नई दिल्‍ली: पति की लंबी उम्र के लिए किए जाने वाले वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत की खासी मान्‍यता है. देश के कई राज्‍यों में महिलाएं यह व्रत (Fast) रखती हैं लेकिन इस बार का वट-सा‍वित्री व्रत बहुत खास है. ज्‍येष्‍ठ महीने की अमावस्‍या को मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन इस बार कई शुभ संयोग (Auspicious Yog) बन रहे हैं. लिहाजा इस दिन व्रत रखना, वट के पेड़ की पूजा करना बहुत लाभ देगा.

Vat Savitri: Women pray for the longevity of their husbands

बन रहा है चर्तुग्रही योग

वट सावित्री व्रत के दिन चंद्रमा अपने ही नक्षत्र यानी रोहिणी में रहेगा. ज्‍योतिषाचार्यों के मुताबिक रोहिणी को सभी नक्षत्रों में सबसे शुभ माना जाता है. साथ ही वृष राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और राहु की युति चतुर्ग्रही योग (Chaturgrahi Yog) बना रही है. ये योग भी शुभ है. इसके अलावा अमावस्या पर शनि अपनी ही राशि में वक्री यानी टेढ़ी चाल से चल रहे हैं. वक्री शनि शुभ फल देते हैं. इतना ही नहीं सूर्योदय की कुंडली के लग्न भाव में शुक्र ग्रह का रहना सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने वाला है. कुल मिलाकर यह वट सावित्री व्रत बहुत फलदायी है.

Vat Savitri Vrat 2020: Date, Time, Shubh Muhurat And Puja Vidhi Of Vat  Savitri - Vat Savitri Vrat 2020: इस तरह करें वट सावित्री व्रत की पूजा,  जानिए संपूर्ण विधि-विधान

इन उपायों से होंगे कई ग्रह दोष खत्‍म

ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को शनि देव (Shani Dev) के साथ ही केतु (Ketu) ग्रह की भी जयंती होती है. अपनी जयंती के दिन केतु, शनि के नक्षत्र में और शनि देव चंद्रमा के नक्षत्र में होकर अपनी ही राशि मकर में रहेंगे. ये स्थिति भी शुभ है और ग्रह दोषों से निजात पाने के लिए बहुत उपयुक्‍त भी है. इसके लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं.

– इस दिन लोटे में पानी, कच्चा दूध और थोड़े से काले तिल मिलाकर पीपल में चढ़ाएं. इससे ग्रह दोष खत्म होंगे.

– साथ ही शनि मंदिर या अपने घर की छत पर ध्वज यानी झंडा लगाना चाहिए. इससे केतु से जुड़े दोष खत्म होते है.

Source : Zee News

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Muzaffarpur Now इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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