गया के दो थानेदारों के चक्कर में बढ़ी टकराहट ने आखिरकार मगध क्षेत्र के आइजी अमित लोढ़ा और एसएसपी आदित्य कुमार की कुर्सी छीन ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आइपीएस अफसरों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही थी जिसमें थानेदारों का मामला तात्कालिक कारण बन गया। इस बीच पुलिस मुख्यालय तक जनप्रतिनिधियों और अन्य स्रोतों से भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायतें मिलीं जिसके बाद दोनों ही आइपीएस अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए पुलिस मुख्यालय रिपोर्ट करने का निर्देश दे दिया गया।

थानेदार को लेकर आइपीएस और आइजी स्तर के पदाधिकारियों के बीच लड़ाई को लेकर कई दूसरे सवाल भी उठ रहे हैं। आखिर थानेदारों को संरक्षण देने का कारण क्या था, इसके कारणों की भी पड़ताल की जा रही है। इस बाबत पुलिस मुख्यालय दोनों अफसरों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप को लेकर मौन है और किसी भी तरह के बयान से बच रहा है।

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सूत्रों के अनुसार, दोनों आइपीएस अफसरों के बीच लड़ाई की कई कडिय़ां हैं, जिसमें रामपुर और फतेहपुर के थानेदार की कड़ी अहम है। रामपुर के थानेदार सुरेंद्र कुमार सिंह पर एसएसपी की कार्रवाई के आदेश को आइजी ने पलट दिया था। यह मामला आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत करने से जुड़ा था। वह व्यक्ति अकसर थाने आता-जाता था जिसके आधार पर सत्यापन करने वाले पुलिसकर्मी ने उसे क्लीनचीट दे दी। इसकी शिकायत किसी शख्स ने ऊपर तक कर दी। इसके बाद जांचकर्ता पुलिस पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया। एसएसपी ने सिटी एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। जब जवाब नहीं आया तो आदेश की प्रत्याशा में थानेदार को हटाते हुए लाइन हाजिर कर दिया मगर थोड़े ही दिनों में आइजी के स्तर से एसएसपी के आदेश को पलट दिया गया।

मद्यनिषेध आइजी को लिखना पड़ा पत्र

इसके अलावा एक और मामला गया के फेतहपुर थानेदार से जुड़ा है, जो पिछले साल दिसंबर का है। इसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय कुमार पर शराबबंदी कानून में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। दो मामलों में अंग्रेजी शराब और महुआ शराब पकड़े जाने के बाद थानाध्यक्ष ने सिर्फ सनहा दर्ज किया था। बरामद शराब व अन्य सामान की न जब्ती सूची बनाई गई और न ही प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान किया गया। इस मामले में एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कार्यकलाप में सुधार का अवसर थानेदार को दे दिया जबकि आइजी के द्वारा थानेदार को निलंबित करने का निर्देश दे दिया गया। इस मामले को लेकर भी दोनों अफसरों के बीच तनातनी चली। इस मामले को लेकर मद्य निषेध आइजी ने भी एसएसपी को पत्र लिखकर इस लापरवाही को खेदजनक बताया और मगध रेंज के आइजी के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया था।

Source : Dainik Jagran

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