी दी. दरअसल यह माना जा रहा है कि AY.4.2 की वजह से ही यूके, रूस (अगले सप्ताह मास्को में एक लॉकडाउन शुरू होगा) और इज़राइल (पिछले सप्ताह लॉकडाउन लगाया गया) में कोविड -19 मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

डेल्टा प्लस को वीयूआई-21ओसीटी-01 नाम दिया गया है

कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के नए प्रकार के मामलों में इजाफे ने ब्रिटेन सहित कई देशों में चिंता बढ़ा दी है. इस स्वरूप की अभी तक निगरानी की जा रही थी, लेकिन मामलों में इजाफे के बाद अब इसे जांच दायरे में स्वरूप (वीयूआई) की श्रेणी के तहत रखा गया है. वायरस के नए स्वरूप AY.4.2 यानी डेल्टा प्लस को ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा एजेंसी ने वीयूआई-21ओसीटी-01 नाम दिया है.

ब्रिटेन में डेल्टा स्वरूप के कुल मामलों में छह फीसदी डेल्टा प्लस के

ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मरीजों में सबसे अधिक वायरस के डेल्टा स्वरूप की पुष्टि हुई है. वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में चिह्नित किया गया था जिसे बाद में ब्रिटेन में चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में रखा गया. आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में चिह्नित किए जाने के बाद से 20 अक्टूबर तक इंग्लैंड में डेल्टा स्वरूप के 15,120 मामले सामने आए हैं. पिछले सप्ताह में डेल्टा स्वरूप के कुल मामलों में छह फीसदी डेल्टा प्लस के पाए गए थे.

भारत में AY.4.2 संक्रमण की संख्या बेहद कम

इस बारे में पूछे जाने पर दिल्ली में CSIR इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “AY.4.2 संशोधित परिभाषा के आधार पर भारत में मौजूद है, लेकिन बहुत कम संख्या में, 0.1% से कम.” आपको बता दें कि IGIB INSACOG जीनोमिक निगरानी में शामिल मुख्य प्रयोगशालाओं में से एक है.

डॉ अग्रवाल ने कहा कि आगे के विवरण और भारत में AY.4.2 की सही संख्या जल्द ही उपलब्ध होगी. AY.4.2 डेल्टा संस्करण का वंशज है, जिसे अब तक लाखों लोगों को प्रभावित करने वाला सबसे खतरनाक रूप माना जाता रहा है.

Source : News18

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