MUZAFFARPUR
मुज़फ़्फ़रपुर में नामांकन देने आए संसद प्रत्यासी गि’रफ्तार
मुज़फ़्फ़रपुर समाहरणालय परिसर में वैशाली संसदीय क्षेत्र से नामांकन देने आए प्रत्याशी साहेबगंज थाना के मो.नबीहाशन को पुलिस ने गि’रफ्तार कर लिया। उन पर साहेबगंज थाना में आ’र्म्स एक्ट, रं’गदारी का मामला दर्ज था। जिसने उन्होंने जमानत नही कराया था। नामांकन देने आये संसद प्रत्यासी की गि’रफ्तारी की पुष्टि एसएसपी मनोज कुमार ने किया है।
BIHAR
देश के 100 स्मार्ट शहरों की रैंकिंग में पटना फिर से फिसड्डी ; पटना से आगे निकला मुजफ्फरपुर

पटना. स्मार्ट शहर को लेकर पटना नगर निगम और नगर विकास विभाग ने बड़ी घोषणाएं करते हुए कई कार्यक्रम चलाए और बेहतर रैंकिंग होने का दावा किया पर फिलहाल रियल टाइम रैंकिंग में पटना फिर फिसड्डी साबित हुआ है और पिछले साल के रैंकिंग से भी 28 पायदान नीचे गिर गया है. देश भर के सभी स्मार्ट सिटी को लेकर स्मार्ट सिटी मिशन ने रियल टाइम रैंकिंग जारी की है. इस बार रैंकिंग नए मापदंडों के आधार पर की गई है. पिछली बार इस रैंकिंग में पटना जहां 54वें स्थान पर था वहीं अब 82वें स्थान पर पहुंच गया है.
चौंकाने वाली बात यह है कि पटना बिहार के घोषित चारों स्मार्ट शहर मुजफ़्फ़रपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ से भी नीचे चला गया है. भागलपुर जहां 76वें, मुजफ़्फ़रपुर 78वें और बिहारशरीफ 81वें स्थान पर है तो वहीं पटना 82वें. स्मार्ट शहरों की इस सूची में इंदौर सबसे टॉप पर कायम है जिसे 200 अंक प्राप्त हुए हैं. उदयपुर, सूरत, आगरा और अहमदाबाद क्रमशः दूसरे तीसरे, चौथे और पांचवे नम्बर पर हैं. 250 में सिर्फ 16.83 अंक पटना को मिले हैं. स्मार्ट शहर की घोषित इस सूची में पटना के फिसड्डी होने का सबसे प्रमुख कारण कई बिंदुओं माइनस मार्किंग होना है. फिजिकल और फाइनेंशियल प्रोग्रेस के लिए 50 अंक निर्धारित थे जिसमें पटना को माइनस 10 अंक मिले हैं.
खर्च किये गए फंड को लेकर भी पटना को माइनस 10 अंक मिले हैं. स्मार्ट शहर के अन्य बिंदुओं के पैरामीटर को पूरा नहीं करने पर पटना को शून्य अंक मिला है. पटना में स्मार्ट शहर को लेकर कई परियोजनाओ की घोषणा की गई हैं पर कुछ को छोड़कर सभी परियोजनाए अधर में लटकी हुई हैं. स्मार्ट सिटी के परियोजनाओं के समय से पूरा नही करने के कारण पटना फिसड्डी साबित हो रहा है जबकि दूसरे राज्यो के शहर स्मार्ट परियोजनाओं को लेकर आगे हैं. पटना में चल रहे स्मार्ट सिटी के परियोजनाओं पर गौर करें तो फिलहाल 50 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ है, वहीं कुछ योजनाएं सालों से पड़ी हुई हैं.
Source : News18
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर: शादी की सालगिरह पर पत्नी को दिया मौत का तोहफा, कार नहीं मिलने पर गर्भवती की हत्या

मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में एक गर्भवती की पीट-पीटकर हत्या कर देने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में मंगलवार को देवरिया थाना क्षेत्र के धरफरी निवासी सुरेंद्र राय उर्फ गुल्ली राय ने सरैया थाना में एफआईआर दर्ज करायी है। घटना बीते 24 जून की बतायी जा रही है।
मृतका के पिता ने बताया कि कोमल कुमारी की शादी 24 जून 2021 को नारायणपुर गांव निवासी फूलदेव राय के पुत्र राजेश कुमार के साथ हुई थी। शादी के दो माह बाद से कोमल को दहेज में कार मायके से दिलाने के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था। बीते 20 मई को उसके पुत्र की शादी में दामाद राजेश कुमार पुत्री कोमल के साथ उसके घर आये थे। वहां भी दामाद ने कार की डिमांड की थी। स्थिति ठीक होने पर गाड़ी देने की बात कही थी। लेकिन वह नहीं माना और हंगामा कर कोमल को साथ लेकर अपने घर लौट गया था।
शादी की सालगिरह 24 जून की देर रात कोमल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। शव को पंखे में टांग दिया गया था। सभी घर वाले घर छोड़कर फरार थे। मामले में दामाद राजेश, उसके छोटे भाई विकास, सास मीना देवी, मामा राजन राय व मिथिलेश राय आदि को नामजद किया गया है। प्रभारी थानाध्यक्ष आरसी चौधरी ने कहा कि केस दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
Source: Live Hindustan
MUZAFFARPUR
खुशी अपहरण कांड में जांच को नई एसआईटी बनाएं

पटना हाईकोर्ट ने पांच वर्षीय बच्ची खुशी के अपहरण मामले में पहले से गठित एसआईटी को समाप्त कर मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नई एसआईटी गठित कर जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही अगली सुनवाई में जांच रिपोर्ट के साथ मुजफ्फरपुर के एसएसपी एवं डीएसपी को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
हाईकोर्ट में मंगलवार को मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा अंतर्गत सब्जी विक्रेता राजन साह की पांच वर्षीय बेटी खुशी के अपहरण से संबंधित मामले पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की कोर्ट में मुजफ्फरपुर के टाउन डीएसपी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस द्वारा नजरअंदाज किया गया। कोर्ट ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम पर केवल कागजी कार्यवाही की है। कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन कर यह पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्यवाही नहीं की। अनुसंधान में उदासीन रवैया अपनाया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था, लेकिन एक साल 4 माह के बाद भी सुराग नहीं मिला है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर नाराजगी जताते हुए वर्तमान अनुसंधानकर्ता को जांच करने से रोक दिया। साथ ही आगे की जांच डीएसपी एवं एसएसपी की अगुवाई में करवाने का आदेश दिया था। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि मामले में एसआईटी गठित कर सभी बिंदुओं पर नये सिरे से पड़ताल की जाएगी।
Source: Hindustan
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