वैशाली और सारण जिले के कुछ हिस्सों को अब पटना जिला के अंतर्गत लाया गया है. ऐसे में दो जिलों से जमीन मिलने के बाद सरकार द्वारा अब पटना जिलाधिकारी का क्षेत्राधिकार बढा दिया गया है. डीएम के क्षेत्राधिकार को लेकर राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार अब जेपी सेतु, पहलेजा घाट, कंगन घाट सहित सारण जिले की 3212 और वैशाली जिले की 331.5 एकड़ जमीन पटना जिले में आ गई है. इन जिलों की जमीन अब पूरी तरह से अधिकार और प्रशासनिक कमान अब पटना जिलाधिकारी के हाथ मे होगा. अब तक इन जिलों के चिन्हित ये सभी जमीन वैशाली और सारण डीएम के हाथों में थी, लेकिन सारण और वैशाली की कुल जमीन की बात करें तो 3543.5 एकड़ जमीन है जो कि अब वैशाली और सारण के डीएम के हाथों में नहीं होगी.
बता दें कि सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के दक्षिणवर्ती क्षेत्र के दियारा व नदी क्षेत्र की भूमि पटना जिले को स्थानांतरित हो गई है. सारण जिले की कुल 3212 एकड़ जमीन पटना जिला को मिली है. जेपी सेतु, पहलेजा घाट सहित नदी के उत्तर सोनपुर की ओर स्थित टोपोलैंड जमीन भी इसमें शामिल है. सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के दक्षिणवर्ती क्षेत्र के दियारा और नदी क्षेत्र की भूमि अब पटना जिले के अधीन है. सरकार द्वारा प्रशासनिक और भौगोलिक सुविधा के मद्देनजर सारण जिले की जमीन पटना जिले को स्थानांतरित की गई है.
इसी तरह से वैशाली जिले की 331.5 एकड़ जमीन पटना जिले में आ गई है. इन सभी जमीनों के क्षेत्राधिकार को लेकर लम्बे समय से चर्चा चल रही थी और फाइलें सचिवालय में ठप पड़ी थीं. पर अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस पर गहन मंथन किया और आखिरकार मंत्रिमंडल सचिवालय की तरफ से जमीन हस्तांतरण का ये प्रस्ताव अब स्वीकृत हो चुका है. जिसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी की है.
इसके मुताबिक पटना जिला प्रशासन ही हस्तांतरित इलाकों में पुलिस-प्रशासन से जुड़ी व्यवस्था बहाल करेगा. अब इन सभी क्षेत्रों की जमीन पर ना सिर्फ विधि-व्यवस्था का अधिकार और जिम्मा जिला प्रशासन पटना को होगा बल्कि अब इन जगहों पर कोई भूमि सम्बन्धी वाद विवाद का निपटारा भी डीएम पटना ही करेंगे.
Source : News18
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