पीएम मोदी की वैक्सीन को लेकर घोषणा के बाद निजी अस्पतालों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलग- अलग वैक्सीन के लिए अधिकतम दाम निर्धारित किए हैं। वैक्सीन निर्माताओं द्वारा वर्तमान में घोषित कीमतों के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी अस्पतालों के लिए वैक्सिन के दाम तय किए हैं। इस आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन का दाम 780 रुपये प्रति डोज होगा। वहीं स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का दाम 1410 रुपये प्रति डोज होगा। वहीं रुसी वैक्सीन स्पूतनिक-V का दाम प्राईवेट अस्पतालों के लिए 1145 प्रति डोज होगा। इसमें 5 फीसद जीएसटी के साथ- साथ 150 रुपये प्रति डोज सर्विस चार्ज भी शामिल है। निजी अस्पताल इससे ज्यादा कीमत नहीं वसूल सकते हैं।
Union Health Ministry caps charges for administration of Covishield at Rs 780, Covaxin at Rs 1,410, and Sputnik V at Rs 1,145 in private hospitals, based on the prices currently declared by vaccine manufacturers.
— ANI (@ANI) June 8, 2021
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को देश के नाम संबोधन में कहा था कि 21 जून से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग पैसे देखकर वैक्सीन लगवाना चाहते हैं वो लोग ऐसा कर सकते हैं। निजी अस्पतालों में पैसे देकर वैक्सीनेशन भी जारी रहेगा लेकिन इस दौरान अस्पतालों में सरचार्ज 150 रुपये से ज्यादा नहीं होगा।
इस बीच केंद्र सरकार वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए मंगलवार से एक्शन मोड में आ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 74 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर जारी कर दिया गया है। इसमें 25 करोड़ कोविशील्ड और 19 करोड़ डोज़ कोवैक्सीन की शामिल है। इसके अलावा सरकार ने ई -बायोलॉजिकल लिमिटेड के टीके की 30 करोड़ खुराक खरीदने का भी आदेश दिया है, जो सितंबर तक उपलब्ध होगी। सरकार ने इन कंपनियों को ऑर्डर की 30 फीसदी रकम एडवांस में ही जारी कर दी है।
दिसंबर तक सभी वयस्कों को टीका लगाने के लिए सरकार ने 127.6 करोड़ डोज की व्यवस्था कर ली है। इससे पहले, 31 जुलाई तक के लिए सरकार 53.6 करोड़ डोज का आर्डर दे चुकी है। इसमें स्पुतनिक-वी शामिल नहीं है, जिसका रूस से आयात होना शुरू हो चुका है और जुलाई के बाद भारत में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन भी होने लगेगा।