लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में कई लोकसभा सीटों के बीच कड़ा संघर्ष होनेवाला है. लेकिन बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट पर दिलचस्प त्रिकोणीय संघर्ष होनेवाला है।

बेगूसराय सीट पर गिरिराज सिंह और कन्हैया पहले ही आमने सामने थे लेकिन अब इसमें तनवीर हसन की भी एंट्री तय हो गई है. बेगूसराय में आरजेडी ने तनवीर हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है. यानी की अब बेगूसराय में त्रिकोणीय संघर्ष तय है.

बीजेपी के फायर ब्रिगेड नेता गिरिराज सिंह वर्तमान में नवादा के सांसद हैं, लेकिन पार्टी आलाकमान के आदेश के बाद वह बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हो गए हैं. वहीं, महागठबंधन से नकारे गए सीपीआई ने पहले ही कन्हैया को वहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया था. हालांकि महागठबंधन से कन्हैया को लड़वाने की जद्दोजहद काफी की गई, लेकिन कन्हैया को निराशा हाथ लगी.

वहीं, महागठबंधन में बेगूसराय सीट आरजेडी के हाथ में गई है. आरजेडी ने इस सीट पर पहले से ही तालठोक रहे तनवीर हसन को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. तनवीर की एंट्री से बेगूसराय सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष शुरू हो गया है.

तनवीर हसन की एंट्री से गिरिराज सिंह के सामने दो विरोधियों के सामना करने की चुनौती हो गई है. वहीं, कन्हैया जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं उनकी मुश्किलें आरजेडी ने बढ़ा दी है. तनवीर हसन और गिरिराज सिंह अनुभवी उम्मीदवार हैं ऐसे में कन्हैया के लिए यह चुनाव पत्थर पर लकीर खीचने के बराबर है.

त्रिकोणीय संघर्ष के मामले में बीजेपी को बेगूसराय सीट पर फायदा होगा ऐसा माना जा रहा है. वहीं, आरजेडी के तनवीर हसन को कन्हैया क्षति पहुंचा सकते हैं. क्योंकि इस बार के चुनाव में एनडीए बनाम महागठबंधन है. ऐसे में आरजेडी के वोट बैंक में कन्हैया की सेंधमारी हो सकती है. जिससे गिरिराज सिंह को फायदा हो सकता है. वहीं, जातिगत आंकड़ों के अनुसार भी गिरिराज को फायाद होता दिख रहा है. क्यों कि बेगूसराय भूमिहार बाहुल क्षेत्र है.

बहरहाल, बेगूसराय सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष का बिगूल फूंक चुका है. देखना यह है कि त्रिकोणिय संघर्ष के इस दिलचस्प मुकाबले में किसका पलड़ा भारी होगा और जीत हासिल करेगा.

Input : Zee News

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