तोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद इतिहास रच दिया। जहां एक तरफ देश भर में खुशियों की लहर है। वहीं, बिहार के सिवान जिले के रघुनाथपुर के छोटे से गांव कन्हौली में होली और दिवाली एक साथ मनाई गई। कहीं पटाखे फोड़े गए तो कहीं लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर बधाइयां दी।

Tokyo Olympic 2020 hockey player Vivek life family his relantion with bihar India vs argentina | टूटी हॉकी से देखे सपने को ओलंपिक में पूरा कर रहे हैं विवेक सागर, बिहार से

भला ऐसा हो भी क्यों न। किसने सोचा था कि इस गांव का लाल एक दिन ओलंपिक में इतिहास रचने वाली टीम का हिस्सा होगा। जी हां। हम बात कर रहे हैं, भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर की। कन्हौली विवेक का पैतृक गांव है। गुरुवार को हॉकी टीम के जीतने के बाद से ही इस गांव में अद्भुत दृश्य देखने को मिला। बच्चे हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। वहीं इलाके के प्रबुद्ध लोगों का जमावड़ा विवेक के घर पर लगा रहा।

Indian hockey midfielder Vivek Sagar Prasad is FIH Rising Star of the Year

मिठाइयां बांट कर ग्रामीणों ने एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। विवेक सागर के चाचा शिवनारायण प्रसाद और चाची मुन्नी देवी की आंखों में खानदान के नाम को रोशन होने की खुशियां साफ झलक रही थी। चाचा शिवनारायण प्रसाद ने कहा कि विवेक ने देश को सम्मान दिलाने का काम किया है। हमलोगों को उस पर नाज है।

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शिवनारायण प्रसाद ने कहा कि जल्द ही रोहित (विवेक के पिता) के गांव आने का कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। ग्रामीणों ने विवेक के पिता रोहित प्रसाद से फोन पर बात कर उन्हें भी बधाई दी। सिवान की सांसद कविता सिंह, गोरेयाकोठी के विधायक देवेशकांत सिंह, जदयू नेता अजय सिंह, राजद विधायक हरिशंकर यादव ने भी बधाई दी।

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