जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के प्रधान महासचिव के.सी त्यागी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कहा है कि पहले चरण में जहां चुनाव होना है, वहां जेडीयू ने दावा नहीं किया है. हमने मध्य और पूर्वी यूपी के लिए क्लेम किया है, जहां पर जनता दल युनाइटेड का प्रभाव है. वहां बिहार के आधार पर सामाजिक संरचना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा और बीजेपी के उत्तर प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता आर.सी.पी सिंह ने बातचीत की है. यह बातचीत सकारात्मक दिशा में हुई है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने किसी भी स्टेज पर सीटों के तालमेल से इनकार नहीं किया है.

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उन्होंने कहा कि मैंने खुद भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीटों के बंटवारे और जेडीयू की बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. इस संबंध में हमारी मुलाकात भी हुई थी. उन्होंने कहा कि जेडीयू ने एक सूची तैयार कर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को दी है. उन्होंने यह भी कहा कि आर.सी.पी सिंह के कहे अनुसार दो दिन पहले उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान से बातचीत हुई है. त्यागी ने कहा कि बहुत कम समय बचा है, सीटों का बंटवारा और कौन-कौन से मुद्दे हैं उसके बारे में यह प्रक्रिया अंतिम दौर में होनी चाहिए.

BJP को सीटों के बंटवारे की जल्द घोषणा करना चाहिए

जेडीयू के महासचिव ने कहा कि अपना दल और निषाद पार्टी के साथ बीजेपी के सीटों का बंटवारा और सीटों को चिन्हित नहीं किया गया है, इसलिए अब जल्द घोषणा करना चाहिए. क्योंकि हमारा विरोधी खेमा जो कि समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में है उसमें सीटों का बंटवारा भी कर लिया है, और हमारे सामने मजबूती से चुनाव लड़ने की योजना में लगा हुआ है. लिहाजा समय रहते बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी अपने मित्र दलों के साथ बैठकर सीटों का बंटवारा फाइनल कर लेना चाहिए.

अपना दल और जेडीयू के बीच कई सीटों पर समानता होने के सवाल पर के.सी त्यागी ने कहा कि यह न तो बीजेपी के लिए मुश्किल है, न जेडीयू के लिए मुश्किल है और न अपना दल के लिए मुश्किल है. उन्होंने कहा कि पिछली बार सभी 403 सीटों में से अपना दल को 10 सीटें मिली थी, और जेडीयू ने पहले 20 सीटें बीजेपी के साथ मिलकर लड़ी थी. उन्होंने कहा कि ऐसे ही लगभग डेढ़ सौ विधानसभा सीटें हैं जहां पर जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रभाव वाली सामाजिक संरचना का असर है.

‘नरेंद्र मोदी-नीतीश कुमार मिलकर प्रचार करेंगे तो 300 सीटें जीतेंगे’

त्यागी ने कहा कि पिछड़ों में बिखराव की यह प्रक्रिया समाजवादी पार्टी के लोगों ने शुरू की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे प्रभाव वाले व्यक्ति हैं, जो उस कमी को पूरा कर सकते हैं. यदि दोनों नेता उत्तर प्रदेश में घूमेंगे तो हम 300 से अधिक सीटें जीतेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ पिछली बार का गठबंधन 20 सीटों पर रहा है, हमें उम्मीद है कि इस बार भी जेडीयू को गठबंधन के सहयोगी के रूप में उतनी सीटें मिल जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन नहीं होता है तो भी हम यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. लेकिन वो बीजेपी और जेडीयू दोनों ही के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा.

बिहार में उत्तर प्रदेश के गठबंधन का असर पड़ने के सवाल पर के.सी त्यागी ने कहा कि झारखंड में भी हम अलग होकर चुनाव लड़े हैं, इसलिए उस पर क्यों असर पड़ेगा? उत्तर प्रदेश की चुनौतियां झारखंड से भिन्न है.

Source : News18

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