पटना. राजधानी में एक खास स्कूल है, यहां पर अनोखे अंदाज में बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाता है. चक बैरया का ये ग्रामीण स्कूल जहां पर 12वीं तक की कक्षाएं लगाई जाती हैं आम स्कूलों की तरह ही है लेकिन खास बात है यहां पर बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाना. दस कमरों के इस स्कूल में एक कमरा ऐसा है जहां पर बच्चों की जरूरत का सामान रखा होता है. यहां एक अलमारी में चिप्स, नमकीन, बिस्किट, सैनेटरी पैड्स जैसे सामान बच्चों के लिए उपलब्‍ध हैं. यह सामान बच्चों को यहां से खरीदना पड़ता है लेकिन इसे बेचने के लिए कोई स्टाफ यहां पर नहीं है बल्कि यहां पर एक बॉक्स रखा है. जो भी बच्चा यहां पर सामान लेता है उसे इस बक्से में उतने ही रुपये डालने होते हैं. यहां के छात्र भी इसे पूरी ईमानदारी के साथ ये काम करते हैं. इसी स्कूल के एक छात्र प्रिंस कुमार ने कहा कि हमें जरूरत का सभी सामान यहां पर मिल जाता है और पूरी ईमानदारी से हम पैसे भी बक्से में डाल देते हैं.

नहीं हों रुपये तो अगले दिन दे सकते हैं

छात्राओं कि सहूलियत के लिए यहां सेनेटरी पैड्स भी रखे हुए हैं. जो जरुरत पड़ने पर छात्राएं इस्तेमाल इस्तेमाल करती हैं और रुपये यदि उस दिन न भी हों तो अगले दिन बक्से में डाल देती हैं. छात्रा चंचल कुमारी कहती हैं पहले हम क्लास छोड़कर घर चले जाते थे लेकिन अब यहीं पैड्स मिल जाने से हमें बहुत मदद मिलती है.

शिक्षक करते है काउंसलिंग

इंग्लिश की शिक्षक तलत परवीन बताती हैं यदि कोई छात्र ईमानदारी से पैसे नहीं रखता तो छात्रों को काउंसलिंग कर ईमानदारी से जीने कि सीख दी जाती है. उन्होंने कहा कि हम बच्चों को सिखाते हैं कि ऑनेस्टी इज द बेस्ट पॉलिसी. ऐसे में बच्चों ने यदि सामान लिया होता है और रुपये नहीं दिए होते हैं तो भी वे बाद में रुपये बक्से में डाल देते हैं.

प्रिंसिपल की पहल

इस स्‍कूल में बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने की यह पहल भी यहां के प्रिंसिपल के के त्रिपाठी की है. उन्होंने बताया कि 2018 दिसंबर में सभी शिक्षकों की मदद से इसको यहां पर इस काम को शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि एक हजार रुपये से इसे काम को शुरू किया गया था.

Input : News18

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