जहां दुनिया में टीके की अब तक तीन अरब से ज्यादा खुराके इस्तेमाल हो गईं, वहीं उत्तरी अमेरिका के देश हैती में 30 लोगों को ही टीका मिला है। हैती में शुक्रवार को पहली बार प्रयोगिक तौर पर चुनिंदा स्वास्थ्यकर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को टीका लगाया गया। गौरतलब है कि दुनिया में वितरण की असमानता के कारण टीकारण में गरीब देश पिछड़ गए हैं।

लंबे इंतजार के बाद हैती को मिले टीके

महामारी की शुरुआत के बाद से हैती को शनिवार को टीके की पहली खुराक मिली। हैती को पांच लाख खुराके मिली हैं जो कि कम आय वाले देशों के लिए संयुक्त राष्ट्र की कोवैक्स पहल के तहत अमेरिका ने दान दी। पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने बताया कि राजधानी पोर्ट ऑ प्रिंस में मॉडर्ना ब्रांड के ये टीके लगाए गए। यहां संक्रमण के 19,300 मामलों की पुष्टि हुई है और 480 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

99% डोज अमीर देशों को मिली

आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, दुनिया में अब तक टीके की जितनी खुराके इस्तेमाल की गई हैं, उनमें से 99% खुराके अमीर व मध्यय आय वाले देशों में लगायी गईं। गरीब देशों को अब तक एक फीसदी खुराके ही नसीब हुई हैं।

दुनिया में साढ़े तीन अरब डोज लगी

आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, अब तक दुनिया में 3.57 अरब खुराके 180 देशों में लगायी जा चुकी हैं। दुनिया में अभी हर दिन 3.02 करोड़ खुराके लगायी जा रही हैं जो कि विश्व की 23.3% आबादी को टीका लगाने के लिए पर्याप्त हैं।

धनी देशों ने 30 गुना तेजी से टीके लगाए

अंतरराष्ट्रीय कोविड ट्रैकर के मुताबिक, दुनिया की सर्वाधिक आय वाले देशों व क्षेत्रों में सबसे कम आय वाले देशों के मुकाबले 30 गुना ज्यादा तेजी से टीके लगाए गए। आंकड़े बताते हैं कि पूरी दुनिया में जिस असमानता और धीमी गति से टीके लगाए जा रहे हैं, उस गति से ही टीकाकरण चला तो अगले नौ महीने में दुनिया की 75% आबादी को ही टीका मिल सकेगा। यानी दुनिया को और एक साल कोरोना संक्रमण से जूझना पड़ेगा।

Input: live hindustan

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