कृषि कानून वापस लिए जाने का ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है. पीएम मोदी की ओर से नए कृषि कानून वापस लिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि किसानों का धरना कब खत्म होगा? किसान नेता राकेश टिकैत ने आजतक से बात करते हुए कहा है कि सरकारी टीवी से घोषणा हुई है. उन्होंने कहा कि अगर कल बातचीत करनी पड़े तो किससे करेंगे?

राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार मुकदमे हैं. बगैर बातचीत के कैसे चले जाएं. प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी फेल कर दिया. हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता. वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है.

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि जो मीठी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है, उसको बातचीत में डाल दो. राज्यों में विधानसभा चुनाव करीब देख पीएम ने कानून वापसी का ऐलान किया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें क्या पता क्या वजह है. वापस लेने की वजह में हम नहीं जानना चाहते. हम चाहते हैं कि हमारा काम हो जाए.

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राकेश टिकैत ने कहा कि हमें भी प्रधानमंत्री ने एक दम से झटका मारा है. अपने लोगों से भी सलाह नहीं लेते वे तो. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दो बस. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बिना फंसे कहां बात मान रही. अगर सरकार बिना फंसे मान जाती हो तो हमें बता दो. उन्होंने साथ ही ये भी जोड़ा कि हम तो पूंछ अटका कर रखेंगे.

राकेश टिकैत ने कहा कि 11 दौर की जब बात होती थी तो ये भी कहा जाता था कि तीनों कानून के बाद एमएसपी पर बातचीत करेंगे और ये बातचीत कमेटी के जरिए होगी. उन्होंने दावा किया कि आधे रेट में फसल बिक रही है तो हम क्यों बेचें आधे रेट में. हमने तो अभी स्वामीनाथन कमेटी की बात ही नहीं की है. राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तो एमएसपी तय करने का मेकैनिज्म भी सही नहीं है पर हम तो यही कह रहे हैं कि उस पर एक गारंटी कानून बना दो.

आंदोलन पर आज होगा फैसला

किसान आंदोलन क्या समाप्त होगा, होगा तो कब होगा. इन सब सवालों पर राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आज सिंघु बॉर्डर पर होगी. ये सारे एजेंडे रहेंगे जो हमने बातचीत की है. उन्होंने आगे कहा कि हमने कहा है कि एमएसपी तो करोगे. क्या सरकार लूटने का काम करेगी क्या. राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा कि हम कब वापस जाएंगे.

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