सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) के महानिदेशक इंद्रेश कुमार पांडेय ने शुक्रवार को राजधानी में मंत्रालय व एनएचएआइ की देखरेख में चल रही सड़क व पुल निर्माण योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ हुए विमर्श में यह तय हुआ कि पीएम पैकेज के तहत बिहार के लिए जितनी भी सड़क व पुुल योजनाएं शेष हैं, उन्हें इसी वर्ष स्वीकृत कर दिया जाएगा। गांधी सेतु के समानांतर बन रहे चार लेन पुल निर्माण की गति को उन्होंने तेज करने की हिदायत दी। जिन परियोजनाओं का काम निर्माण एजेंसी की वजह से धीमा हो गया है उनकी सख्ती से मानीटरिंग को कहा गया। मोर्थ के डीजी ने समीक्षा बैठक के बाद पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन से भी भेंट की। इस मुलाकात के दौरान भारतमाला शृंखला के तहत हाल ही में जिन सड़कों की सूची बिहार ने केंद्र को भेजी है उन पर विमर्श हुआ।
गांधी सेतु के समानांतर बन रहे पुल के निर्माण की गति पटना छोर में बिजली के पोल नहीं हटने और कुछ सरकारी संस्थानों की जमीन की वजह से धीमी है। इस संबंध में इस बारे में नियमित रूप से संबंधित अधिकारियों के साथ फालोअप किया जाए। उच्च स्तर पर इन समस्याओं को संज्ञान में लाएं। इसी तरह गया से बिहारशरीफ के बीच बन रहे (एनएच-84) के निर्माण में आ रही समस्या पर भी चर्चा हुई। इस प्रोजेक्ट में निर्माण कंपनी की वजह से परेशानी है। एक जगह पर आरओबी का निर्माण भी किया जाना है। वीरपुर-विहपुर (एनएच-106) के निर्माण में भी तेजी लाए जाने का निर्देश दिया है।
मोर्थ के डीजी ने पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन से भी भेंट की। इस दौरान पथ निर्माण मंत्री ने भारतमाला शृंखला के तहत बक्सर से भागलपुर के बीच एक्सप्रेस वे व अन्य तीन सड़कों के भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन सड़कों की मंजूरी मिलने से बिहार का बड़ा हिस्सा नए सिरे से जुड़ जाएगा। कई अन्य परियोजनाओं पर भी विमर्श हुआ।
पीएम पैकेज की शेष योजनाएं
भागलपुर-हंसडीहा फोर लेन सड़क
बक्सर-चौसा-मोहनिया सड़क
दरभंगा-रोसड़ा
हाजीपुर-बछवाड़ा
रामजानकी मार्ग में मेहरौना-सीवान फोर लेन
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