हिंदू धर्म में वैसे तो सभी त्योहारों और व्रतों का अपना महत्व है, लेकिन इनमें नवरात्रि को काफी अहमियत दी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें आश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्रि चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को शारदीय और वसंती नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त रहती है

नवरात्र के चौथें दिन दुर्गा जी के चतुर्थ रूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जब सृष्टि में चारों ओर अंधकार था और कोई भी जीव-जंतु नही था। तब मां ने सृष्टि की रचना की। इसी कारण इन्हें कुष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है।

आदिशक्ति दुर्गा के कुष्मांडा रूप में चौथा स्वरूप भक्तों को संतति सुख प्रदान करने वाला है। आज के दिन पहले मां का ध्यान मंत्र पढ़कर उनका आहवान किया जाता है और फिर मंत्र पढ़कर उनकी आराधना की जाती है।

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