अररिया समेत कई संसदीय सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद फारबिसगंज सीमा से सटे नेपाल के विराटनगर तक करोड़ों रुपये सट्टे के रूप में दांव पर लगाये गये हैं।

खास बात यह कि सटोरियों द्वारा सिर्फ हार-जीत पर सट्टा नहीं लगाया गया है बल्कि हार-जीत के अंतर पर भी बड़े पैमाने पर सट्टे लगाए गए थे। यही वजह है कि मतदान के पूर्व से भाजपा और राजद पर बड़े बड़े दांव खेले गए हैं।

हवाला कारोबारियों की मानें तो स्थानीय स्तर के अलावा राजस्थान के जयपुर, बिकानेर,चुरू, गुजरात का सूरत, बड़ोदा, इंदोर, कोलकाता, दिल्ली व देहरादून सहित देश के कई महानगरों व नेपाल की राजधानी काठमांडू से हवाला के तार सीमा से सटे विराटनगर व फारबिसगंज में सटौरियों से चुनाव पूर्व जुड़ चूके थे।

सटौरियों से संपर्क में बड़े व्यापारी

राजस्थान और गुजरात के सटोरियों का एक बहुत बड़ा दल हवाला के जरिये बिराटनगर सहित सीमावर्ती शहरों में सट्टे के गोटी सजाने में चुनाव पूर्ण से मशगुल बताये जाते हैं। राजस्थान समेत कई महानगरों से सटोरियों के रूप में बड़े बड़े व्यापारी इन दिनों नेपाल के बिराटनगर व अन्य शहरों के सटौरियों से संपर्क में हैं।

नरेन्द्र मोदी तथा राजद-कांग्रेस की सीटों पर बड़ा दांव
यूं तो सबसे ज्यादा सट्टा प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी तथा राजद-कांग्रेस की सीटों पर लगाया जा रहा है। मगर जैसे-जैसे चुनाव का दौर खत्म हुआ वैसे-वैसे सट्टा बाजारों में भी तोल मोल तेजी से ऊपर नीचे हो रहा है।

सटौरियों से जुड़े कुछ व्यवसायियों की मानें तो चुनाव में जीत हार से लेकर प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी सहित राजद-कांग्रेस के सीटों पर करोड़ों का सट्टा चल रहा है। खासकर अररिया, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल और किशनगंज में विजेता, उपविजेता से लेकर वोटों के अंतर तक का मोल भाव निहीत है।

भारत-नेपाल जोगबनी बोर्डर का नजारा जिसके दोनों ओर जारी है सट्टा का कारोबार।

Input : Live Hindustan

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