पटना:कोरोना वायरस संक्रमण के संकट से काफी हद तक उबरने के बाद बिहार की राजधानी पटना में इस बार दुर्गा पूजा पर पंडाल और मूर्तियां प्रतिष्ठापित होंगी। पूजा समिति को पंडाल और मूर्ति के लिए जिला प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस में इस बार कोविड प्रबंधन के मानकों के अनुपालन की शर्त को भी जोड़ा जाएगा। जन सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की पूर्व की शर्तें भी प्रभावी होंगी। इन शर्तों का पालन पहले भी पूजा समितियों को करना पड़ा है। बीते साल कोरोना संक्रमण के कारण पंडाल और मूर्ति स्थापना और सामूहिक पूजा पर रोक थी। केवल मंदिरों में ही सादे ढंग से पूजा के लिए पिछले साल अनुमति दी गई थी। इस बार अगर पंडाल और मूर्तियां स्थापित होती हैं तो रेहड़ी दुकानदारों के साथ ही पूरे बाजार को इसका फायदा होगा।
जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पूजा समितियोंं को मूर्तियों की स्थापना और पंडाल के लिए सशर्त अनुमति दी जाएगी। बिजली का विधिवत कनेक्शन लेना अनिवार्य होगा। फायर सेफ्टी और पंडालों की मजबूती की जांच जिला प्रशासन कराएगा। डीएम ने कहा कि पूजा शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में आयोजित हो इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा।
सशर्त प्रतिष्ठापित होगी मां की मूर्ति और पंडाल पूजा करने के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति पूजा समिति को कोरोना नियमों का करना होगा पालन जन सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की पूर्व की शर्तें भी प्रभावी होंगी पिछले वर्ष कोरोना के कारण पंडाल और सामूहिक पूजा पर थी रोक
पंडाल में कार्टून नहीं होंगे प्रदर्शित
पूजा समिति को पंडाल निर्माण और कलश स्थापना से लेकर प्रतिमा निर्माण और दर्शन के दौरान कोविड प्रबंधन की शर्त का अनुपालन करना होगा। मास्क और सैनिटाइजर और उचित दूरी का पालन जन सुरक्षा के लिए जरूरी है। पंडाल में ऐसे कार्टून का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा, जिससे किसी की भावना आहत हो।
Source: Dainik Jagran
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