पटना. बिहार में सरकारी नौकरी के नाम पर आए दिन बड़ी ठगी और घोटाला के मामले सामने आते रहे हैं. आज एक बार फिर नौकरी के नाम पर पटना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस बार इसके शिकार कोई और नहीं, बल्कि बिहार के MBBS पास डॉक्टर हुए हैं. बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के नाम से बिहार में सैकड़ों पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी, मगर डॉक्टरों को पहुंचने के बाद पता चला कि ये तो फर्जीवाड़ा है. आज यानी 26 मई को इन सभी अभ्यर्थियों को 11 बजे पटना के आयुर्वेदिक कॉलेज में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था.

सुबह इंटरव्यू के लिए जब बड़े संख्या में डॉक्टर के अभ्यर्थी पहुंचे तो पता चला कि वैकेंसी ही फर्जी था. राज्य स्वास्थ्य समिति ने ऐसी कोई वैकेंसी नहीं निकाली थी. पटना आयुर्वेदिक कॉलेज के गेट पर राज्य स्वाथ्य समिति द्वारा एक सूचना चिपका दिया गया, जहां बताया गया कि यह वैकेंसी पूरी तरह से फर्जी है और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी कोई वैकेंसी निकाली ही नहीं.

सभी अभ्यर्थियों से मांगे गए थे 2400 रुपए

विभिन्न पदों के लिए सैकड़ों की संख्या में स्वास्थ्य विभाग के नाम पर वैकेंसी निकाली गई थी. इस विज्ञापन में चिकित्सा पदाधिकारी के साथ डेंटल डॉक्टर, एनेस्थिसिया, सफाई कर्मचारी और चपरासी के पद पर वैकेंसी निकाली गई थी. सभी अभ्यर्थियों से इंटरव्यू के लिए 2400 रुपए की रकम भी मांगी गई थी.

अभ्यर्थियों ने कठोर कार्रवाई की मांग की

स्वास्थ्य समिति के नाम पर निकाले गए फर्जी वैकेंसी में इंटरव्यू देने के लिए लॉकडाउन में भी बिहार के दूर दराज के जिलों से भी MBBS पास डॉक्टर और लोग पहुंचे थे. मोतिहारी और गोपालगंज से पहुंची महिला अभ्यर्थियों में बताया कि लॉकडाउन में मोतिहारी से बड़ी मुश्किल से पटना पहुंची थी, पर पता चला कि हमारे साथ फर्जीवाड़ा हुआ है. सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सभी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि ऐसे बड़े फर्जीवाड़े करने वालो को कठोर सजा दी जाए, ताकि अगले बार से लोग इसके शिकार न हो.

Source : News18

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