भागलपुर के नौगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में एक महिला ने बुधवार को अद्भुत बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के दो सिर, चार हाथ और तीन पैर थे। कोई इसे कुदरत का करिश्मा तो कोई भगवान का अवतार बता रहा है। वहीं, इस बच्चे को देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गई। हालांकि, जन्म के कुछ देर के बाद ही नवजात की मौत हो गयी।
धोबिनिया निवासी मनोज यादव की पत्नी सुभद्रा देवी प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुबह 11 बजे उसने एक अद्भुत बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म होते ही नर्सों और चिकित्सकों के बीच चर्चाएं गर्म हो गयी। नर्सों ने परिजनों को इस बात की जानकारी दी कि सुभद्रा देवी का बच्चा सामान्य नहीं है बल्कि एक अनोखा बच्चा है।
अद्भुत बच्चा जन्म लेने जानकारी पूरी अस्पताल में फैल गई। देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गई। लोग इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे थे। लोग की भीड़ बढ़ ही रही थी, इसी बीच बच्चे ने दम तोड़ दिया। बच्चा जन्म होने से 30 मिनट तक ही सांस ले पाया। सुभद्रा देवी की मां विमला देवी ने बताया कि सुभद्रा को इससे पहले चार संताने हैं, जिसमें एक लड़का और तीन लड़कियां हैं। चारों स्वस्थ हैं। पांचवां बच्चा अद्भुत था। लेकिन, वह ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाया।
डॉक्टरों की टीम हैरान थी
घटना के बाद डॉक्टरों की टीम हैरान थी। इस तरह से जुड़े हुए बच्चे का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से होना बड़ी बात है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के बच्चे कम समय तक ही जीवित रह पाते हैं। पेट में कम जगह होने की वजह से खाल जुड़ जाती है और बच्चा पनप नहीं पाता है। इसी वजह से इस प्रकार के विकृत बच्चे होते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस सम्बन्ध में एक्सपर्ट डॉ. हेमकांत शर्मा ने बताया कि इस तरह के बच्चे जन्म जींस की गडबडी की वजह से होता है। यह जेनेटिक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूबेला वायरस के वजह से भी ऐसा होता है।
Source : Dainik Bhaskar
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