बिहार सरकार से दरभंगा एयरपोर्ट के नए सिविल एनक्लेव और रनवे विस्तार को हरी झंडी मिलने के बाद दरभंगा ( का औद्योगिक रूप से विकास होगा. साथ ही आसपास के जिलों में भी तरक्की की बयार बहेगी. इससे यहां छोटे-बड़े उद्योग-धंधे, बड़े होटल, मॉल, आवासीय टाउनशिप और कई लघु एवं कुटीर उद्योगों का सृजन होगा. नेशनल हाइवे 57 पर दरभंगा के दिल्ली मोड़ से लेकर सकरी तक सड़क के दोनों किनारों का व्यावसायिक दृष्टिकोण से कायाकल्प होना तय माना जा रहा है. इससे रोजगार के नए अवसर मिलेंगे तो जाहिर है कि दरभंगा और आसपास के कई जिलों में आर्थिक प्रगति होगी.
दरभंगा एयरपोर्ट के नए सिविल एनक्लेव निर्माण के साथ ही यहां से घरेलू विमान सेवा और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट सर्विस की भी मांग उठने लगी है. कार्गो सेवा, एयर एंबुलेंस सेवा के शुरू होने से यहां के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिल सकेगा. एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत होने और दरभंगा में एम्स की स्थापना से यह पूरा इलाका चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, और यहां के लोगों को बेहतर इलाज के लिए महानगरों का रूख नहीं करना पड़ेगा.
कार्गो सेवा की शुरुआत होने से राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बड़े-बड़े गोदामों का निर्माण होगा. जहानाबाद के आमस से दरभंगा को जोड़ने वाली भारतमाला प्रोजेक्ट भी सदर प्रखंड क्षेत्र के रानीपुर स्थित एनएच से जुड़ेगी. इन दो प्रोजेक्ट के आने से पूरे रानीपुर पंचायत का कायाकल्प होना तय माना जा रहा है.
कौड़ियों के दाम में बिकने वाले जमीनों के भाव काफी बढ़े
दरभंगा एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने से पूर्व में कौड़ियों के भाव बिकने वाली जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं. आलम यह है कि एनएच 57 के किनारे की जमीनों की ऊंची बोली लगने लगी है. मगर इनके मालिक इसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचना चाहते. दिल्ली मोड़ से लेकर सकरी तक सड़क किनारे दोनों ओर के कुछ जमीन मालिकों ने तो बड़े-बड़े गोदामों का निर्माण कर इसे गति प्रदान करनी शुरू कर दी है.
बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट के नए सिविल एनक्लेव के लिए 78 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है. इनमें 54 एकड़ में सिविल एनक्लेव का निर्माण किया जाएगा, जबकि शेष 24 एकड़ जमीन में रनवे का विस्तार होगा. इसे जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में चिन्हित कर लिया गया है. सरकारी अमीन जमीन की मापी भी कर चुके हैं. केवल सरकार की हरी झंडी का इंतजार था जो अब पूरा हो गया है.
जानकार बताते हैं कि नया सिविल एनक्लेव महानगरों की तर्ज पर बनाया जाएगा. इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर यहां सारी सहूलियतें होंगी. बताया जाता है कि नए सिविल एनक्लेव जाने के लिए इंट्री और एग्जिट के अलग-अलग रास्ते होंगे. दिल्ली मोड़ से महज 500 मीटर दूर बने एक फ्लाईओवर के पास से नए टर्मिनल में प्रवेश के लिए इंट्री का रास्ता बनाया जाएगा. इसका ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है.
(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)