जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से जुड़े किसानों के अलावे अब बिहार के किसान भी सेब की खेती कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक और सेब की खेती से जुड़े कुछ विशेषज्ञों ने सेब की एक ऐसी प्रजाति विकसित की है जिसकी खेती 45 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में भी आसानी से की जा सकेगी। बिहार के किसानों को सेब की खेती की ओर प्रेरित करने के लिए कृषि विभाग एवं इससे जुड़े अधिकारी किसानों से लगातार संपर्क स्थापित कर उन्हें इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। बताया जाता है कि बिहार सरकार के कृषि विभाग ने सेब की खेती को बढ़ावा देने के लिए बागबानी योजना में पहली बार सेब के बागबानी को शामिल किया है।

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा से जुड़े कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सेब एक शीतोष्ण यानी कम तापमान में उगाया जाने वाला फल है। परंतु खासतौर पर विकसित की गई सेब की प्रजाति हरिमन-99 को उत्तर बिहार के जिलों में आसानी से उगाया जा सकता हैं। जानकारी के अनुसार बिहार के औरंगाबाद, वैशाली, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, भागलपुर आदि जिलों में कुछ किसानों ने प्रायोगिक तौर पर सेब की बागवानी को लगाया था जिसका अनुभव किसानों के लिए काफी बेहतर रहा।

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के सह निदेशक अनुसंधान एवं अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. संजय कुमार सिंह बताते हैं कि सेब की उन्नत खेती सामान्यतः ठंडे प्रदेशों में होती है। हालांकि सेब की नई प्रजाति हरीमन 99 की खेती किसान 45 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण बिहार के जिलों को छोड़कर उत्तर बिहार के प्रायः जिलों में इसकी खेती की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस प्रजाति के सेब की खेती करने पर किसानों को 1 बीघे में लगभग 1 लाख रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि सेब की खेती कर किसान सरकार द्वारा दिए जाने वाले करीब 50 प्रतिशत अनुदान का लाभ भी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक सेब की बागवानी लगाकर किसान लागत से ढाई या तीन गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

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समस्तीपुर जिला कृषि पदाधिकारी विकाश कुमार ने बताया कि सरकार ने सेब, स्ट्राबेरी और ड्रैगन फ्रूट को इस बार से हॉर्टिकल्चर में शामिल कर दिया हैं। किसान 50 प्रतिशत अनुदान के साथ इसकी खेती को शुरू करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में सेब, स्ट्राबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग द्वारा जोर शोर से कार्य किया जा रहा है। यहां के किसान सेब, स्ट्राबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती को करके अच्छा से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में फिलहाल सेब की खेती तो नहीं परंतु सरायरंजन प्रखंड के रामचंद्रपुर गांव से जुड़े एक किसान ने प्रायोगिक तौर पर 10 कट्ठे में ड्रैगन फ्रूट एवं कल्याणपुर प्रखंड के किशनपुर गांव से जुड़े एक किसान ने 1 बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है। दोनों खेती का रिजल्ट काफी बेहतर रहा है।

Source : Dainik Bhaskar

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