शराब और नशाबंदी के मसले पर बिहार में सियासत इन दिनों काफी गर्म है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया है कि शराबबंदी खत्म करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है, तो दूसरी तरफ राजद के अध्यक्ष लालू यादव ने कहा था कि वे पहले ही शराबबंदी खत्म करने के लिए कह चुके हैं। हालांकि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस मामले में लालू का बचाव करते हुए कहा था कि उनके बयान का संदर्भ अलग था और उन्होंने शराबबंदी को सही तरीके से लागू करने की बात कही थी। इस बीच राजद के एक विधायक ने शराबबंदी का मसला उठाते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दे दिया।
बिहार सरकार के पूर्व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री और जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद विधायक राजवंशी महतो के बयान पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि संगति से गुण होता है। उन्होंने कहा कि राजद के विधायक चरवाहा विद्यालय से ज्ञान प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सजायाफ्ता, भ्रष्टाचारी, अपराधी और लंपटों की जमात में रहने पर भाषाई विसंगति तो होगी ही। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि ये लोग ज्ञान का आतंक मचाए हुए हैं। ये लोग बिहार की युवा पीढ़ी, महिलाओं और गरीबों का भविष्य अंधकारमय करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शराब बंदी के उल्लंघन की सूचना राजद विधायक सरकार के टोल फ्री नंबर पर क्यों नहीं देते हैं? ये लोग शराब माफिया से मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिले हैं, जबकि लालू यादव को कैदी नंबर 3351 का पुरस्कार मिला है।
राजद विधायक ने कही थी ये बात
राजद विधायक ने कहा था कि शराब को बंद करवाने की क्या जरूरत है? जब शराब पीकर लोग मर रहे हैं। शराब को गांव-गांव में खोलवा देना चाहिए। नीतीश कुमार की ही सरकार में गांव-गांव में शराब बिकती थी। राजद विधायक इतने पर ही नहीं रुके और उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम लेते हुए कह दिया कि वे तो खुद ही नशे का सेवन करते हैं। आपको बता दें कि राजद का मुख्य चेहरा बन चुके तेजस्वी यादव भी शराबबंदी के मसले पर सीएम नीतीश कुमार को घेरते रहे हैं।
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