बिहार के प्राथमिक-मध्य विद्यालय के बाद अब हाईस्कूल और प्लस टू स्कूल के शिक्षकों को भी ऑनलाइन ट्रेनिंग कराई जा रही है। मुजफ्फरपुर के तीन हजार से अधिक हाई स्कूल-प्लस टू के शिक्षकों को यह ट्रेनिंग करनी है। इस ऑनलाइन ट्रेनिंग को कराने के लिए जिले में टेक्निकल एक्सपर्ट की एक टीम बनाई गई है। ट्रेनिंग किस तरह करनी है और कितने दिनों में पूरा कर लेनी है, इसको लेकर यह टीम इन शिक्षकों को ट्रेंड करेगी।
दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों को यह ट्रेनिंग करनी है।
हाईस्कूल और प्लस टू स्कूल के शिक्षकों को कुल 13 कोर्स करना है। इसमें 12 जेनेरिक और एक विषय आधारित पेडागोजी कोर्स पूरा करना है। एक जेनेरिक कोर्स को पूरा करने के लिए तीन से चार घंटे तथा पेडागोजी कोर्स पूरा करने के लिए 24 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। 30 दिनों में तीन कोर्स को पूरा करना है यानी एक कोर्स को पूरा करने के लिए शिक्षकों को अधिकतम 10 दिन का समय मिलेगा। प्रत्येक कोर्स के अंत में शिक्षकों का एक टेस्ट लिया जाएगा। इसमें 20 प्रश्न विकल्प के साथ रहेंगे। इस टेस्ट में पास करने के लिए शिक्षकों को 70% अंक लाना अनिवार्य है। तभी संबंधित कोर्स का सर्टिफिकेट शिक्षक को मिल पाएगा।
हर कोर्स में पास होने के लिए मिनेगा तीन मौका
हर कोर्स में एसेसमेंट टेस्ट को पूरा कर 70% अंक लाने के लिए तीन मौके मिलेंगे। तीन प्रयास के बाद भी अगर शिक्षक 70% अंक नहीं ला पाते हैं तो उन्हें पुनः मौका नहीं मिलेगा और संबंधित कोर्स उनका अपूर्ण ही माना जाएगा। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान अमरेंद्र पांडे ने बताया कि प्रखंड स्तर पर सभी बीईओ को यह जिम्मेदारी दी गई है कि सभी शिक्षक इन 13 कोर्स का ट्रेनिंग हर हाल में करें। ट्रेनिंग से संबंधित रिपोर्ट हर 15 दिन पर बीईओ के माध्यम से जिला कार्यालय में भेजी जानी है।
शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग करने में कई दिक्कत न हो, इसके लिए जिले में सात सदस्यीय टेक्निकल एक्सपर्ट टीम गठित की गई है। इसमें डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान के साथ ही टेक्निकल समूह में जितेंद्र कुमार, अमित कुमार कुमारी, अनुपम, श्वेता कुमारी, शैलेंद्र कुमार और दिनेश राम को शामिल किया गया है। डीपीओ ने कहा कि शिक्षकों को ट्रेनिंग में किसी भी प्रकार से तो यह टीम में शामिल सदस्य उनकी मदद करेंगे और ट्रेनिंग संबंधित सारी जानकारी देंगे।
Input: live hindustan