जीविका के माध्यम से राज्य में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए किये जा रहे कार्यों में एक और योजना को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत जीविका से जुड़ी महिलाओं को गांवों में राशन दुकान चलाने में सहयोग दिया जा रहा है। इसी क्रम में हर प्रखंड में रूरल मार्ट खोले जाने हैं। इसी मार्ट से राशन दुकान चला रही जीविका दीदियों को वाजिब कीमत पर गुणवत्तापूर्ण सामग्रियां दी जाएंगी। ताकि वे अच्छी आय प्राप्त कर सकें। इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश भी जारी किया है।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि रूरल मार्ट से गांवों में राशन दुकान चला रही जीविका दीदियों को काफी मदद मिलेगी। रूरल मार्ट का संचालन भी जीविका दीदियों के माध्यम से ही किये जाने हैं। अभी-तक राज्य में ऐसे 61 रूरल मार्ट संचालित हैं, जिसकी स्थापना सभी 534 प्रखंडों में किये जाने का लक्ष्य है।
जानकारी के अनुसार रूरल मार्ट के लिए न्यूनतम 25 जीविका सदस्यों का समूह बनाना होता है। समूह के सभी सदस्य पांच-पांच हजार रुपये जमा करती हैं। इन्हीं सदस्यों को गांवों में राशन दुकान के लिए रूरल मार्ट से सामग्रियां दी जाती हैं। रूरल मार्ट की स्थापना के लिए जीविका की ओर से 16 लाख का लोन भी समूह को उपलब्ध कराया जाती है।
रूरल मार्ट के लिए किराये में भवन लिये जाते हैं। रूरल मार्ट से जो आमदनी होगी, वह भी समूह के सभी सदस्यों के बीच वितरित होती है। इन्हीं जीविका दीदियों में से तीन या इससे अधिक की जिम्मेदारी रूरल मार्ट के संचालन को दी जाती है। साथ ही वहां पर कर्मी भी रखे जाते हैं।
मालूम हो कि अभी सूबे में जीविका के तहत दस लाख 30 हजार स्वयं सहायता समूह हैं। इस समूह से एक करोड़ 27 हजार से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है। इन स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा करीब 16 हजार 700 करोड़ का लोन अब-तक उपलब्ध कराया गया है।
Source : Hindustan
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