सूबे में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में गड़बड़ी सामने आई है। बड़े पैमाने पर गलत उम्र दर्शाकर फर्जी तरीके से करीब एक लाख 88 हजार लोग पेंशन का लाभ ले रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में एक हजार और इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन में एक लाख 87 हजार लोग शामिल हैं।

समाज कल्याण विभाग द्वारा आधार से जुड़े जीवन प्रमाणपत्र से मिलान करने पर यह मामला पकड़ा गया है। विभाग ने वर्ष 2018 में जब आधार आधारित जीवन प्रमाणपत्र की अनिवार्यता लागू की तो फर्जीवाड़ा सामने आने लगा। सूबे के सभी जिलों में कमोबेश ऐसे मामले सामने आए हैं। मुजफ्फरपुर में 4841 पेंशनर जांच के दायरे में हैं। इनमें कांटी, मुशहरी, साहेबगंज, बंदरा, सकरा, कुढऩी व ढोली प्रखंडों के लाभुक हैं।

होगी पेंशन राशि की वसूली

विभाग अब ऐसे लोगों से पेंशन राशि की वसूली करेगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक दयानिधान पांडेय ने संबंधित जिलों के सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशकों को पत्र लिखकर भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी है। पत्र मेें कहा गया है कि उक्त पेंशनधारियों की आयु 60 वर्ष से कम पाई गई है। ऐसे पेंशनरों के आयु संबंधी बायोमीट्रिक या भौतिक सत्यापन के बाद सही पाए जाने पर ही भुगतान के लिए लॉक किया जाएगा। फर्जी लाभुकों से पेंशन राशि की वसूली होगी।

डीबीटी सिस्टम लागू होने से सामने आया मामला

समाज कल्याण विभाग द्वारा डीबीटी (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ) सिस्टम से पेंशनरों के बैंक खाते में राशि भेजने की शुरुआत की गई। इसके लागू होने के बाद हर वर्ष पेंशनरों का आधार आधारित जीवन प्रमाणपत्र जमा करना होता है। विभाग की मानें तो पहले डीबीटी सिस्टम से वोटर कार्ड पर ही पेंशन स्वीकृत होते थे। उसमें उम्र छिपाकर पेंशन का लाभ लिया गया। ऐसे लोगों का जब आधार आधारित जीवन प्रमाणपत्र सत्यापित कराया गया तो मामला सामने आया।

-पेंशनरों की सूची सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जांच के लिए भेज दी गई है। फर्जी तरीके से पेंशन लेने का मामला सामने आने पर विभाग के निर्देशानुसार राशि की वसूली की जाएगी। –ब्रजभूषण कुमार, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, मुजफ्फरपुर

Source : Dainik Jagran

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