बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला आयांश एक बेहद दुर्लभ और खतरनाक बीमारी (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी) से जूझ रहा है. बीमारी के इलाज के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. लेकिन आयांश के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वो इतनी महंगी इंजेक्शन खरीद सकें. ऐसे में उन्होंने अपने दस महीने के बच्चे को बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

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परिजनों के गुहार लगाने के बाद लोग उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं. जिससे जितना बन पा रहा है, वो आयांश की जान बचाने के लिए सहयोग कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी आयांश की मदद के लिए आगे आए हैं. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने गुरुवार बच्चे के इलाज के लिए अपने एक महीने का वेतन दिया.

पटना के रूपसपुर में रहने वाला आयांश, जो मात्र महीने का छोटा बच्चा है, उसकी गंभीर बीमारी का पता लगने के बाद मुकेश सहनी खुद उनके घर गए. वहां उन्होंने आयांश और उनके परिजनों से मुलाकात की. बच्चे का हाल जाना और फिर अपने एक महीने का वेतन उसके इलाज के लिए देने का फैसला किया.

इस दौरान मंत्री ने कहा कि आयांश 10 महीने का छोटा बच्चा है, जिसकी बीमारी अत्यंत दुर्लभ है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत है, वो 16 करोड़ रुपयों की है. इस परिवार के लिए इतनी रकम इकट्ठा करना संभव नहीं है. लेकिन इस मुश्किल वक़्त में बिहार के लोग आयांश के साथ हैं. हम सबों से निवेदन करते हैं कि आयांश को बचाने की मुहिम में आगे आएं और जिस से जितना बन पड़े उनकी मदद जरूर करें. हमने अभी एक महीने का वेतन दिया है. आगे जरूरत पड़ेगी तो हम और भी मदद करेंगे.

मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि मानवता के खातिर आप भी आयांश की मदद करें और उसके जीवन को बचाने में अपना योगदान दें. इस मौके पर राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ,आनंद मधुकर यादव,पप्पू चौहान,बैधनाथ सहनी, अर्जुन सहनी मौजूद रहे.

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