बिहार के सभी 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूलों में तब्दील करने की तैयारी तेज हो गई है। सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों के साथ संबद्ध (टैगिंग) करने का आदेश सभी जिलों को दिया है। बुधवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया और सप्ताह भर में रिपोर्ट देने को कहा। सरकार के इस कदम से माना जा रहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन अब प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूलों के रूप में सुनिश्चित करने की प्रक्रिया तेज हो गयी है। आंगनबाड़ी केंद्रों के तकरीबन 46 लाख बच्चे प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थी होंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल करते हुए नीतीश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द ही प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूल की मान्यता देने जा रही है। शिक्षा मंत्रालय व महिला बाल विकास मंत्रालय ने इसे लेकर पहले ही सहमति दे दी है।
खेल-खेल में पढ़ेंगे बच्चे, सेविकाएं सीखेंगी इसका तरीका
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत सेविकाओं को प्री-नर्सरी में दाखिल बच्चों को पढ़ाने-सीखाने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में इन्हें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का तरीका बताया जाएगा। इन्हें सिखाया जाएगा कि कैसे गीत, कविताएं और कहानियां शिक्षा का आधार बन सकती हैं। आंगनबाड़ी सेविकाओं को यह भी बताया जाएगा कि उनके कार्य का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा, ताकि वे ये सुनिश्चित कर सकें कि उनका पढ़ाया हुआ बच्चों की समझ में आया भी है या नहीं। आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल व नर्सरी स्कूल की तर्ज पर विकसित करने का जिक्र नई शिक्षा नीति में भी है। इसी दिशा में नीतीश सरकार आगे बढ़ते हुए आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित करने जा रही है। प्रशिक्षित होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके केंद्रों पर प्री-नर्सरी व नर्सरी स्कूल चलाने की अनुमति दी जाएगी।
Source : Dainik Jagran
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