बिहार में एनजीटी के निर्देशों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू खनन बंद रहने के बाद अब शुक्रवार से आठ जिलों के बालू घाटों में फिर से बालू का खनन शुरू हो जायेगा. इनमें नवादा, अरवल, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर जिला शामिल हैं.

हालांकि, इन जिलों में बंदोबस्ती की समय-सीमा 30 सितंबर तक के लिए ही थी, लेकिन सरकार ने पुराने बंदोबस्तधारियों को अगले तीन महीने तक बंदोबस्ती की समय- सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है. ऐसे में इन आठ जिलों में पुराने बंदोबस्तधारी ही बालू का खनन करेंगे. वहीं, अन्य आठ जिले में बालू घाटों की बंदोबस्ती टेंडर के माध्यम से होगी. इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है.

सूत्रों के अनुसार पिछले साल की समाप्ति के समय राज्य के 16 जिलों में बालू का खनन हो रहा था. 317 नदी घाटों की नयी बंदोबस्ती प्रक्रिया न्यायालय में विचाराधीन रहने के कारण पुराने बंदोबस्तधारियों को ही राजस्व बढ़ा कर खनन की अवधि के विस्तार का निर्णय सरकार के स्तर पर हुआ. इसके बाद पहले दो जिलों के बंदोबस्तधारियों, फिर एक जिला गया और उसके बाद पांच जिले के बंदोबस्तधारियों ने बालू खनन से मना कर दिया.

उचित कीमत पर मिलेगा बालू

गया जिले के नदी घाटों के बंदोबस्तधारी ने भी इससे पहले बालू का खनन बंद कर दिया था. इसके बाद से सभी छह जिलों के बालू घाटों की बंदोबस्ती नये सिरे से करने की तैयारी की जा रही थी.
इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति नये सिरे से करना बड़ी समस्या थी. ऐसे में पुराने बंदोबस्तधारी को नदी घाटों पर खनन के लिए पहले से मिली पर्यावरणीय स्वीकृति को नये बंदोबस्तधारी को स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने की जरूरत महसूस की गयी.

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Source: Prabhat Khabar

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