आधुनिक दौर में तकनीक ने हमारी कई समस्याओं का समाधान किया है. यही कारण है कि आज हर क्षेत्र में अधिक से अधिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. इसी क्रम में अब बिहार में सड़कों का डिजिटल डाटा बैंक तैयार होने जा रहा है. इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि किस जिले में कितनी व कौन-सी सड़कें हैं. इन सड़कों का लेखा-जोखा डिजिटल मैप पर रहेगा. बिहार राज्य पथ निर्माण विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. डिजिटल मैप तैयार करने के लिए कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश भी दे दिया गया है.

दरअसल विभागीय अधिकारियों के किसी भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान जिले के अधीन विभागीय पथों से संबंधित रोड नेटवर्क मैप की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में उन्हें नक्शा मिलना भी कठिन हो जाता है. साथ ही उसके आकलन में भी सटीकता नहीं रह पाती है. ऐसे में अधिकारियों का मानना है कि इसके लिए यह जरूरी है कि डिस्ट्रिक्ट रोड मैप अप टू डेट रहे जिससे किसी भी विकास कार्य को गति देने में कोई अड़चन पेश न आए. बता दें कि विभाग के वेबसाइट पर सड़कों का राज्य स्तरीय मैप उपलब्ध है.

पथ निर्माण के अभियंता प्रमुख हनुमान प्रसाद चौधरी ने इसको लेकर बिहार के सभी कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश जारी किया है. निर्देश पत्र में कहा गया है कि कार्यपालक अभियंता अपने जिले में पड़ने वाले सभी सड़कों को डिस्ट्रिक्ट मैप पर चिह्नित कर डिजिटली अपलोड करें. इसमें राष्ट्रीय उच्च पथ, राजकीय उच्च पथ और वृहद उच्च पथ को शामिल किया जाए. आलाधिकारियों के निरीक्षण के समय आसानी से डिजिटल मैप के आधार पर निरीक्षण किया जा सकता है. इसलिए इस कार्य को प्राथमिकता से करने को कहा गया है.

इस निर्देश में सबसे खास बात यह कही गई है कि डिजिटल रोड मैप को हर महीने अपडेट किया जाएगा ताकि हमेशा जिले की सड़कों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मिलती रहे. इसके साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि जिला मुख्यालय में अवस्थित कार्य पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता डिजिटल मैप के नोडल पदाधिकारी होंगे. अगर जिला मुख्यालय में दो या दो से अधिक कार्य पथ प्रमंडल हों तो ऐसी स्थिति में उक्त कार्य पथ प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंता आपसी समन्वय स्थापित कर समेकित डिजिटल रोड नेटवर्क मैप तैयार करेंगे.

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गौरतलब है कि पथ निर्माण विभाग के वेबसाइट पर सड़कों का राज्य स्तरीय नक्शा उपलब्ध है. इसी को बेस बनाते हुए डिस्ट्रिक्ट रोड मैप तैयार किया जाएगा. मैप का बैकग्राउंड सफेद रखने को कहा गया है और विभिन्न प्रकार की सड़कों को अलग-अलग रंग में दिखाया जाएगा. जैसे-नेशनल हाईवे को पीला, स्टेट हाईवे को हरा तो मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड यानी एमडीआर को काला रंग से दिखाया जाएगा.

डिजिटल मैप में सड़कों की लंबाई-चौड़ाई के साथ ही इसकी अद्यतन स्थिति की भी जानकारी रहेगी. अर्थात किस जिले में कितनी सड़कें हैं और उसमें से कौन किस स्थिति में है. कौन सड़क बेहतर है तो किसकी स्थिति सामान्य है. जबकि जिले की कौन-सी सड़क और कितनी लंबाई में जर्जर अवस्था में है. इसके आधार पर कार्ययोजना तैयार कर सड़कों को अपग्रेड करने की योजना बनाकर उस पर काम किया जाएगा.

Source : News18

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